Tuesday, October 29, 2013

कराची में रचा गया था कल बिहार में नरेंद्र मोदी की हत्या का षड्यंत्र :

पाकिस्तान के कराची में रचा गया था कल बिहार में नरेंद्र मोदी की हत्या का षड्यंत्र : 

भारत के कुछ मुस्लिम लड़कों को पकिस्तान में बुलाकर पूरी ट्रेनिंग दी गई थी नरेंद्र मोदी कि हत्या करने की.... 

रांची/अहमदाबाद -!- 

आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन ((आईएम)) ने मोदी की हत्या का षड्यंत्र रांची व कराची में रचा था। यह खुलासा धमाके के बाद पकड़े गए संदिग्ध से पूछताछ में हुआ है। पुलिस ने रांची से दो संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की है। इनमें से एक की हालत गंभीर है। वहीं दूसरे आरोपी इम्तियाज से कई चौंकाने वाली जानकारी मिली है। इम्तियाज के मुताबिक, आईएम के आकाओं ने कराची में योजना बनाई थी कि पटना में सभा के दौरान धमाके किए जाएं, जिसमें मोदी सहित अनेक नेता मारे जाएं। कराची व रांची में आईएम की बैठक भी हुई थी। इम्तियाज दो दिन पहले ही पटना गया था। विस्फोट लिए दो लाख रुपए और विस्फोटक सामग्री उपलब्ध कराई गई।


अबु फैजल की भूमिका की जांच पटना में हुए धमाकों के मामले में हाल ही में मध्यप्रदेश की खंडवा जेल से फरार आईएम आतंकी अबु फैजल की भूमिका की भी जांच की जा रही है। अबु के साथ प्रतिबंधित संगठन सिमी के कई आतंकी भी फरार हैं।

http://www.indiaeveryday.in/fullnews-----------1306-6084804.htm


Sunday, October 27, 2013

बाबा साहब भीम राव अंबेडकर



बाबा साहब भीम राव अंबेडकर 

हिन्दू मुस्लिम एकता एक अंसभव कार्य हैं भारत से समस्त मुसलमानों को पाकिस्तान भेजना और हिन्दुओं को वहां से बुलाना ही एक हल है । यदि यूनान तुर्की और बुल्गारिया जैसे कम साधनों वाले छोटे छोटे देश यह कर सकते हैं तो हमारे लिए कोई कठिनाई नहीं । साम्प्रदायिक शांति हेतु अदला बदली के इस महत्वपूर्ण कार्य को न अपनाना अत्यंत उपहासास्पद होगा । विभाजन के बाद भी भारत में साम्प्रदायिक समस्या बनी रहेगी । पाकिस्तान में रुके हुए अल्पसंख्यक हिन्दुओं की सुरक्षा कैसे होगी ? मुसलमानों के लिए हिन्दू काफिर सम्मान के योग्य नहीं है । मुसलमान की भातृ भावना केवल मुसमलमानों के लिए है । कुरान गैर मुसलमानों को मित्र बनाने का विरोधी है , इसीलिए हिन्दू सिर्फ घृणा और शत्रुता के योग्य है । मुसलामनों के निष्ठा भी केवल मुस्लिम देश के प्रति होती है । इस्लाम सच्चे मुसलमानो हेतु भारत को अपनी मातृभूमि और हिन्दुओं को अपना निकट संबधी मानने की आज्ञा नहीं देता । संभवतः यही कारण था कि मौलाना मौहम्मद अली जैसे भारतीय मुसलमान भी अपेन शरीर को भारत की अपेक्षा येरूसलम में दफनाना अधिक पसन्द किया । कांग्रेस में मुसलमानों की स्थिति एक साम्प्रदायिक चौकी जैसी है । गुण्डागर्दी मुस्लिम राजनीति का एक स्थापित तरीका हो गया है । इस्लामी कानून समान सुधार के विरोधी हैं । धर्म निरपेक्षता को नहीं मानते । मुस्लिम कानूनों के अनुसार भारत हिन्दुओं और मुसलमानों की समान मातृभूमि नहीं हो सकती । वे भारत जैसे गैर मुस्लिम देश को इस्लामिक देश बनाने में जिहाद आतंकवाद का संकोच नहीं करते ।
प्रमाण सार डा अंबेडकर सम्पूर्ण वाग्मय , खण्ड १५१

राजीव जी : राईट टू रिकाल



शहीद होने के दो दिन पहले का विडिओ (दो मिनट का विडिओ )

http://www.youtube.com/watch?v=oOhuEKEppbw

राजीव जी ने पूरा जीवन लगाया देश के लिए ,,निस्वार्थ ,,,जो उन्होंने बोल दिया किसी और में हिम्मत ही नहीं बोलने की ,,,किसी पार्टी नेता में wto का विरोध करने की हिम्मत ही नहीं 

http://www.youtube.com/watch?v=Fbc7TLzhL24(ये विडिओ जरुर देखें मात्र दो मिनट का है ),,

किसी पार्टी के नेता ने wto का विरोध किया हो तो लिंक दीजिए कमेंट में l

खैर राजीव जी के व्याख्यान सभी चीजो पर मिल जाएंगे l बगैर सरकार में शामिल हुए जनता कैसे विदेशी कंपनियों का विरोध कर सकती है ये उनका मेन उद्देश्य था वो उद्देश्य था स्वदेशी भारत l जीवन लगा दिया इसी में l

बीच बीच में वो राईट टू रिकाल की बात करते रहते थे,हमारा राईट टू रिकाल ग्रुप भी संपर्क में था उनके ,,कुछ विडिओ उनके राईट टू रिकॉल पर दे रही हूँ l

छोटे छोटे मात्र दो दो मिनट के विडिओ हैं देखें जरुर ,

http://www.youtube.com/watch?v=vw3wAtobibM(राईट टू रिकाल पर )

http://www.youtube.com/watch?v=RzdskyJtQj0(क्रान्ति संसद के बाहर होगी )
http://www.youtube.com/watch?v=plEexDuI180 (अभी तक किन किन लोगो ने राईट टू रिकाल की बात की है )

http://www.youtube.com/watch?v=fYKTUd-IfqQ(क्रान्ति संसद के बाहर होगी पार्ट दो )

http://www.youtube.com/watch?v=PqSejJ5OhwY(नारको जांच की मांग करते हुए राजीव जी )

http://www.youtube.com/watch?v=Fbc7TLzhL24(ये विडिओ जरुर देखें,,सभी पार्टी के नेता अमेरिका के चमचे )

http://www.youtube.com/watch?v=MYdVVKp8ZE4(मगसेसे अवार्ड वाले देश द्रोही )

http://www.youtube.com/watch?v=6mcnwT6qUPA(मिडिया की पोल खोलते हुए )

http://www.youtube.com/watch?v=9YhGpk8u5ZM(बाबा रामदेव नारको जाँच की मांग करते हुए ,,,प्राइवेट में नारको जांच नहीं पब्लिक में नारको जांच होनी चाहिए )

http://www.youtube.com/watch?v=_jyo5_1GP5Y(ये विडिओ जरुर देखें ,,आपकी भाषा में समझाया है राईट टू रिकाल,,अजय गोयल जी को बधाई )

http://www.youtube.com/watch?v=pNZCb3JOR84(कार खराब है तो ड्राइवर को क्यों बदले ,,,कार को बदलिए ,,सिस्टम बदलिए )

http://www.youtube.com/watch?v=IEOyUnup6O8(अंग्रेजो ने हथियार छीने हिन्दुओ से ...लाइसेंस का कानून दे दिया )

http://www.youtube.com/watch?v=Vm8Etf0XTZI(कौन कौन गद्दार हैं इतिहास में ,,सुनिए )

http://www.youtube.com/watch?v=5LKZpS8m3-0(हामरे राईट टू रिकाल मेंबर द्वारा बनाया गया विडिओ ,,,,कैसे राईट टू रिकाल आएगा सुनिए राजीव जी को )

http://www.youtube.com/watch?feature=endscreen&v=rIAMa32ON_M&NR=1(हमारे ग्रुप का विडिओ,,,राजीव दिक्सित जी राईट टू रिकाल समझाते हुए )

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उपसंहार ==क्यों दिया मैंने ये हत्या के दो दिन पहले का विडिओ ,,,,

दोस्तों विदेशी ताकतों ,,जिनका जीवन भर राजीव दिक्सित जी ने विरोध किया ,,,उन्ही के द्वारा हत्या हुई ,,,,हत्या हॉस्पिटल में की गई ,,,इससे जादा मुझे मालूम नहीं ,,सीबीआई तो हूँ नहीं ,,,,बाबा जी के ऊपर दबाव था ,क्यों की आरोप उन्ही के ऊपर मढ़ा जा रहा था और ,,आन्दोलन धीमा न हो इसलिए ,,इसलिए बाबा जी को ह्रदय घात बताना पड़ा ,,कुछ भी गलत नहीं किया बाबा जी ने मेरे हिसाब से ,,,

आखिर विदेशियों का विरोध तो वो पहले से करते थे तो पहले ऐसी घटना क्यों नहीं हुई ,,हाँ धमकी उनको मिलती रहती थी ,,,ऐसा उन्होंने विडिओ में भी बोला है ,,,

हत्या का मुख्य कारण राईट टू रिकाल पर जनांदोलन रुकवाना था l और फिर बाद में जन्लोक्पाल जैसे विदेशी mnc कानून पर आन्दोलन करवाना था ,,ये चाल थी विदेशी ताकतों की l

यही कारन है मेरे जीवन का उद्देश्य राईट टू रिकाल है और उन विदेशी ताकतों की पोल खोलना जिन्हें अब मै इल्लुमिनाती कहती हूँ ,,

जी हाँ इल्लुमिनाती नेटवर्क ने राजीव जी की हत्या करवाई lक्या है इल्लुमिनाती का इतिहास ,,अभी वो कैसे काम कर रही है इस पोस्ट को पढ़ें ,,पोस्ट पढना न भूले ,,,धन्यवाद,

वेटिकेन के पॉप को खाद्य सुरक्षा बिल की कॉपी क्योँ दी गई ?



भारत सरकार के मंत्री के द्वारा वेटिकेन के पॉप को खाद्य सुरक्षा बिल की कॉपी क्योँ दी गई ?
१. क्या भारत की मोजुद सरकार वेटिकेन के अधीन काम करती है ?
२. क्या भारत की मोजुद सरकार की नीतियाँ इसाई धर्म प्रचार के लिए काम कर रही हैं ?
३. भारत की संविधान की किस धारा के तेहत ऐसा किया गया ?
४. क्या येही UPA का धर्मनिरपेक्ष चेहरा है ?
Prof Thomas presents booklet on Food Security to Pope Francis
http://pib.nic.in/newsite/erelease.aspx?relid=99965

Saturday, October 26, 2013

न्याय का भयंकर मजाक

न्याय का भयंकर मजाक

Updated on: Sat, 26 Oct 2013 06:30 AM (IST)
mockery of justice
न्याय का भयंकर मजाक
दो साल पहले ठंडे बस्ते में गया 'सांप्रदायिक और लक्षित हिंसा निरोधक विधेयक' कानून में बदलने के लिए पुन: संसद में रखा जाने वाला है। शासकीय जिम्मेदारी उठाए वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने इसकी जरूरत 'अल्पसंख्यकों' के हित में बताई है। उनकी बात में स्पष्ट ध्वनि है मानो सांप्रदायिक हिंसा के शिकार केवल अल्पसंख्यक यानी मुसलमान रहे हैं। यही दर्शन उस विधेयक में भी है। सांप्रदायिक हिंसा रोकने के नाम पर यह ऐसे कानून का प्रस्ताव है जो किसी सांप्रदायिक हिंसा के लिए सदैव 'बहुसंख्यकों' या हिंदुओं को दोषी मानकर चलेगा। यह कानून बन जाने पर किसी अज्ञात व्यक्ति की शिकायत पर भी कोई हिंदू गिरफ्तार किया जा सकेगा, यदि शिकायत सांप्रदायिक विद्वेष फैलाने की हो। मगर ऐसी शिकायत किसी 'अल्पसंख्यक' के विरुद्ध लागू नहीं होगी। अत: आरंभ से ही किसी हिंदू को ही दोषी मानकर चला जाएगा। उसकी कोई टीका-टिप्पणी भी सांप्रदायिक हिंसा उकसाने जैसी बात मानी जाएगी, जो दंडनीय होगा। इस प्रकार प्रस्तावित कानून स्थायी रूप से हिंदुओं के मुंह पर सदा के लिए ताला लगा देगा।
इस विधेयक के अनुसार देश भर में सांप्रदायिकता पर निगरानी करने वाला एक सर्वोच्च प्राधिकरण होगा। यह प्राधिकरण सांप्रदायिक हिंसा रोकने में विफलता आदि के लिए राज्य सरकारों तक को बर्खास्त कर सकेगा। इस प्राधिकरण में 'अल्पसंख्यक' अधिक संख्या में रखे जाएंगे, क्योंकि विधेयक की स्थायी मान्यता है कि हर हाल में, कहीं भी, कभी भी सांप्रदायिक हिंसा निरपवाद रूप से बहुसंख्यक ही करेंगे। अत: किसी सांप्रदायिक मामले की जांच तथा निर्णय करने वाली इस अथॉरिटी में गैर-हिंदू ही निर्णायक संख्या में होने चाहिए। इसमें यह कल्पना है कि हिंदू तो हिंदू दंगाई के लिए पक्षपात करेगा, किंतु गैर-हिंदू पक्षपात नहीं कर सकता।
नि:संदेह स्वतंत्र भारत में सामुदायिक भेदभाव के आधार पर बनने वाला यह सबसे विचित्र कानून होगा। न्याय, सच्चाई और संविधान के साथ ऐसा भयंकर मजाक कौन लोग कर रहे हैं? क्या उन्हें भारत में सांप्रदायिक दंगों और हिंसा का इतिहास पता भी है? राष्ट्रीय एकता परिषद में प्रस्तुत गृह मंत्रालय की एक रिपोर्ट के अनुसार देश में सन 1968 से 1970 के बीच हुए 24 दंगों में 23 दंगे मुस्लिमों द्वारा आरंभ किए गए थे। उसके बाद से आज तक हुई सांप्रदायिक हिंसा की भी लगभग वही तस्वीर है। गोधरा से लेकर मऊ और उदालगिरि से लेकर मराड तक ऐसी हिंसा क्या बहुसंख्यक समुदाय ने आरंभ की? और पीछे चलें, तो अलीगढ़ दंगे , जमशेदपुर (1979), मुरादाबाद (1980), मेरठ (1982), भागलपुर (1989), बंबई (1992-93) भी किसने शुरू किए थे? यह बुनियादी सच्चाई न केवल हर कहीं स्थानीय जनता जानती है, बल्कि जांच आयोगों की रिपोर्टो में भी दर्ज है। जस्टिस जितेंद्र नारायण आयोग (जमशेदपुर दंगा), जस्टिस आरएन प्रसाद आयोग (भागलपुर दंगा) की रिपोर्टो में क्या पाया गया था?
कड़वी सच्चाई यह है कि हर बार यहां बहुसंख्यक समाज को सांप्रदायिक हिंसा का भयानक दंश झेलना पड़ता है। यही स्वतंत्रता-पूर्व भी होता था। तुर्की में खलीफत खत्म होने (1921) पर यहां मोपला तथा अनगिनत स्थानों पर हिंदुओं को मारा गया। वह सब बार-बार देखकर महात्मा गांधी जैसे व्यक्ति को भी कहना पड़ा कि एक वर्ग स्वभाव से ही आक्रामक होता है। सांप्रदायिक हिंसा के संबंध में यह समकालीन सच्चाई गांधी ही नहीं, बंकिमचंद्र, श्रीअरविंद, एनी बेसेंट, रवींद्रनाथ टैगोर, बाबा साहेब अंबेडकर जैसे अनेकानेक मनीषी नोट कर चुके हैं। यदि सांप्रदायिक हिंसा को रोकने की सच्ची चिंता हो तब पहले देश में हुए प्रत्येक दंगे और हिंसा की पूरी जानकारी जनता के सामने रखी जाए। यह गिना जाए कि एक-एक दंगे की शुरुआत कैसे हुई, किसने की। तब स्वत: तय हो जाएगा कि समुदाय के आधार पर आगामी हिंसा से सुरक्षा किसको चाहिए? सच यह है कि कथित बहुसंख्यक होते हुए भी हिंदुओं का ही पीड़ित, शासित होना एक स्थायी स्थिति है। गांधीजी ने उसी को अपनी तरह से कहा था। ब्रिटिश शासन में भी कथित अल्पसंख्यक ही भारत के बहुसंख्यकों के उत्पीड़क थे। स्वतंत्रता पूर्व भारत में सांप्रदायिक दंगों का पूरा इतिहास इसकी अकाट्य गवाही है। डॉ. अंबेडकर ने अपनी पुस्तक 'पाकिस्तान ऑर पार्टीशन ऑफ इंडिया' में अनगिनत दंगों का विस्तृत उल्लेख किया है। इसके अध्याय 7 से 12 तक पढ़कर स्वत: स्पष्ट हो जाएगा कि भारत में समुदाय के आधार पर कौन उत्पीड़क और कौन उत्पीड़ित रहा है।
स्वतंत्रता-पूर्व भारत के दंगे खुले तौर पर एकतरफा होते थे, जिनका मतलब ही था बहुसंख्यकों का संहार। यहां तक कि जिन्ना ने इस तथ्य का उपयोग भारत-विभाजन की मांग मनवाने के लिए भी किया था कि यदि पाकिस्तान की मांग न मानी गई तो मुस्लिम लीग के 'डायरेक्ट एक्शन' (कलकत्ता, 1946) जैसा सामूहिक संहार और किया जाएगा। जिन्ना के अपने शब्दों में, अब हिंदुओं का भी हित इसी में है कि वे पाकिस्तान की मांग स्वीकार कर लें, चाहे तो केवल हिंदुओं को कत्लेआम और विनाश से बचाने के लिए ही। क्या ऐसे अहंकारी बयान स्वयं नहीं बताते कि सामुदायिक बल पर हिंसा कौन करता और कौन झेलता है? जवाहरलाल नेहरू ने भी मुस्लिम लीग की पहचान यही बताई थी कि वह 'सड़कों पर हिंदू-विरोधी हिंसा करने के सिवा और कुछ नहीं करती'। विभाजन से पहले भारत में सांप्रदायिक दंगों के पीड़ित समुदाय का एक ही अर्थ था-बेचारे हिंदू! मगर विभाजन के बाद के भारत में भी स्थिति मूलत: नहीं बदली। कश्मीर से पूर्णत: और असम, केरल के कई इलाकों से अंशत: केवल हिंदू ही मार भगाए गए। अभी भारत में असंख्य ऐसे इलाके और बस्तियां हैं जहां पुलिस तक जाने से डरती है। इनमें कोई हिंदू बस्ती नहीं।
जिस अल्पसंख्यक वर्ग में देश का विभाजन करा देने और उसके बाद भी हिंसा के बल पर भारत के इलाके दर इलाके खाली कराने की साम‌र्थ्य हो वह कतई पीड़ित, विवश या भयाकुल नहीं माना जा सकता। वास्तव में दिनों-दिन अल्पसंख्यक ताकत का दबाव भारतीय सामाजिक, राजनीतिक, कानूनी, शैक्षिक आदि क्षेत्रों में बढ़ता जा रहा है। प्रस्तावित कानून भी इसी का संकेत है। अधिकांश नेता, नीति-निर्माता यह जानते हैं, किंतु बोलते उल्टा हैं। यह विचित्र दुरभिसंधि एक खतरनाक संकेत है।
[एस. शंकर: लेखक वरिष्ठ स्तंभकार हैं]
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Thursday, October 24, 2013

साम्प्रदायिक दंगा निषेध कानुन एक्ट 2011

मित्रो ..इस महत्वपूर्ण पोस्ट को ध्यान से पढ़िए ..व ज्यादा से ज्यादा शेयर भी करिये ..

साम्प्रदायिक दंगा निषेध कानुन एक्ट 2011 जिसको हम द कम्युनल वोइलेन्स बिल के नाम से जानते है इसे शीत कालीन सत्र में केन्द्र की कांग्रेस सरकार के द्वारा संसद मे पास करवाया जाने वाला है । इस बिल को सपा, बसपा, जेडीयू, डीएमके, एनसीपी आदि दलों का समर्थन प्राप्त है |
इस बिल के द्वारा भारत मे रहने वाले तथाकथित अल्पसंख्यकों को सुरक्षा देने के नाम पर यहा के मुल निवासी हिन्दुओ के मन मे असुरक्षा का भाव पैदा करने व् हिन्दुओ को भारत में दोयम दर्जे का नागरिक बनाने की साजिश
रचि जा रही है |

ये बिल सोनिया गाँधी के राजनितिक सलाहकार अहमद पटेल ने अरब देशो के ईशारे पर भारत को धीरे धीरे मुस्लिम देश बनाने के लिए ही ड्राफ्ट करवाया है | क्योकि अहमद पटेल बहुत ही कट्टर सुन्नी मुस्लिम है जो हर बकरीद पर अपने हाथो से कई जानवरों का गला रेतता है और अब ये हिन्दुओ का गला रेतना चाहता है |
अगर भारत मे रहने वाले सभी गैर मुस्लिम नागरिक ( हिन्दु ,जैन, सिख्ख, बौद्ध, पारसी, इसाई ) इस बिल का विरोध नहि करते है , तो इस बिल के पास होने के बाद बहुत जल्द ही देश में अराजकता फ़ैल जाएगी और लाखो गैर मुस्लिम जेल में होंगे । इस बिल मे सविंधान के अनुच्छेदो को देखते हुए कोई परिपक्वता नही हे । इस कारण इस बिल को गंभिरता से नही लिया जा सकता हे, क्योकि इस बिल मे देश को साम्प्रदायिक दंगो से बचाने के नाम
पर केवल हिन्दुओ पर कानुनी कार्यवाही के प्रावधान है जो कि केवल तथाकथित अल्पसंख्यकों को बचाने व उनके होसलो को बढ़ावा देने के लिये हे ।

विश्व के हर दंगो का इतिहास देखिये ..दुनिया के किसी भी कोने के दंगो की शुरुआत मुसलमानों ने ही की है |
तथाकथित अल्पसंख्यकों को इस बिल के द्वारा इस देश मे रहने वाले हिन्दुओ को हर प्रकार से द कम्युनल वोइलेन्स बिल का डर दिखा कर अपनी योजना के अनुसार, फ़िर चाहे वह धर्मांतरण हो या जिहाद या लव जिहाद अपने अपने तरिको से प्रताडित करने का अधिकार मिल जायेगा।..

इस बिल का सीधा अर्थ ये है ...ध्यान से पढ़िए मित्रो ...
1) कानून-व्यवस्था का मामला राज्य सरकार का है, लेकिन इस बिल के अनुसार यदि केन्द्र को "महसूस" होता है तो वह साम्प्रदायिक दंगों की तीव्रता के अनुसार राज्य सरकार के कामकाज में हस्तक्षेप कर सकता है और उसे बर्खास्त कर सकता है… (इसका मोटा अर्थ यह है कि यदि 100-200 कांग्रेसी अथवा 100-50 जेहादी तत्व किसी राज्य में दंगा फ़ैला दें तो राज्य सरकार की बर्खास्तगी आसानी से की जा सकेगी)

2) इस प्रस्तावित विधेयक के अनुसार दंगा हमेशा "बहुसंख्यकों" द्वारा ही फ़ैलाया जाता है, जबकि "अल्पसंख्यक" हमेशा हिंसा का लक्ष्य होते हैं| इस बिल में हिन्दुओ को "दंगाई" शब्द से सम्बोधित किया गया है |

3) यदि दंगों के दौरान किसी "अल्पसंख्यक" महिला से बलात्कार होता है तो इस बिल में कड़े प्रावधान हैं, जबकि "बहुसंख्यक" वर्ग की महिला का बलात्कार होने की दशा में इस कानून में कुछ नहीं है…इस बिल में कहा गया है की हिन्दू महिलाओ पर दंगो के दौरान हुए बलात्कार पर मुस्लिमो को दोषी नही माना जाएगा |

4) किसी विशेष समुदाय (यानी अल्पसंख्यकों) के खिलाफ़ "घृणा अभियान" चलाना भी दण्डनीय अपराध
है (फ़ेसबुक, ट्वीट और ब्लॉग भी शामिल)… जबकि अल्पसंख्यक वर्ग को ..बहुसंख्यक के खिलाफ कुछ भी लिख बोल सकने के लिए आज़ाद है

5) "अल्पसंख्यक समुदाय" के किसी सदस्य को इस कानून के तहत सजा नहीं दी जा सकती यदि उसने
बहुसंख्यक समुदाय के व्यक्ति के खिलाफ़ दंगा अपराध किया है चाहे वो सांप्रदायिक दंगो के दौरान .बहुसंख्यक वर्ग
कि माँ ,बहिन ,बहु ,बेटी की इज्जत लुटे (क्योंकि कानून में पहले ही मान लिया गया है कि सिर्फ़ "बहुसंख्यक समुदाय" ही हिंसक और आक्रामक होता है, जबकि अल्पसंख्यक तो अपनी आत्मरक्षा कर रहा है)…

इस विधेयक के तमाम बिन्दुओं का ड्राफ़्ट तैयार किया है, सोनिया गाँधी की "किचन कैबिनेट" के सुपर-सेकुलर सदस्यों एवं अण्णा को कठपुतली बनाकर नचाने वाले IAS व NGO गैंग के टट्टुओं ने… इस बिल की ड्राफ़्टिंग कमेटी के सदस्यों के नाम पढ़कर ही आप समझ जाएंगे कि यह बिल "क्यों", "किसलिये" और "किसको लक्ष्य बनाकर" तैयार किया गया है…।

प्रारूप बनाने वाली समिति के सदस्य
1.गोपाल सुब्रमनियम
2.मजा दारूवाला
3.नजमी वजीरी
4. P.I.जोसे
5.प्रसाद सिरिवेल्ला
6. तीस्ता सीताल्वाडा
7. उषा रामनाथन (२० Feb २०११ तक )
8. वृंदा ग्रोवर (२० Feb २०११तक )
9. फराह नकवी
10. हर्ष मंदर
और इस बिल के सलाहकार समिति के सदस्य
1.अबुसलेह शरफ
2.असगर अली इंजिनियर
3.गगन सेठी
4. H.S फुल्का
5. जॉन दयाल
6. न्यायमूर्ति होस्बेत सुरेश
7. कमाल फारुकी
8. मंज़ूर आलम
9.मौलाना निअज़ फारुकी
10.राम पुनियानी
11. रूपरेखा वर्मा
12. समर सिंह
13. सौम्य उमा
14.शबनम हाश्मी
15. मारी स्कारिया
16. सुखदो थोरात
17. सैयद शहाबुद्दीन
18. उमा चक्रवर्ती
19.उपेन्द्र बक्सी
इस बिल का हम फेसबुक के साथ साथ ..अपने
नजदीकी किन्ही ""हिन्दू संघठन''''से जुड़ कर
भारी संख्या में विरोध कर सकते है ..
जय हिन्द जय भारत वन्देमातरम
______________________________
_________
"जन-जागरण लाना है तो पोस्ट को Share
करना है।"

Monday, October 21, 2013

आज-तक, ABP, NDTV इत्यादि यह सब विदेशी सरकारी कठपुतलिया है

फाड़ दो अखबार. बंद कर दो न्यूज़ चैनल.. आज-तक, ABP, NDTV इत्यादि यह सब विदेशी सरकारी कठपुतलिया है 

Sunday, October 20, 2013

गोबर गैस प्लांट

दोस्तों मेरे घर में तो गौमाता के गोबर से मैंने जो छोटा गोबर गैस प्लांट बनाया है उससे चुल्ला जलता है आप में से कितने भाइयों के घर पर शरू हो गया है
ये है मेरा गोबर गैस प्लांट जिसमे मै आज सुबह गोबर को फीडिंग करता हुआ |
और एक फोटो में गैस को ट्रेक्टर के बड़े टायर में स्टोर कर रखी है
और एक फोटो में चुल्ले से अग्नि जल रही है
अधिक जानकारी के लिए सम्पर्क करें
9215959500
मुकेश कुमार
 


न्यायविद् डॉ. सुब्रह्मण्यम स्वामी द्वारा

प्रसिद्ध न्यायविद् डॉ. सुब्रह्मण्यम स्वामी द्वारा सोशल मीडिया पर प्रचारित किये गये कुछ महत्त्वपूर्ण तथ्य -------

१) घेराबंदी से ग्रस्त हिन्दुओ ! झूठे आरोपों व कुप्रचार के माध्यम से तुम्हारे मार्गदर्शक व संत योजनाबद्ध रीति से समाप्त कर दिये जायेंगे । जब तक यह बात तुम्हारी समझ में आयेगी, तब तक बहुत देर हो चुकी होगी । अतः सावधान !
२) धर्मांतरण कार्यों का प्रतिरोध करने में आशाराम बापू सबसे आगे हैं ।
३) हिन्दू-विरोधी एवं राष्टड्ढ-विरोधी ताकतों के गहरे षड्यंत्रों को और हिन्दू संतों को बदनाम करने के उनके गुप्त हथकंडों को सीधे व भोले-भाले हिन्दू नहीं देख पा रहे ।
४) पूर्व में काँची मठ के शंकराचार्यजी को हत्या के झूठे आरोपों के तहत गिरफ्तार किया गया एवं मीडिया ने भी उनको कातिल ही प्रचारित किया । जब उनको निर्दोष छो‹डा गया तो किसी मीडिया प्रतिष्ठान ने उन्हें कातिल कहने के लिए कोई क्षमायाचना नहीं की ।
५) साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर एक भी सबूत व बिना चार्जशीट के पिछले ६ वर्षों से जेल में प‹डी हैं केवल इसलिए कि वे हिन्दू साध्वी हैं ।
६) सबसे खराब बात यह है कि धर्म-निरपेक्ष-हीनभावना के शिकार अधिकांश हिन्दू जो भी मीडिया कहता है, उसे तुरंत सत्य मान लेते हैं । कोई सबूत नहीं, कोई जाँच नहीं, कोई दोषी सिद्ध करना नहीं – अचानक सभी लोग जज बन जाते हैं क्योंकि मीडिया और फिल्मों ने हमारे दिमागों में कूट-कूटकर भर रखा है कि अगर कोई हिन्दू संत है तो वह अवश्य ही भ्रष्ट और विकृत है ।

Saturday, October 19, 2013

राहुल केवल कांग्रेस का युवराज है

एक ऐसा व्यक्ति जो बिहार के छात्रों के छोटे प्रश्नों का उत्तर तक नहीं दे पाता |
एक ऐसा व्यक्ति जो बिहार को कभी गुजरात बोलता है तो कभी यूरोप को बिहार से छोटा बताता है |
एक ऐसा व्यक्ति जिसकी माँ हमेशा रोती रहती है मगर उसने कभी आगे बढ़कर अपने हाथों से अपनी माँ के आंसू नहीं पोछे |
एक ऐसा व्यक्ति जिसको जिताने के लिए उसकी माँ को झोली और बहन को हाथ फैला कर वोटों की भीख मांगनी पड़ती है |
एक ऐसा व्यक्ति जो कभी मिडिया के समक्ष डिबेट के लिए नहीं आया , जिसने कभी खुद की एक प्रेस कोंफ्रेस तक नहीं की , जिसको कैमरे के सामने पसीना आ जाता हो और जो प्रेस के सामने हडबडाहट उलटी सीधी बातें करता हो |
एक ऐसा व्यक्ति जिसकी पृष्ठभूमि भारत जैसे देश में 55 वर्ष राज करने की रही हो वो व्यक्ति भारत की गरीबी को मन का वहम बताता हो |
एक ऐसा व्यक्ति जिसका भारत के विषय में सामान्य ज्ञान एक पांचवी कक्षा के बच्चे से भी कम हो |
एक ऐसा व्यक्ति जो सिर्फ कुर्ते की बाजू ऊपर कर कर कागज़ फाड़ता हो |
एक ऐसा व्यक्ति जो सांसद तो बना पर मंत्री तक नहीं बन पाया |

उस व्यक्ति को इंडिया की भांड बिकाऊ कांग्रेस पोषित मिडिया नरेंद्र मोदी की टक्कर में प्रधानमंत्री पद का प्रबल उम्मीदवार बताती है |

उस नरेंद्र मोदी की टक्कर में जिसने गुजरात को देश का गौरव बनाया |
उस नरेंद्र मोदी की टक्कर में जिसने गुजरात को स्वर्णिम बनाया |
उस नरेंद्र मोदी की टक्कर में जिसने गुजरात में अपने दम पर दुनिया का सबसे अच्छा और विकास वाला राज्य बनाया |
उस नरेंद्र मोदी की टक्कर में जो पिछली 3 बार से अपने दम पर गुजरात का मुख्यमंत्री है |
उस नरेंद्र मोदी की टक्कर में जो एक चाय बेचने वाला हुआ करता था जिसकी कोई राजनैतिक और राज घराने वाली पृष्ठभूमि नहीं है |
उस नरेंद्र मोदी की टक्कर में जिसके सामने मिडिया के सवाल पानी भरते नज़र आते है या समाप्त हो जाते है |
उस नरेंद्र मोदी की टक्कर में जिसको भारत के प्रत्येक राज्य का इतिहास भूगोल मुहं जबानी याद है |
उस नरेंद्र मोदी की टक्कर में जिसकी माँ किसी बड़े राज घराने और देश की सत्ता सुख भोगने वाले परिवार की नहीं बल्कि अत्यंत निर्धन परिवार की है |
उस नरेंद्र मोदी की टक्कर में जो भारत को अपनी माँ मानता है और उसी की बात करता है |

अंतर साफ़ है राहुल केवल कांग्रेस का युवराज है और नरेंद्र मोदी भारत की जनता के सरताज है ||

मोदी लाओ देश बचाओ ..............

Thursday, October 17, 2013

वाई-फाई' के मुकाबले चीन का 'लाई-फाई'

अब बल्ब से चलेगा इंटरनेट! 'वाई-फाई' के मुकाबले चीन ने उतारा 'लाई-फाई'..
चीन के वैज्ञानिकों ने ऐसी खोज की है जो इंटरनेट कनेक्टिविटी के मामले में एक क्रांतिकारी साबित हो सकती है। एक ऐसा तरीका खोज निकाला गया है जिससे इंटरनेट यूज करने के लिए सिग्नल रेडियो वेव्स के जरिए नहीं, बल्कि लाइट बल्ब्स के जरिए भेजे जाएंगे। इस तरह से ऑनलाइन कनेक्टिविटी का तरीका ही बदल जाएगा। 

शंघाई की फुडान यूनिवर्सिटी में आईटी प्रोफेसर शी नान ने बताया, 'रेडियो फ्रिक्वेंसी के बजाए अगर लाइट को कैरियर बनाया जाए तो एक वॉट के एलईडी बल्ब से 4 कंप्यूटर इंटरनेट से कनेक्ट हो सकते हैं।' यह खोज करने वाली टीम की हेड शी कहती हैं कि माइक्रोचिप्स से लेस एलईडी बल्ब 150 मेगाबिट्स प्रति सेकंड तक का डेटा रेट पैदा कर सकता है, जो कि ऐवरेज ब्रॉडबैंड स्पीड से ज्यादा है। 

यूके की यूनिवर्सिटी और एडिनबर्ग के हैराल्ड हास ने इस टेक्नॉलजी को लाइ-फाइ (Li-Fi) का नाम दिया है। लाइट कम्यूनिकेशन होने की वजह से वाई-फाई (Wi-Fi) की तर्ज पर यह नाम दिया गया है।

लाइ-फाइ न सिर्फ तेज है, बल्कि सस्ता भी है। 5 नवंबर को शंघाई में होने वाले चाइना इंटरनैशनल इंडस्ट्री फेयर में लाइ-फाइ के 10 सैंपल पेश किए जाएंगे। फिर भी कमर्शली लॉन्च होने से पहले अभी इसमें कई तरह के सुधार होने हैं। इसमें सबसे बड़ी समस्या यह है कि अगर लाइट में कहीं से कोई रुकावट आती है, तो सिग्नल टूट जाता है।


http://navbharattimes.indiatimes.com/tech/computer-mobile/new-discovery-dubbed-as-li-fi-to-replace-wi-fi-in-china/articleshow/24292575.cms


वाई-फाई' के मुकाबले चीन का 'लाई-फाई'

Light
एलईडी बल्ब से चलेगा इंटरनेट। (Image Courtesy: GettyImages.in)
पेइचिंग।। चीन के वैज्ञानिकों ने ऐसी खोज की है जो इंटरनेट कनेक्टिविटी के मामले में क्रांतिकारी साबित हो सकती है। एक ऐसा तरीका खोज निकाला गया है जिससे इंटरनेट यूज करने के लिए सिग्नल रेडियो वेव्स के जरिए नहीं, बल्कि लाइट बल्ब्स के जरिए भेजे जाएंगे। इस तरह से ऑनलाइन कनेक्टिविटी का तरीका ही बदल जाएगा।

शंघाई की फुडान यूनिवर्सिटी में आईटी प्रफेसर शी नान ने बताया, 'रेडियो फ्रिक्वेंसी के बजाए अगर लाइट को कैरियर बनाया जाए तो एक वॉट के एलईडी बल्ब से 4 कंप्यूटर इंटरनेट से कनेक्ट हो सकते हैं।' यह खोज करने वाली टीम की हेड शी कहती हैं कि माइक्रोचिप्स से लेस एलईडी बल्ब 150 मेगाबिट्स प्रति सेकंड तक का डेटा रेट पैदा कर सकता है, जो कि ऐवरेज ब्रॉडबैंड स्पीड से ज्यादा है।

यूके की यूनिवर्सिटी और एडिनबर्ग के हैराल्ड हास ने इस टेक्नॉलजी को लाई-फाई (Li-Fi) का नाम दिया है। लाइट कम्यूनिकेशन होने की वजह से वाई-फाई (Wi-Fi) की तर्ज पर यह नाम दिया गया है।

लाई-फाई न सिर्फ तेज है, बल्कि सस्ता भी है। 5 नवंबर को शंघाई में होने वाले चाइना इंटरनैशनल इंडस्ट्री फेयर में लाई-फाई के 10 सैंपल पेश किए जाएंगे। फिर भी कमर्शली लॉन्च होने से पहले अभी इसमें कई तरह के सुधार होने हैं। इसमें सबसे बड़ी समस्या यह है कि अगर लाइट में कहीं से कोई रुकावट आती है, तो सिग्नल टूट जाता है।
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Wednesday, October 16, 2013

प्रमोद कृष्णन ने CBI को चिट्ठी लिख कर

ब्रेकिंग न्यूज़ : प्रमोद कृष्णन ने CBI को चिट्ठी लिख कर मेरे ऊपर कार्यवाही करने का निवदेन किया " - #SwamiRamdev 

आपको बता दें कि ये प्रमोद क्रिश्चियन कांग्रेस NSUI का लीडर रह चुका है?
अभी भी कांग्रेस की टिकटों की दलाली करता है?
इसी ने भावेश पटेल को अजमेर ब्लास्ट में आरएसएस और सर संघ चालक का नाम लेने को कहा था और उन्हें फ़साने के लिए षड्यंत्र किया था !

इस प्रमोद क्रिश्चियन ने सोनिया के इशारे पर ऐसा किया इसका गुरू है डॉगविजय छी

डॉगविजय ने प्रमोद क्रिश्चियन के आश्रम पर गृह मन्त्री सुशील कुमार शिंदे? कोयला मन्त्री श्री प्रकाश जैसवाल? आर पी एन सिंह? राजीव शुक्ला ? कुट्टिल सिब्बल ?

इन सबने मिलकर हिन्दू आतंकवाद का षड्यन्त्र रचा था यही है कांग्रेस का#DirtyTricks
Department है मतलब (कांग्रेस विरोधियों के खिलाफ़ षड्यन्त्र करने वाले कांग्रेसीयों?)

4 जून रामलीला मैदान की घटना से पहले कांग्रेस के लोग स्वामी रामदेव जी को भगवान की तरह पूजते थे ? आज कांग्रेस के सबसे बड़े दुश्मन स्वामी रामदेव जी ही हैं क्योंकि वो कालेधन को लाने की बात करते हैं ? भ्रष्टाचार ख़तम करने की बात करते हैं ? गाँधी- नेहरू परिवार को सबसे बड़ा लुटेरा और हत्यारा परिवार बताते हैं?

इसलिए आज उनके ऊपर डबल सीबीआई लगी हुई है सभी सरकारी एजेंसियाँ स्वामी रामदेव जी के पीछे आचार्य बालकृष्ण जी के पीछे लगी हुई है कुछ हाथ नहीं लगा??

अब फँसाने का षड्यन्त्र और अभी तक उनके पास 125 से ज्यादा सरकारी नोटिस पहुँच चुके हैं जिसे स्वामी जी कोर्ट में जीत ते जा रहे हैं ???

क्या अभी तक किसी कांग्रेसी ने ये कहा की हम कालाधन लाना चाहते हैं उसे राष्ट्रीय संपत्ति घोषित करेंगे , या राहुल गाँधी या सोनिया गाँधी कालेधन को वापस लाने के लिए कभी बयान देंगे? या अध्यादेश लाएँगे ???

और एक बात बता दें की स्वामी रामदेव जी कालेधन के मुद्दे पर ही कहा था की मेरा नार्को टेस्ट करवा लो अगर मेरे पास एक रुपया भी कालाधन अगर मेरे पास या पतंजलि योगपीठ में है तो उसे राष्ट्रीय संपत्ति घोषित कर दिया जाए ??

और अपने गुरूदेव आचार्य शंकरदेव जी मामले में ही स्वामी जी ने कहा है कि मेरा नार्को टेस्ट करवा लिया जाए सत्य सामने आ जाएगा?

क्या कही किसी कांग्रेसी ने कहा कि मेरा नार्को टेस्ट करवा लो मेरा कालाधन विदेशों में नहीं जमा है ?

क्या प्रमोद क्रिश्चियन , डॉगविजय, कुट्टिल सिब्बल, राजीव शुक्ला, श्री प्रकाश जैसवाल , सोनिया गंदी, राहुल गंदी, रॉबर्ट वाड्रा अपना नार्को टेस्ट करवाएँगे ???

मेरे घर में हांडी नहीं चढ़ेगी , चूल्हा नहीं जलेगा


आज सुना है दरिंदों का कोई त्यौहार है !!!!!करोड़ो निरीह पशुओं का भयंकर आर्तनाद दिशाओं में गूँज रहा है !!!!कैसा है वो अल्लाह जो इस पैशाचिक खून की नदियों से तृप्त होता है ????हमारे देश में भी माता और देवताओं के नाम पर कई पैशाचिक भूतों को रक्त की नदियों से तृप्त किया जाता है ,,,,,,कैसे क्रूर हैं ये दरिन्दे भक्त और इनके पैशाचिक देवता ????????मैं तो आज इतना ही कहूंगा -------ईद ???मुँह बाहर रख ओ !!मुँह बाहर रखो !!वो और होंगे जो मुबारक हो! कहते होंगे !!!हम तो कहते है मुँह बाहर ही रखो !!गलती से भी अपना खोपडा अन्दर मत कर लेना !!!!!!


आज फिल्म "oh my God" के निर्माता निर्देशक कलाकार सबको याद कर रहा हूँ... जितनी कला एवं प्रतिभा का प्रदर्शन उन्होंने अपनी उपरोक्त कृति में किया था और समाज को जगाने के उद्देश्य से जितना हमला उन्होंने हिन्दुओं की संस्कृति उनकी आस्था उनके विश्वास पर किया था अगर उसका एक प्रतिशत भी निरीह पशुओं की निर्मम हत्या की घिनौनी परम्परा पर किया होता तो उनकी पूरी टीम को इंसानों की तो सराहना मिलती ही साथ ही उन मूक पशुओं की भी दुआएं मिलतीं जो बेचारे हर साल बेवजह एक ही दिन निर्मम तरीके से काट दिए जाते हैं...
आज कोई मीडिया चैनल इस मुद्दे पर बहस नहीं करेगा कि रिवाज़ के नाम पर इस तरह की निर्ममता और पशुओं की हत्या कहाँ तक सही है...
होली, दीपावली, दशहरा पर लम्बी चौड़ी बहस कराने वाले चैनल और टीवी पर आके ज्ञान बघारने वाले ज्ञानी पुरुष यदि आज के दिन भी अपना कुछ ज्ञान बाँटने का कष्ट करें तो शायद करोड़ों की संख्या में होने वाली हत्या लाखों में सिमट जाए...



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 दोस्तों आज मेरी माँ मर गई हे --मेरे घर में हांडी नहीं चढ़ेगी , चूल्हा नहीं जलेगा !--मेरी माँ आपकी भी शायद कुछ लगती होगी --- दोस्तों विधर्मियो ने मेरी माँ को निर्दयता पूर्वक काटा और ख़ुशी मन रहे हे ,इसमें मेरे भी कई तथाकथित भाईओ ने भी उन विधर्मियो का साथ दिया -इतना ही नहीं दोस्तों उन लोगो ने मेरी माँ को प़का कर उसकी पवित्र देह को अपना भोजन बनाया ----आप लोग नहीं रोवोगे मेरे साथ

Tuesday, October 15, 2013

हमें भारतीय होने पर गर्व हैं।

मित्रों, हम भारतीयों की कुछ आद्दते :-

1. जब शैंपू की बोतल खत्म हो जाये तो उसमें पानी डालो एक बार और इस्तेमाल करेंगे।

2. टूथपेस्ट को तब तक इस्तेमाल करो तब तक उसको पूरा निचोड़ ना लो।

3. घर में शोकेस में रखी चीनी क्राकरी को सिर्फ और सिर्फ मेहमान के आने पर ही इस्तेमाल करेंगे।

4. गोल्ड खरीदना तो एक ग्राम भी नहीं पर गोल्ड की कीमत (दरों) की बहुत चिन्ता रहती हैं, अपने को रोज अखबार में सबसे पहले गोल्ड का भाव ही देखना।

5. टीवी के रिमोट को जोर जोर से दबायेंगे, बार बार उसे ठोकेंगे पर उसमे नई बैटरी नही लगायेंगे।

6. किसी ने डिनर पार्टी में आमंत्रित किया हो तो उस दिन, दिन भर कुछ नहीं खायेंगे ताकि पार्टी में ठीक से खाना दबा सके।

7. जब टी शर्ट पुरानी हो जाए तो उसको नाईट ड्रेस बना लो और ज्यादा पुरानी हो जाए तो होली में उपयोग करने के लिए और ज्यादा ही पुरानी हो जाए तो उसका पोंछा बना लो।

8. पानी पुरी खाने के बाद, भुगतान करने के बाद मुफ्त में पुरी का पानी लेना अपना हक है।

हम तरह-तरह के उपाय करके अपने रूपयों को बचायेंगे, लेकिन जब बात आयेगी स्वदेशी वस्तु को अपनाकर देश का धन बचाने की तो हम कहेंगे ''I hate indian products and i hate indian product qualities.''

हमें भारतीय होने पर गर्व हैं।

हमीद अंसारी व गौहर खान

हाल की दो महत्वपूर्ण घटनाओ को देश ने जरूर देखा होगा ------

( 1 ) उपराष्ट्रपति हमीद अंसारी ने अपने धर्म के महत्व को समझते हुए दशहरा उत्सव के दौरान आरती उतारने से मना कर दिया क्योकि इस्लाम मे ये करना " मना " है ।

( 2 ) टी॰वी॰ सीरियल बिग बॉस की एक प्रतियोगी गौहर खान ने दुर्गा पुजा करने से मना कर दिया और वो दूर खड़ी रहकर देखती रही , जबकि ये एक कार्य था जिसे करना सभी प्रतियोगी के लिए जरूरी था लेकिन गौहर खान ने इस कार्य को करने से साफ मना कर दिया क्योकि इस्लाम मे ये करना " मना " है ।

मित्रो इन दोनों ( हमीद अंसारी व गौहर खान ) को मेरा साधुवाद क्योकि दोनों ने किसी कीमत पर भी अपने धर्म से समझौता नहीं किया , चाहे इसके लिए कितनी बड़ी कीमत भी क्यो न चुकनी पड़े ।
ये घटना उन तथाकथित " सेकुलर " हिन्दुओ के मुह पर जोरदार तमाचा है जो कहते फिरते है की कभी " टोपी " भी पहननी पड़ती है तो कभी " तिलक " भी लगाना पड़ता है , इस घटना मे मीडिया का मौन रहना सबसे ज्यादा अचरज का विषय है क्योकि सबसे ज्यादा हाय तौबा यही मीडिया वाले मचाते रहे है जब नरेंद्र मोदी जी ने मुल्ला टोपी पहनने से इनकार कर दिया था ।

उदाहरण लेना है तो मुस्लिम समुदाय के लोगो से सीखो जो अपने धर्म के लिए बड़ी से बड़ी कीमत चुकाने को तैयार रहते है , पर अपने सिद्धांतों से कभी समझौता नहीं कर सकते ।

वही हमारे हिन्दू लोग " कायरता " का दूसरा रूप " सेकुलर " होने का झूठा दिखावा करने से बाज नहीं आते ।

Monday, October 14, 2013

धूर्त महिला शबनम हाश्मी



गुजरात चुनाव के समय इस धूर्त महिला शबनम हाश्मी को केंद्र सरकार ने इसके एनजीओ अनहद को गुजरात और खासकर पोरबन्दर में गांधीवाद के प्रचार प्रसार के नाम पर बीस करोड़ रूपये मिले थे | ये रूपये इसे अहमद पटेल और अर्जुन झूठवाडिया ने दिलवाए थे ताकि ये धूर्त महिला इस पैसे से पोरबन्दर में कांग्रेस का प्रचार करे और अर्जुन झूठवाडिया जीत सके |

ये जगह जगह सभाए करती थी और मोदी के खिलाफ जहर उगलती थी .. इसके साथ इसके अन्य चंदाखोर गैंग के सदस्य जिन्हें अरब देशो से करोड़ो रूपये गुजरात पीडितो के नाम पर मिलते है वो सब घूमते थे | ये गैंग दिन में जगह जगह मोदी जी के खिलाफ जहर उगलती थी और रात को किसी कांग्रेसी नेता के फार्महाउस या किसी पंचसितारा होटल में सूरा सुन्दरी, मटन, चिकन की पार्टी करती थी |

लेकिन तब भारत का तथाकथित निष्पक्ष चुनाव आयोग कहा सोया हुआ था ??? आज जो चुनाव आयोग बाबा रामदेव के देश भर के जागरूकता अभियान को बीजेपी से जोडकर उसमे हो रहे खर्च को बीजेपी के खर्च में जोड़ रहा है वो चुनाव आयोग भारत की चंदाखोर गैंग के सदस्य जैसे शबनम हाश्म्मी, तीस्ता जावेद, जावेद आनद, मुकुल सिन्हा, महेश भट्ट, आदि के दौरों के खर्च को कांग्रेस से क्यों नही जोड़ता ??

प्रियंका गाँधी

बकरीद पर विशेष

(बकरीद पर विशेष)
कुछ दिनोँ बाद मुस्लिमोँ का त्यौहार बकरीद आने वाला है जिसमेँ लाखोँ बेजुबान जानवरोँ को मजहब के नाम पर मार कर वो कुरानी खुदा को अपने ईमान के पक्के होने की जानकारी देँगे,मैने पूछा किस आधार पर तुम ऐसा करते हो? कहा कि हज़रत इब्राहीम ने ख्वाब मेँ देखा कि खुदा ने उनसे कहा कि जो तुम्हे सबसे अज़ीज हो उसकी कुर्बानी दो हज़रत इब्राहीम को अपना बेटा इस्माईल बहुत अजीज था हज़रत ने जब अपने पुत्र की कुर्बानी देनी चाही तो पुत्र की जगह एक दुम्बा(भेड़) प्रकट हो गया और उनका पुत्र कुर्बान होने से बच गया ये सब चमत्कार खुदा के इशारे पे हुयेँ क्योँकि परीक्षा मेँ हज़रत जी पास हो गये थेँ। तबसे मुसलमान लोग बकरीद के दिन जानवरोँ की कुर्बानी देते हैँ इससे साफ ज़ाहिर होता है कि मुसलमान लोग कितने बेवकूफ हैँ,
पूछो क्योँ ? क्योँकि वो बगैर खुदा के आदेश के जानवरोँ की कुर्बानी देते हैँ क्योँकि हज़रत को तो सपने मे खुदा का आदेश हुआ तो और इसे माना।मगर यहाँ तो किसी मुसलमान को कोई ख़्वाब नहीँ आया अगर किसी मुसलमान को आया हो तो बताओ? जब आदेश नहीँ आया तो बगैर आदेश के जानवरोँ की कुर्बानी देना क्या खुदा के हुक्म को मानना है ये तो उसकी अवहेलना करना है।पर यहाँ पर हमारे मुसलमान भाई कहेँगे कि हमको अब ख़्वाब मेँ आदेश नहीँ आया तो क्या हुआ हम उसी वाक्यात को पूरी कौम के लिए आदेश मानते हैँ।मैने कहा खूब मानो हम कब मना करते हैँ पर यहाँ पर तो तुम सबसे बड़े धोखेबाज़ हो,तुम खुदा को धोखा देते हो अपने परिवार को धोखा देते हो डबल गुनाह तुमको लगेगा पूछो कैसे? सुनो इब्राहीम ने खुदा के आदेश पर अपने अज़ीज पुत्र की कुर्बानी देनी चाही पर तुम किसकी कुर्बानी देते हो बेजुबान जानवरोँ की जो बाजार से थोड़े दिनोँ पहले खरीद लेते हो क्या यही तुमको अजीज हैँ,तुम्हारे पुत्र पुत्रियाँ बीबी बच्चे माँ बाप बहन तुमको अज़ीज नहीँ अगर नहीँ तो ये बेचारे परिवार वालोँ की किस्मत है कि आप उनको अपना अजीज नहीँ मानते अगर इनको अजीज मानते हो तो फिर क्योँ नहीँ इनकी कुर्बानी देते हो अरे जब तुम इनकी कुर्बानी दोगे तो जिस इब्राहीम के पुत्र की जगह दुम्बा(भेड़)आ गया उसी तरह तुम्हारे साथ ये चमत्कार होगा और इस चमत्कार को देखकर हम काफ़िर(कुरान के अनुसार) भी मुसलमान होँ जायेँगे अगर ये चमत्कार नहीँ हुआ अर्थात् आपका अजीज बलि देते समय बदला नहीँ तो भई काहे के मुसलमान ईमान के पक्के।अगर आप ईमान के पक्के होते तो अपने अजीज परिवार के सदस्योँ की कुर्बानी देते लेकिन आप मुसलमान ईमान के पक्के हैँ नहीँ इसलिए आप डरते हैँ और इसी डर की वजह से आप अपने अजीजो की जगह बेचारे बेजुबान जानवरोँ को कुर्बान कर देते हो वाह रे इस्लाम, वाह रे कुरान, वाह रे मुसलमान इससे तो हम काफ़िर अच्छे।
अब वैदिक धर्म की शिक्षा देखो-
मा नो गोषु मा नो अश्वेषु रीरिषः( ऋग्वेद 1-114-8)
अर्थात् हमारी गौओँ और हमारे घोड़ो को मत मार।

यदि नो गां हंसि यद्यश्वं यदि पुरुषम्।
तं त्वा सीसेन विध्यामो यथा नोऽसो अविरहा।।(अथर्ववेद 1.16.4)
अर्थात् यदि तू हमारे गाय,घोड़ा आदि पशुओँ की या पुरुषोँ की हत्या करेगा, तो हम तुझे सीसे की गोली से बीँध देँगे ताकि तू इन्हेँ फिर न मार सके।

वेद ने इनके कल्याण के लिए प्रार्थना की
देखो यजुर्वेद अध्याय 36.
शंनो अस्तु द्विपदे शं चतुष्पदे अर्थात् दो पैरोँ वाले मनुष्यादि तथा चौपाये पशु आदि का कल्याण हो।
कितना प्यारा वेद का आदेश जिसमेँ पशुओँ तक के कल्याण की कामना की गई।।

Paid मीडिया का रोल

क्या मोदी सरकार पिछली यूपीए सरकार की तुलना में मीडिया को अपने वश में ज्यादा कर रही हैं? . यह गलत धारणा पेड मीडिया द्वारा ही फैलाई गयी है ...