अपनी बेटी से दुष्कर्म करने पर बड़े बेटे हरिलाल से आहत थे बापू
http://www.jagran.com/news/world-gandhis-letter-accusing-son-of-rape-up-for-auction-in-uk-11312679.html?src=p1
अपनी बेटी से दुष्कर्म करने पर बड़े बेटे हरिलाल से आहत थे बापू
लंदन। महात्मा गांधी बड़े बेटे हरिलाल के चाल-चलन को लेकर खासे आहत थे।
उन्होंने हरि को तीन विस्फोटक पत्र लिखे। जिनकी नीलामी अगले सप्ताह
इंग्लैंड में की जाएगी। इन पत्रों में गांधी ने बेटे के व्यवहार पर गहरी
चिंता जताई थी।
नीलामीकर्ता 'मुलोक' को इन तीन पत्रों की नीलामी से 50 हजार पौंड (करीब
49 लाख रुपये) से 60 हजार पौंड (करीब 59 लाख रुपये) प्राप्त होने की
उम्मीद है। ये पत्र राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने जून, 1935 में लिखे थे।
हरिलाल के अनुचित व्यवहार पर गांधी जी ने पत्र में लिखा, 'तुम्हें यह जानना
चाहिए कि मेरे लिए तुम्हारी समस्या हमारी राष्ट्रीय स्वतंत्रता से अधिक
कठिन हो गई है।' पत्र में उन्होंने कहा, 'मनु ने मुझे तुम्हारे बारे में
बहुत सी खतरनाक बातें बताई हैं। उसका कहना है कि तुमने आठ वर्ष पहले उसके
साथ दुष्कर्म किया था। जख्म इतना ज्यादा था कि उसे इलाज कराना पड़ा।' गौरतलब
है कि मनु गांधी जी पोती और हरिलाल की बेटी थीं।
मुलोक द्वारा जारी बयान में कहा गया है, 'ये पत्र गुजराती में लिखे गए
और अच्छी हालत में हैं। जहां तक हमारी जानकारी है इन्हें सार्वजनिक रूप ने
पहले कभी नहीं देखा गया। इनसे गांधी जी के बेटे के संबंध में परेशानी की नई
जानकारी मिलती है।'
हरिलाल पिता की तरह बैरिस्टर बनने के लिए इंग्लैंड जाकर पढ़ाई करना
चाहते थे। गांधी जी ने इससे मना कर दिया। उनका मानना था कि पश्चिमी शिक्षा
ब्रिटिश शासन के खिलाफ संघर्ष में मददगार साबित नहीं होगी। इसके बाद हरिलाल
ने 1911 में परिवार से संबंध तोड़ लिया। फिर जीवनभर पिता से उनके संबंध
खराब ही बने रहे। एक अन्य पत्र में गांधी जी ने कहा, 'मुझे बताओ कि क्या
तुम अब भी अल्कोहल और विलासिता में रुचि रखते हो। मेरे विचार से अल्कोहल का
सहारा लेने से ज्यादा अच्छा तो तुम्हारे लिए मर जाना है।'