Saturday, June 29, 2013

आतंकी इशरत जहान वा उसके पाकिस्तानी प्रेमिओं की सच्‍चाई

क्‍या आप आतंकी इशरत जहान वा उसके पाकिस्तानी प्रेमिओं की सच्‍चाई जानते हैं.............???

पिछले 65 सालों में हर राज्य में हजारों एनकाउंटर हुए हैं, अकेले मुंबई में कोंग्रेसि सरकारों के राज में मुस्लिम तस्करों के 300 से अधिक एनकाउंटर हुए हैं. कभी सुना है इतना बवाल ? फिर इशरत जहाँ मीडिया, कोंग्रेसियो और सेकुलरो की इतनी सगी कैसे हो गयी ? जाहिर है वोट बैंक की राजनीति और मोदी जी को उलझने की कोशिश के अलावा कुछ नही है.


गुजरात में मारी गयी महिला आतंकी इशरत जहान पर कुछ तथ्य ......

मुस्लिम वोट पाने और अपने घोर विरोधी व गुजरात के मुख्ययमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरने के लिए केंद्र सरकार जिस तरह से मजहबी आतंकवादियों की पैरोकार बनी हुई है, वह इस देश के लिए बेहद घातक है। केंद्र सरकार की संचालक कांग्रेस ने अपने पिट्ठू मीडिया हाउसों व बुद्धिजीवियों को भी इसका ठेका दे दिया है कि वह लगातार झूठ बोल- बोल कर इशरत जहान को 'संत इशरत' और इंटेलिजेंस ब्यूारो (IB) वा गुजरात पुलिस को हैवान साबित करे, भले ही इससे देश की सुरक्षा दांव पर लगती हो ! कट्टरपंथी मुसलमानों को भी यह रास आ रहा है, आखिर यह इस्लामी आतंकवाद को सरकारी स्वींकार्यता जो प्रदान करता है !

चलिए छोडि़ए, जरा उस इशरत जहान की पृष्ठरभूमि पर गौर फरमा लें, जिसकी जिंदगी यूपीए सरकार, कांग्रेस पार्टी, तहलका व एनडीटीवी जैसे मीडिया हाउसों, सरकारी व अरब के फंड पर पलने वाले पालतू एनजीओ और अपने दिमाग को बेचकर पैसा कमाने वाले तथाकथित बुद्धिजीवियों लिए 'अनमोल' बन चुकी है!



1) गुजरात पुलिस के क्राइम ब्रांच ने 15 जून 2004 को एक मुठभेड़ में चार लोगों को मार गिराया था, जिनके नाम हैं- जीशन जौहर उर्फ अब्दुल गनी, अहमद अली उर्फ सलीम, जावेद गुलाम शेख उर्फ प्रनेश कुमार पिल्लाई और इशरत जहान। आरोप है कि गुजरात पुलिस ने इन चारों को फर्जी मुठभेड़ में मारा था। वहीं गुजरात पुलिस का पक्ष था कि उन्हें आईबी से यह सूचना मिली थी कि ये चारों लश्कनर-ए-तैयबा के आतंकी हैं और गुजरात के मुख्यामंत्री नरेंद्र मोदी को मारने आए थे। इसके अलावा ये लोग गुजरात में जगह- जगह आतंकी हमले को अंजाम देना चाहते थे।



2) बाद में मारे गए व्यतक्तियों में दो- जीशन जौहर व अहमद अली की पहचान पाकिस्तानी नागरिक के रूप में हुई।



3) जीशन जौहर पाक अधिकृत कश्मीर से जम्मूी- कश्मीर में घुसा था। वहीं अमजद अली को लश्कुर-ए-तैयबा ने गुजरात वा महाराष्ट्र में आतंकी हमले को अंजाम देने के लिए सीधे पाकिस्तान से भारत के बॉर्डर में भेजा था।



4) तीसरा आदमी जावेद उर्फ पिल्लई दुबई गया था, जहाँ लस्कर के प्रभाव में आकर उसने अपना धर्म परिवर्तन कर लिया था और वह मुसलमान बन गया था।



5) लश्कर के इशारे पर जावेद व इशरत पति- पत्नी बनकर इत्र कारोबारी के रूप में भारत के अंदर भ्रमण करते थे ताकि किसी को उन पर शक न हो। दोनों ने साथ- साथ अहमदाबाद, लखनऊ व फैजाबाद जा कर महत्वबपूर्ण स्थभलों की रेकी की थी।



6) जो कांग्रेस संचालित यूपीए सरकार इशरत जहान को 'संत इशरत' साबित करने के लिए उसके फर्जी मुठभेड़ की थ्योीरी गढ़ रही है, उसी केंद्र सरकार ने गुजरात हाईकोर्ट में यह हलफनामा दाखिल कर कहा था कि जावेद व इशरत आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के सदस्य हैं।

7) 15 जून 2004 को इशरत सहित मुठभेड़ में चारों आतंकी मारे गए थे। उसके अगले ही दिन पाकिस्तान के लाहौर से प्रकाशित लश्कूर-ए-तैयबा के मुख पत्र 'गजवा टाईम्स' ने मारे गए आतंकियों को शहीद करार देते हुए लिखा था कि भारतीय पुलिस ने लश्कर के चार सदस्यों को मार दिया। इसमें इशरत जहान का नाम भी शामिल था।

24/11 को मुंबई हमले के मास्टसर माइंड हेविड हेडली से पूछताछ के दौरान अमेरिका के एफबीआई को जो सूचना मिली थी, उसने उसे भारत सरकार से साझा किया था। अमेरिका द्वारा भारत सरकार को भेजे गए औपचारिक पत्र में लिखा था कि 'इशरत जहान आत्मरघाती दस्ते की महिला सदस्य थी, जिसे लश्कंर ने भर्ती किया था।'एफबीआई ने उस पत्र में लिखा था कि इस दस्तेत की योजना गुजरात के सोमनाथ व अक्षरधाम मंदिर व महाराष्ट्र के सिद्धि विनायक मंदिर पर हमला करने की थी।



9) शुरू में केंद्रीय गृहमंत्रालय ने गुजरात पुलिस द्वारा मुठभेड़ के बाद पेश किए गए साक्ष्यों को सही ठहराते हुए हाईकोर्ट में एक हलफनामा दिया था, जिसमें सीधे तौर पर इशरत जहान को लश्कर का आतंकी बताया गया था। बाद में राजनीति करते हुए केंद्र सरकार पलट गई और इसे दूसरा ही रूप दे दिया।



10) आज आईबी के तत्कालीन संयुक्ति निदेशक राजेंद्र कुमार को सीबीआई गिरफ्तार करने में जुटी है। सीबीआई का तर्क है कि राजेंद्र कुमार ने गलत सूचना देकर इशरत को मरवाया। यह भी आरोप है कि वह गुजरात पुलिस की कस्टडी में मौजूद इशरत को देखने भी गए थे और मुठभेड़ की सारी साजिश को अंजाम दिया था।

जबकि सच यह है कि आईबी केवल सूचनाओं को मॉनिटरिंग करने और उन्‍हें संबद्ध पक्ष को देने वाली एजेंसी है ना कि कार्रवाई करने वाली एजेंसी। इसलिए आईबी के अधिकारी द्वारा किसी को मारने का आदेश देने की बात ही गलत है। लेकिन कुछ भी कर सकने में सक्षम कांग्रेस पार्टी व उसकी सरकार इशरत जहान के मुठभेड़ को गलत साबित करने के लिए आईबी के विरुद्ध सीबीआई का दुरुपयोग कर रही है जबकि दोनों ही केंद्रीय एजेंसियां हैं।



11) लोगों को शायद पता नहीं है कि नरेंद्र मोदी के खिलाफ झंडा बुलंद करने वाली कांग्रेस व अरब फंडेड एनजीओ जमात के कहने पर इशरत की मां शमीमा कौसर ने केंद्र सरकार से यह मांग की थी कि इस मामले की जांच सीबीआई के अधिकारी सतीश वर्मा को दिया जाए। लश्कर के एक आत्ममघाती महिला की मां के कहने पर किसी अधिकारी को पूरे मामले का जांच अधिकारी बनाया जाना ही केंद्र सरकार के प्रति संदेह पैदा करता है।



12) आईबी ने सीबीआई निदेशक को कहा है कि सीबीआई अधिकारी सतीश वर्मा व आईबी के तत्कालीन संयुक्ती निदेशक राजेंद्र कुमार के बीच पुराने समय में बेहद कटु संबंध थे। इसकी सूचना केंद्र सरकार को भी थी, लेकिन सरकार ने एक आरोपी आतंकी की मां की मांग पर अपनी के दो एजेंसियों की साख पर बट्टा लगा दिया।


13) हर तरफ फजीहत होता देख और आईबी के विरोध के बाद केंद्र सरकार ने उस जांच अधिकारी सतीश वर्मा को इस मामले की जांच से हटा दिया है, लेकिन तब तक आईबी व सीबीआई की बुरी तरह से फजीहत हो चुकी थी।


14) जिस आईबी के निदेशक का नाम इससे पहले कोई नहीं जानता था, आज एकमुश्त मुसलमान वोट के लिए यूपीए को दोबारा सत्ता में लाने की कांग्रेसी महत्वांकांक्षा में उनकी तस्वी्र भी जनता के समक्ष आ चुकी है। इससे पहले केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने 'सोनिया के कारण ही एक मुसलमान को आईबी का निदेशक बनाया गया है'- जैसा घोर सांप्रदायिक बयान देकर आईबी निदेशक की पहचान पहले ही उजागर कर चुके हैं।



अब सवाल उठता है कि आखिर इस देश के राजनीतिज्ञ कब तक मुसलमानों को इंसान से अधिक एक वोट बैंक मानकर चलते रहेंगे ?? कब तक चरमपंथी मुसलमान राष्ट्र राज्य से अधिक इस्लामी राज्य् की स्थापना के लिए निर्दोष लोगों को आतंक का शिकार बनाते रहेंगे ??

इस्लामी चरमपंथियों को 'संत' साबित करने की कोशिश आखिर कब तक चलती रहेगी ?? कब तक मानवाधिकार के नाम पर मीडिया- एनजीओ- बुद्धिजीवियों की जमात आतंकियों के पक्ष में और पुलिस- सेना के विरोध में खड़ी होती रहेगी?

और कब तक इस देश के नागरिक इशरत जहान जैसों की पृष्ठ भूमि को जानकर भी उसके नाम पर चलने वाली राजनीति को खामोश रहकर बर्दाश्तक करते रहेंगे ??.... आखिर कब तक ये सब चलता रहेगा ?....कब तक....?

संकलन साभार ..संदीप देव

उपरोक्त विषय में सीमा सुरक्षा बल के पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह का दैनिक जागरण में प्रकाशित लेख पढ़ने के लिये नीचे दिए लिंक से विवरण प्राप्त करें..

***पवन अवस्थी*** —

गृह मंत्रालय ने भी इशरत और इसके 'पाकिस्तानी खस्मों' को माना आतंकी :- http://www.jagran.com/news/national-home-ministry-considered-ishrat-jahan-terrorist-10518407.html

http://epaper.jagran.com/ePaperArticle/21-jun-2013-edition-Delhi-City-page_8-21111-7241-4.html


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इशरत की माँ या उसके परिवार ने दो महीने तक अपनी बेटी की गुमशुदगी की देश के किसी भी थाने में रपट क्यों नहीं लिखवाई ?? क्या ऐसा हो सकता है कि यदि किसी की बहन/ बेटी घर से गायब हो और वो अपनी अपनी बहन/ बेटी की रपट ना लिखवाए ??

हाँ एक शर्त पर जरुर हो सकता है यदि वो घर से कहकर गायब हुई हो, तो जाहिर सी बात है यदि घर पर बोलकर गायब हुई थी तो उसके घर वालों ने गायब होने की वजह भी पूछी होगी, और वजह तो ख़ैर आपको पता ही है कि वो अपने 'पाँच- पाँच पाकिस्तानी आशिकों' के साथ गुजरात के कई होटलों को बदल- बदल क्या कर रही थी.. ?

ऐसे में क्या सबसे पहले पुलिस को इशरत जहान के परिवार को कठघरे में खड़ा नहीं करना चाहिए कि जब तुम्हारी बेटी दो महीनों तक घर से गायब थी जब तुम लोग क्यों नहीं आए गुमशुदगी की रपट लिखवाने ? पर जब उसको आंतकवादी होने के गुनाह में ठोक दिया गया जब उसका परिवार फट से मीडिया में छाती कुटने आ गया कि हाय अल्लाह हमारी मासूम सी फुल सी बच्ची को आंतकवादी कह कर ठोक दिया ...

पर ये सब सवाल इनसे करे कौन क्योंकि पुलिस भी नीच कांग्रेस सरकार की और पालतू तोता (सीबीआई) भी कांग्रेस का..

मनमोहन सिंह

*** मनमोहन सिंह ***

आजकल अधिकतर लोग श्री मनमोहन सिंह जी की बुराई करते फिरते हैं , लेकिन वो आदरणीय श्री मनमोहन सिंह जी की उप्लाब्धियों से अनजान हैं | आइये जानते हैं उनके बारे में ..............

# जब मनमोहन सिंह पैदा हुए तो वो रोये ही नहीं , लाख कोशिसो के बावजूद डॉक्टर नाकाम रहे , नर्सो व डॉक्टरोने कई बार चिमटी काटी व थप्पड़ लगाए पर कोई फायदा नहीं .. इससे पता चलता हैं की वो बचपन से ही सहनशील थे |

# स्कुल में जहाँ बच्चो को कक्षा में बात करने व शोरगुल करने पर सजा मिलती थी वही अपने मन्नू बाबू को किसी भी टीचर ने आज तक कक्षा में बात करते हुए नहीं पकड़ा सका यानी वो काफी चालाक थे , किसी के हाथ ना आने वाले |

# VIVA में वो कभी जवाब नहीं देते थे क्यूंकि वो बोलने में नहीं लिखने में यकीन रखते थे |

# फिल्म " ख़ामोशी " का निर्माण मनमोहन सिंह जी को ध्यान में रखते हुए किया गया |

# शादी की पहली रात में इनकी बीवी ने कहा " चुप चुप खड़े हो जरुर कोई बात हैं " तो मनमोहन जी शरमा गए |

# कई देशो ने तो मनमोहन सिंह की उस तस्वीर लाने वाले को इनाम देने की पहल की हैं जिसमे मनमोहन सिंह जी का मूह खुला हुआ हो पर वो नाकाम रहे |

# कठपुतलियों का खेल जो गुमनाम सा हो गया था उसे फिर से जीवित करने का श्रेय मनमोहन जी को जाता हैं |

# स्त्रियों का आदर करना क्या होता हैं ये मनमोहन सिंह जी ने सिखलाया |

# मनमोहन सिंह कई पुरुषो को बेहतर जोरू का गुलाम कैसे बने इस बात की ट्रेनिंग भी दे चुके हैं |

# आज हमारे पास जापान से बेहतर रोबोट हैं और हम जापान से इस मामले में अगर आगे तो सिर्फ मनमोहन जी के कारण |

# मनमोहन सिंह काफी अनुशाशन प्रिय इंसान हैं , वो उतना ही बोलते हैं जितना कहा जाए |

# नारी शक्ति का प्रभाव हमें दिखलाने के लिए श्री मनमोहन सिंह जी ने अपना राजनैतिक जीवन दांव पर लगा दिया |

# विश्व के सभी पीएम की तुलना में मनमोहन जी का टेलीफोन बिल सबसे कम आता हैं |
# मनमोहन जी हमेशा शान्ति व्यवस्था कायम रखने के पक्षधर रहे हैं चाहे इसके लिए कितने ही सैनिको की कुर्बानी ही क्यों ना देनी पड़ जाए |

# मनमोहन जी ने अपना अर्थव्यवस्था सम्बंधित बेशकीमती ज्ञान का आज तक इसलिए प्रयोग नहीं किया क्यूंकि उन्होंने वो आने वाली पीढ़ी के लिए संभाल के रखा हैं |

So Plz Don't Crack jokes Upon Sri Manmohan Singh Ji..

Friday, June 28, 2013

मोदीजी को ""एनकाउंटर-केस"

दोस्तों,

मोदीजी को ""एनकाउंटर-केस"" में फ़साने की साजिश में उभरकर सामने आते है कुछ तथ्य ......

(१)..गुनाहगारो का भी मानव-अधिकार होता है !!..

(२)...प्रजा की सार्वत्रिक सुरक्षा के लिए नेता कड़े कदम उठाये तो कोमवादी कहा जाये ..! 

(३)...गुनाह को संप्रदाय आधारित देखा जाये ..!! 

(४)....गुनाहित मानस को पनपने दिया जाये ..सुरक्षा दी जाये ..प्रोत्साहित किया जाये ...उनको बचाया जाये ..!! 

(५)...इन्सान की जान की किम्मत है ..देश की नहीं ..देश प्रेम की नहीं ..!!! वतन से लेनादेना नहीं ..संप्रदाय से रखो ..!! 

(६).....देश का भला नहीं ..राजकीय पार्टी का भला करो !! देश जाये भाड़ में ..!! 

(७)...लोकशाही का गला काटो ......उनकी आड़ में तानाशाह बनो ..!!!..

(८)...मत बेंक ही सर्वस्व है ...दुसरे पक्ष मतदाता भारतीय नहीं ..पराये है !! 

(९)..आतंकियो के पीछे CBI मत लगावो ....देश प्रेमिओ के पीछे लगावो ....!!!.

(१०)...विकास पुरुष नेता के कार्यो को बाधित किया जाये ....और भारत निर्माण की बात कर के ...भारत का निर्वाण(मृत्यु) किया जाये ...!!!..............................................

दोस्तों .., लोकशाही के पतन को कोई रोक नहीं सकता ..!!!...

भारत को वर्ग विग्रह में डालने की कांग्रेस की निति का विरोध करो ..!!..वन्देमातरम ...!!!

Thursday, June 27, 2013

सबूत सहित 25 से अधिक कडवे सच - "आप" और देशद्रोह

सबूत सहित 25 से अधिक कडवे सच - "आप" और देशद्रोह


ये सही है कि अंध-भक्ति सही नहीं है, फिर चाहे ये अंध-भक्ति नरेन्द्र-मोदी जी की हो, केजरीवाल जी की हो या सोनिया जी की | यदि आप पढ़े-लिखे समाज के एक जिम्मेदार व्यक्ति है, तब सच्चाई को जानने का आपका कर्त्तव्य भी है और अधिकार भी | लेकिन यदि सूचनाओ के रहते कोई सच्चाई से अपनी आँखें मूड ले, तब दोष किसका ?
कहते है कि "सब कुछ गवां के होश में आये तो क्या किया" | इससे पहले आप अपनी नजरो में गिर जाए, आपको अपने आप पर, अपनी जानकारी और कर्मो पर शर्मिंदगी उठानी पड़े, शायद पश्चाताप का समय भी न मिले .. अच्छा है आप सच्चाई को जाने | हम आपके सामने कुछ तत्थ्य रख रख रहे है, इनको मानना या न मानना आपका अधिकार है |

1. भारतीय आर्मी के दो जवान के सर पाकिस्तानी सैनिको ने काट दिए, लघभग सभी पार्टियों ने पाकिस्तान के खिलाफ कोई न कोई बयान दिया था | लेकिन केजरीवाल जी का कहना है कि "पाकिस्तान से जंग नही होनी चाहिए ।" कहीं ये मुस्लिम तुष्टीकरण तो नहीं है ? अपने देश के सैनिको के सम्मान की रक्षा में असमर्थता, कायरता ?
लिंक देखिये -
http://timesofindia.indiatimes.com/india/Pak-army-act-unpardonable-but-war-is-undesirable-Kejriwal/articleshow/18049289.cms

2. "अफजल गुरु की फांसी से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की बदनामी हुई है ।" - मुस्लिम तुष्टीकरण एवं देशद्रोह ?
क्योंकि काफी मुस्लिमों ने अफज़ल की फांसी का विरोध किया था
लिंक देखिये-
http://hindi.yahoo.com/national-10191838-111003850.html

3. "भारतीय आर्मी कश्मीरी लोगो को मारती है |" - मुस्लिम तुष्टीकरण एवं देशद्रोह ?
लिंक देखिये
http://www.greaterkashmir.com/news/2013/Mar/6/army-responsible-for-killing-of-kashmiris-prashant-bhushan-41.asp
इनका कहना है - कश्मीर में मुस्लिम चाहते है कि कश्मीर को भारत से अलग कर दिया जाये इसलिए कश्मीर को अलग कर के भारत का एक टुकड़ा और कर दिया जाए |

4. हिन्दू आतंकवाद आज चरम पर है - मुस्लिम तुष्टीकरण ?
लिंक देखिये-
http://hindi.yahoo.com/national-10191838-111003850.html
क्या आज तक किसी पार्टी ने यह कहा है कि मुस्लिम आतंकवाद आज चरम पर है ?

5. "कश्मीर को भारत से अलग कर दिया जाये" - मुस्लिम तुष्टीकरण एवं देशद्रोह ?
लिंक देखिये-
http://www.youtube.com/watch?v=QQom1xy8kUM
कश्मीर में मुस्लिम चाहते है कि कश्मीर को भारत से अलग कर दिया जाये |

6. बुखारी ने कहा अन्ना के आन्दोलन* से वन्दे मातरम बंद कर दीजिये क्यूंकि मुस्लिमों में वन्दे मातरम नही बोला जाता है, केजरीवाल ने बंद किया वन्दे मातरम और बाद में इसी बुखारी के पास मिलने भी गये | - मुस्लिम तुष्टीकरण एवं देशद्रोह ?
लिंक देखिये-
http://www.youtube.com/watch?v=2wyufhKIyes
क्या ऐसे लोगो का समर्थन लेना जरुरी था केजरीवाल को ?

7. "आप" पार्टी की साईट पर एक खास कॉलम बनाया गया "Muslim Issus" - मुस्लिम तुष्टीकरण ?
लिंक देखिये-
http://www.aamaadmiparty.org/meettheteam.aspx
क्या हिन्दुओ की कोई समस्या नही होती है, क्या मुस्लिमों की ही आज देश में समस्या हैं ?

8. बुखारी की जामा मस्जिद पर 4 करोड़ का बिजली का बिल कई सालो से बकाया है पर न कांग्रेस कुछ कहती है न हमारे केजरीवाल जी - मुस्लिम तुष्टीकरण ?
लिंक देखिये-
http://www.indianexpress.com/news/jama-masjid-runs-up-rs-4cr-power-bill-spat-over-dues-has-area-in-dark/1007397/
जबकि केजरीवाल बिजली बिल के खिलाफ इतने दिनों से बैठे है जिसे वो अनशन कहते हैं |

9. अकबरुद्दीन ओवैसी ने बयान दिया कि हम 100 करोड़ हिन्दुओ को खत्म कर देंगे और श्री राम को गलियां दी पर केजरीवाल का कोई बयान ओवेसी के खिलाफ नही आया बल्कि उन्होंने सुदर्शन न्यूज़ को ही खबर ना दिखाने की नसीहत दे डाली - मुस्लिम तुष्टीकरण ?
सुनिए रोंगटे खड़े कर देने वाले हिन्दू के खिलाफ इस विडियो को-
https://www.youtube.com/watch?v=BXFFR8NXG1E
लिंक देखिये-
http://www.youtube.com/watch?v=HiyRCEDjLBs
केजरीवाल भक्त कहते हैं कि सुदर्शन न्यूज़ चैनल को कोई कॉल नही किया गया है तो केजरीवाल ने ओवैसी का कहीं विरोध क्यूँ नही किया है, किसी भी मीडिया में ओवैसी के खिलाफ केजरीवाल का कोई बयान नही आया है |

10. "कांग्रेस के हिन्दू विरोधी बिल का समर्थन" - मुस्लिम तुष्टीकरण
जानिए इस रोंगटे खड़े कर देने वाले हिन्दू के खिलाफ बिल को-
http://www.youtube.com/watch?v=vK9CkyVXi90
http://www.youtube.com/watch?v=Da1dtkeikew
केजरीवाल की साथी साजिया इल्मी का tweet देखिये
लिंक देखिये-
https://twitter.com/shaziailmi/status/156335195665072129
केजरीवाल भक्त कहते हैं, हम इस बिल का समर्थन नही करते हैं तो फिर आपने अभी तक ऐसे हिन्दू विरोधी बिल के खिलाफ मीडिया में कोई बयान क्यूँ नही दिया है |

11. अरविन्द केजरीवाल की संस्था को फोर्ड फाउंडेशन से पैसे मिले -
लिंक देखिये-
http://www.ibtl.in/news/exclusive/1162/arvind-kejriwal-and-manish-sisodia--has-received-400-000-dollars-from-the-ford-foundation-in-the-last-three-years---arundhati-roy
जिसका पेट विदेशी पालते हों वो देश के बारे में भला सोचेगा कैसे ?

12. जनता के पेसे से केजरीवाल एश कर रहे हैं, देखिये इस बिल को
लिंक देखिये-
http://www.bhaskar.com/article/NAT-india-against-corruption-movement-complete-fund-and-expenditure-details-3836280-PHO.html?seq=4&HT1=%3FBIG-PIC%3D
http://www.bhaskar.com/article/NAT-india-against-corruption-movement-complete-fund-and-expenditure-details-3836280-PHO.html?seq=5&HT1=%3FBIG-PIC%3D

13. अरविन्द केजरीवाल से प्रश्न पूछो और पिटाई खाओ ! इनसे कोई सवाल करे तो समर्थक उसको पीट देते हैं |
लिंक देखिये-
http://www.punjabkesari.in/news/केजरीवाल-से-सवाल-पूछना-पड़ा-मंहगा-114388

14. केजरीवाल पर घोटाले का तथ्य छुपाने का आरोप
लिंक देखिये-
http://www.samaylive.com/nation-news-in-hindi/174062/yp-singh-slam-kejriwal-for-hiding-land-scam.html

15. कांग्रेस ने अपने विरोध को रोकने के लिए और अपने प्रचार के लिए सोशल मीडिया पर 100 करोड का खर्चा किया है पर केजरीवाल टीम ने खुलासा किया कि बीजेपी ने 100 करोड़ का खर्चा किया है |
लिंक देखीये-
http://www.governancenow.com/gov-next/egov/congress-plans-rs-100-crore-social-media-war-chest

16. केजरीवाल की साथी अंजलि दमानिया के घोटाले का पूरा लेखा झोका !
लिंक देखिये-
http://www.dnaindia.com/pune/report_activist-anjali-damania-a-land-shark-too_1746829

17. कुमार विश्वास 'ब्रह्मा विष्णु महेश' का मजाक उड़ाते हुए - क्या कभी कुमार ने अलाह या इसाइयत पर ऐसा कुछ बोला है ?
लिंक देखिये-
http://www.youtube.com/watch?v=CvANmaShh2U

18. जिस दिन केजरीवाल ने गडकरी के खिलाफ खुलासा किया था उसके अगले ही दिन ABP न्यूज़ चैनल उन किसानो के घर गया था और वहां जाकर पता चला कि गडकरी ने उनकी जमीन नही हडपी है और आज भी वो वहां खेती कर रहे हैं |
लिंक देखिये:-
http://www.youtube.com/watch?v=2aYX2Ik5tgk
http://www.youtube.com/watch?v=HtGHcUjJlag
अब समझ आया कि केजरीवाल केवल खुलासे ही क्यूं करते हैं कोर्ट क्यूँ नही जाते हैं क्यूंकि वहां तो इनके खुलासे चलेंगे नही अभी से झूट बोलता है राजनीति में आया तो न जाने क्या क्या करेगा?

19. केजरीवाल टीम का पाकिस्तानी प्रेम - फेसबुक पर लिखते हैं "I love Pak"
लिंक देखिये-
http://www.bhaskar.com/article/TOW-i-love-my-pakista-status-deleted-by-facebook-4178960-NOR.html
कहता है .... " हमारे पास अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है, लेकिन ये कैसी अभिव्यक्ति की हम आई लव पाकिस्तान तक नहीं लिख सकते। मैंने यह स्टेट्स सिर्फ इसलिए लिखा था क्योंकि मैं दोनों देशों के बीच बेहतर संबंधों की ख्वाहिश रखता हूं।"
जरा हरामखोरी की हद तो देखो !!! आए दिन हमारे जवानों, देश में आतंवाद जैसी घटनाओं को अंजाम देने में लिप्त पाकिस्तान के साथ ये देश द्रोही बेहतर सम्बन्ध बनाने की ख्वाइश रखते हैं |

20. केजरीवाल को यह चुनौती दी थी की अगर उनकी टीम में हिम्मत है तो वे जंतर मंतर में होने वाले debate में शामिल हों और मेरे तथा अन्य सदस्यों के सवालों का जवाब दें। परन्तु टीम केजरीवाल का कोई भी सदस्य चर्चा में शामिल नहीं हुआ
लिंक देखिये-
http://www.youtube.com/watch?v=XPJsKzWxbKw&list=UU1tnj_v8Sn-hWERFvqSjBWQ&index=9
सभी पार्टी से सवाल पूछते रहते हैं और इनसे कोई सवाल करे तो भाग जाते हैं |

21. प्रशांत भूसण हिमाचल प्रदेश के जमीन घोलते में फसे हुए हैं |
लिंक देखिये-
http://ibnlive.in.com/news/himachal-pradesh-probe-begins-into-prashant-bhushans-land-deal/376046-3-254.html
खुद की पार्टी में घोटाले हैं और लोगो से सवाल पूछते हैं |

22. प्रशांत भूसण जज को 4 करोड़ की घुस देते हैं |
लिंक देखिये-
http://articles.timesofindia.indiatimes.com/2011-04-17/india/29427409_1_forensic-experts-corruption-spectrum-scam
खुद की पार्टी में चोर हैं और पार्टी में चोर बता रहे हैं |

23. शांति भूसन का 1.3 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी में पकड़े गए और 27 लाख का जुरमाना भरा |
लिंक देखिये-
http://www.ndtv.com/article/india/team-anna-s-shanti-bhushan-found-guilty-of-evading-1-3-crores-of-property-taxes-164319
खुद की पार्टी में चोर हैं और पार्टी में चोर बता रहे हैं |

24. शांति भूसण ने बैंगलोर में धमाके करने वाले आंतकवादी अब्दुल नससे मदनी को बचाया था ? इस आतंकवादी ने कितने ही बेगुनाहों की हत्या कर दी थी? क्या शांति भूसन का मदनी को अपने मित्र के नाते सजा से बचाना सही है?
लिंक देखिये-
http://www.indianexpress.com/news/madani-may-pose-major-threat-if-released-ktaka-govt/783526
खुद देशद्रोही को बचाते हैं |

25. शांति भूसण नॉएडा व इलाहबाद के जमींन घोटाले में फंसे और आरोप सिद्ध भी हो चुके हैं |
लिंक देखिये-
http://www.youtube.com/watch?v=xRPmTOtFln8
एक चोर पार्टी दूसरी पार्टी में चोर देख रही है |

26. शांति भुसण का आतंकवादी शौकत हुसैन गुरु जिसने 2001 में संसद पर आतंकी हमले किये थे उसको बचाना सही था ?
लिंक देखिये-
http://www.indlawnews.com/Newsdisplay.aspx?5b7510bd-868e-4a1b-ad58-386ec7aeb7fd

28. शांति भूसण का मुंबई में 1993 में हुए बम धमाको में आरोपी आतंकवादियों को बचाना सही था ?
लिंक देखिये-
http://news.google.co.nz/newspapers?id=luIVAAAAIBAJ&sjid=kRMEAAAAIBAJ&pg=2103%2C2936835

29 कश्मीर दंगो, असम दंगो, सिख दंगो, अभी हाल ही मे हुए पश्चिम बंगाल दंगो, बंगलादेश दंगो, रामसेतु मुद्दे पर ये कुछ नहीं कहते | सरकार द्वारा हिन्दू विरोध पर कुछ नही कहते, लेकिन गुजरात दंगो में मुस्लिम पर इतनी चिंता ? ( जबकि नरेंद्र मोदी को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल चुकी है )
लिंक देखिये-
http://www.youtube.com/watch?v=gnNyH401nQc
अब भी कोई व्यक्ति इस पार्टी के साथ है, तो क्या वो देश-द्रोही, हिन्दू विरोधी और जीता जागता मूर्ख नहीं है ? निर्णय आप स्वं कीजिये | कहीं आपका ध्यान "आप", केजरीवाल टीम और देशद्रोही गतिविधियों से हटकर, क्रमांक पर तो नहीं है ? यदि ऐसा है, तब मान लीजिये कि आप अपने साथ धोखा कर रहे है .. आपको देश की नहीं, क्रमांक की चिंता अधिक है ||

इन प्रश्नो का उत्तर दे

साई उर्फ चाँद मिया को राम बना कर उनकी की पूजा कर के सीता माँ तक को कलंकित कर रहे किसी भी हिंदू बस मेरे इन प्रश्नो का उत्तर दे और मुझ मे खुद से बड़ा धर्म द्रोही होने का सबूत ले....

१- साई का दिया नारा ""सब का मलिक एक"",, आख़िर वो *एक* है कौन ??
२- साई 1992 के श्री राम आंदोलन के बाद से ही मुख्य चर्चा मे क्यो आए ???
३- साई का नाम राम के ही साथ क्यों जुड़ा ?? शिव, ब्रह्मा, इंद्र, वरुण, अग्नि आदि देव के साथ क्यों नही ??
४- साई अगर राम हैं तो उनका कोई भक्त अपने घर की किसी की अर्थी के पीछे साई नाम सत्य है का नारा क्यों नही लगाता ?? उस समय सिर्फ़ राम नाम सत्य है क्यों बोला जाता है ??
५- अगर साई देव है तो आज तक किसी देव ने किसी अन्य देव के नाम का सहारा नही लिया था या किन्ही २ देव का नाम एक साथ नही जुड़ा जैसे शिव - विष्णु कभी नही रहा, इंद्र - ब्रह्मा कभी नही, वरुण - अग्नि कभी नही, अगर साथ रहा है तो उनकी धर्मपत्नियों के नाम जैसे भवानी - शंकर, सीता - राम, राधा - कृष्ण, रति - इंद्र फिर आख़िर साई - राम कैसे ?? क्या देवताओं ने खुद का नियम बदल दिया ???
६-अगर साई श्री राम हैं तो इस हिसाब से ये भगवान विष्णु के अवतार हुए,,, फिर क्या हमारी माता लक्ष्मी छीर सागर मे इनके ही पैर दबा रही हैं ??

आख़िर बार बार इन्होने मेरे राम को ही निशाना क्यों बनाया.. क्यों की 1992 मे अगर हिंदू कभी संगठित हुआ तो सिर्फ़ श्री राम के नाम पर... अगर दुनिया ने हिंदुत्व का जलवा देखा था तो बस मेरे राम के नाम पर... अगर आज तुम राम से डोर ना हुए होते, अगर वही जलवा आज तक होता तो आज अमेरिका भी हमारे कदमो मे गिरा होता .. वो कमाल था मेरे राम का......इसलिए बार बार मेरे राम के नाम को लक्ष्य बनाया गया.. कभी पेरियार नाम के शैतान की सच्ची रामायण बना कर तो कभी चाँद मिया को साई राम बना कर...मैं चुनौती देता हू तुम पूरे साई समाज को.. तुम हिंदू हो ही नही सकते.. और अगर हो भी तो हिंदुत्व के लिए सतयुगी रावण , द्वापर युगी कन्स और कलयुगी दिग्विजय से ज़यादा ख़तरनाक हो.....और हाँ,, साई (चाँद मिया) को श्री राम कहना सूरज पर थूकने की कोशिश करने के समान है जहा सूरज नही बस तुम्हारा वो मुह गंदा होगा जिस मुह से तुम साई को राम कह रहे हो......हे माँ सीता इन्हे कभी क्षमा मत करना क्यों की इनको अभी भी आप की अग्नि परीक्षा चाहिए........जय श्री राम.. जय जय श्री राम....

कैसे आया लाखो क्यूसेक पानी एक साथ पहाड़ियों से ?



यह पोस्ट अवश्य पढ़े , हो सके तो मित्रों के साथ सांझा (Share) करे | यह पोस्ट तथ्यों पर आधारित है , आकड़ों में थोडा असंतुलन हो सकता है किन्तु तथ्य पूर्ण रूपेण सत्य है , जिसको आपत्ति हो वो विश्व की किसी भी संस्था से इसकी निष्पक्ष जांच करा सकता है ||

आपदा प्रबंधन के लिए १००० करोड़ केंद्र सरकार से |
आपदा प्रबंधन के लिए ३७८ करोड़ अन्य राज्यों और सामाजिक सस्थाओं से |
आपदा प्रबंधन के लिए अब तक १०० से ज्यादा ट्रक राहत सामग्री |
आपदा प्रबंधन के लिए सेना के हैलिकोप्टर , सेना के जवान |
आपदा प्रबंधन में सामाजिक , राजनैतिक और भगवा आतंकवादी संगठनो की आर्थिक और शरीरिक सहायता |

उत्तराखंड की सरकार ने क्या किया अब तक ??

उत्तराखंड ने आये हुए पैसे से अपनी बहु बेटियों दामाद को हैलिकोप्टर की सैर करायी |
1000 करोड़ में से 900 करोड़ आने वाले दिनों में खा जायेगे |
मृतकों के शरीर पर धारण हीरे ,स्वर्ण, चांदी के आभूषण उनके अंग काट कर निकाल लिए गए |
मृतकों के वस्त्रों में रखा धन , और कीमती सामान खा गए |
हज़ारो मृतकों के पार्थिव शरीर को जंगलों में फिकवा दिया |
हज़ारो पार्थिव शरीरों को पानी के बहाव में बहा दिया |
हज़ारो जीवित लोगो को भूख और प्यास से तडफाया |
हजारो जीवित लोगो से बदसलूकी की गयी |
मोदी जी को अपमानित किया गया |
मोदी जी के द्वारा सहायत की पेशकश को ठुकरा गया |
हरिद्वार में लगे बाबा रामदेव जी के सहायता शिविर को बल पूर्वक हटा दिया गया |

कैसे आया लाखो क्यूसेक पानी एक साथ पहाड़ियों से ?

बारिश से आया पानी तो रिस रिस कर आता ना की एक साथ वेग के साथ ?
क्यों बदली कई मुख्य नदियों ने अपनी दिशा जबकि नदी के आस पास का क्षेत्र असीम है और उसमे लाखो क्यूसेक पानी समाहित हो कर एक ही दिशा में बह सकता है ?

असल में केंद्र और उत्तराखंड सरकार उत्तराखंड और हिमालय से प्रवाहित होने वाली नदियों पर हर ३० से ८० किलोमीटर के अन्तराल पर डैम बना रही है जिससे विधुत पैदा की जा सके | याद रहे की धारी देवी मंदिर को भी केवल बाँध की वजह से हटाया जा रहा है क्योकि मंदिर के ऊपर से बाँध को ले जाया जाना है | अब सरकार को इस विधुत को पैदा करने और नदियों के पानी को विधुत पैदा करने के लिए ना जाने क्यों रोक कर रखा जाना आवश्यक लगा | जिसके लिए उत्तराखंड और केंद्र सरकार ने इन बांधों के साथ साथ 267 टनल (गुफा) पहाड़ियों को काटकर बनायीं , जिसके लिए विस्फोट का सहारा लिया गया , आये दिन हर घंटे इन पहाड़ियों में एक ना एक विस्फोट किया जाने लगा जिससे पहाड़ियों का निचला और उपरी भाग काफी क्षतिग्रस्त हो गया या कमजोर पड़ गया | जिन 267 टनल्स को बनाया जा रहा है उनमे से 39 टनल्स बन कर तैयार हो चुकी थी और उनमे लाखो क्यूसेक पानी बिजली पैदा करने के लिए रोक कर रखा गया था | जिस दिन उत्तराखंड में तेज वर्षा हुयी उस दिन इन 39 टनल्स पर वर्षा जल की वजह से दबाब बढ़ गया , और वो क्षतिग्रस्त होने लगी , बाँध और टनल्स बना रही निजी कम्पनियों को अपना करोडो रूपया डूबता दिखने लगा , इसलिए उत्तराखंड सरकार से मिलीभगत करके निजी कम्पनियों ने एक के बाद एक उन 39 टनल्स का लाखो क्यूसेक पानी छोड़ दिया , जिस कारण लाखो क्यूसेक जल वेग के साथ पहले से ही हो रही वर्षा के जल के साथ मिल गया जिससे यह भयानक तबाही मच गयी ||
अभी तक के प्राप्त गैर सरकारी आकड़ों के हिसाब से करीब ३० हज़ार लोगो की मौत हुयी है जिसे सरकार केवल ८२२ मौते बता रही है |

वर्षा जल से हथनीकुंड बैराज से जब पानी दिल्ली के लिए छोड़ा गया तो हरियाणा और दिल्ली दोनों स्थानों पर वर्षा हो रही थी , क्योकि इससे पहले हरियाणा ने पानी को हरियाणा में रोक कर रखा था और जब वर्षा जल की अधिकता के कारण हरियाणा ने ६ लाख क्यूसेक पानी दिल्ली की ओर छोड़ा तो केवल ३ घंटे में तीव्र वेग के साथ यमुना खतरे के निशान पर बहने लगी | अब सोचिये एक टनल में अगर 2 लाख क्यूसेक पानी भी जमा था तो 39 टनल्स में 78 लाख क्यूसेक पानी जब पहाड़ से निचे गिरता हुआ आएगा तो कुछ बचेगा क्या ??

वर्ष २०१२ और जनवरी 2013 को नेशनल ज्युलोजिकल सर्वे ऑफ़ इण्डिया ने उत्तराखंड में अंधाधुंध बन रहे बांधों को लेकर चिंता जताई थी और 109 गावों को अति असुरक्षित दायरे में रखा था , साथियों इन 109 गावों में से 70 गावों का वजूद समाप्त हो चुका है | और सरकार कह रही है की सिर्फ ८२२ लोग मरे है और आकड़ा 1000 पार कर सकता है , अगर एक गावं में रहने वालों की संख्या २०० भी लगा लूँ तो १४००० ग्रामवासी लापता है और हजारो श्रद्धालु अलग ||

यही सब छुपा कर रखना चाह रही थी उत्तराखंड सरकार | इसीलिए सेना को बुलाने में दो दिन लग गए , इसीलिए बचाव कार्य ३ दिन बाद धीरे धीरे शुरू किया गया , इसीलिए मोदी जी को प्रभावित क्षेत्रों में नहीं जाने दिया गया |

आकड़ों में थोडा असंतुलन हो सकता है किन्तु सत्य को झुठलाया नहीं जा सकता ||

जय जय सियाराम ,, जय जय महाकाल ,, जय जय माँ भारती ,, जय जय माँ भारती के लाल ||

Tuesday, June 25, 2013

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कल थी शब-ए-बारात








बीती रात दिल्ली के इंडिया गेट और उसके आसपास के इलाकों में बाइकर्स ने जमकर बवाल काटा. करीब 5 हजार की संख्या में बाइकर्स इकट्ठा हुए और ट्रैफिक नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाईं. इन सब के बीच 6 पुलिसवाले घायल भी हुए.
इस दौरान बाइकर्स ने खतरनाक ढंग से स्टंट किए, खूब हुड़दंग मचाया और कई जगहों पर जाम भी लगाया. भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने हल्का बल भी प्रयोग किया. पुलिस ने 6 लोगों को हिरासत में भी लिया गया है.

पुलिस ने बाइकर्स को काबू में करने की रात में काफी कोशिशें की लेकिन 5 हजार की तादाद में आए बाइकर्स किसी की सुनने को तैयार नहीं थे. पुलिस ने लाठीचार्ज किया और इन्हें भगाने की कोशिश की जिसमें कुछ पुलिसवाले भी घायल हो गए.

बाइकर्स रातभर कानून को ताक पर रखकर हुडदंग मचाते रहे, हांलाकि इनमें शामिल कुछ बाइकर्स से जब आजतक ने बात की तो उन्होंने भी माना की उनसे गलती हो गई है.
और भी...
कल रात मुस्लिम बाइकर्स का दिल्ली में हुडदंग जिसे मीडिया ने छिपाया: कल रात करीब ११ बजे दिलशाद गार्डन मेट्रो स्टेशन पर मोजूद मेरे एक खास मित्र और मेरे बीच मोबाइल पर बात हो रही थी तभी वो घबराकर बोला की कुछ गड़बड़ है, मैंने पुछा क्या हुआ तो उसने बताया की लगभग २०० - २५० बाइक पर सैकड़ो मुस्लिम टोपी लगाए युवक सवार हैं जो हुडदंग मचा रहे हैं और आते जाते लोगो को गली दे रहे हैं। तब वो वहां से संभलकर अपने घर पंहुचा क्यूंकि वहां की स्तिथि किसी अनहोनी की आशं कर रही थी। आज सुबह उसने मुझे बताया कि किसी न्यूज़ चैनल ने एक छोटी सी रिपोर्ट दिखाई है की कल रात इंडिया गेट पर बाइकर्स का हुडदंग में कई लोग और पुलिसवाले घायल हुए है लेकिन मीडिया ने ये बात छुपायी की वो सभी मुस्लिम थे क्यूंकि उसके हिसाब से कहीं न कहीं दिलशाद गार्डन पर उसे दिखे बाइकर्स भी उसी ग्रुप में इकठ्ठा हुए होंगे। अब आप ही अंदाजा लगाएं की दिल्ली की शाशन व्यवस्था किसके भरोसे है और एक विशेष समुदाय को कैसे यहाँ की व्यवस्था का बलात्कार करने की छूट प्राप्त है
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आज सुबह एक छोटा सा क्लिप दिखाया गया था न्यूज़ चेनल पर , की रात दिल्ली में बाइक सवारों ने स्टंट कर उत्पात मचाया , जिसमे कुछ पोलिस कर्मी भी घायल हुए , और आम जन को भी चोटे आई |
पर मीडिया द्वारा इस बड़ी खबर को छोटी सी बता कर सच छुपा लिया गया ,
कल थी शब-ए-बारात , मुसलमानों का त्यौहार , जिसका अर्थ होता है शब=रात , बारात=बरी होना , आजाद होना |
जैसा की हम जानते है मुसलमानों के हर काम उलटे होते है , यह शब-ए-बारात भी , दिन में नहीं सूर्यास्त के बाद रात में शुरू होती है , जिसका जश्न कहा जाता है की दुआ मांग कर मनाया जाता है , (भाई फिर साल भर ५ बार doggie position में क्या करते है यह जब त्यौहार पर भी सिर्फ दुआ ही मांगते है तो )
दरअसल कल रात को बरी होने का जश्न मनाया गया दिल्ली में , ५००० युवा मुस्लिम जमा हुए थे , बाइक सवारों की संख्या १००-२०० बताई जा रही है , पर इतने से यातायात व्यवस्था नहीं बिगडती है , तो निश्चित ही बड़ी संख्या में मुस्लिमो ने उत्पात मचाया होगा जिसको पोलिस रोक नहीं सही या शायद रोकना नहीं चाहा , इन मुस्लिम युवाओं ने सारे नियम कायदे तोड़ते हुए दिल्ली के कई इलाको में जम कर हुडदंग की , आते जाते लोगो को टक्कर मारी , यातायात नियमो को तोडा , रोकने वाली पोलिस को भी चोट पहुचाई , जब रोकना चाहा तो मुस्लिमो आतंकी पोलिस पर पथराव करने लगे , सेकड़ो की संख्या के आतंकियों में से सिर्फ ५ गिरफ्तार किये गए, कौन , कहा से , क्यों , क्या पूछताछ हुई , सभी बाते मीडिया ने छुपा ली , उतरांचल में एक हिन्दू बाबा लाश के गरीबी के चलते पैसे उठा लेता है , एक खच्चर वाला अपना पेट भरने के लिए कुछ ज्यादा दाम मांग लेता है तो यह न्यूज़ चैनल वाले सुबह से शाम तक बड़ी बड़ी हेडिंग में उनकी न्यूज़ चलाते है , क्यों की वो हिन्दू है , और ५००० मुस्लिम देश की राजधानी में खुल्लेआम आतंक फैलाते है तो इन मीडिया वालो की , नेताओं की चोंच नहीं खुलती है क्यों की वो मुस्लिम है |
यह कैसी धर्मनिरपेक्षता है ? और यह कैसी व्यवस्था है इस देश की ??
यह मुस्लिमो द्वारा खुले तौर पर चेतावनी है दिल्ली वासियों और हिन्दुओ को , की हम जो चाहे करे हमारा कोई कुछ नहीं कर सकता , न मीडिया , न नेता , और ना ही हिन्दू, जिनका यह देश है |
नरेन्द्र मोदी __ 'देश की धड़कन'
अभी अभी ABP न्यूज़ पर debate देखा , वहाँ एक
काँग्रेस
कुत्ते शांता कुमार ने ये कहा की मोदी जी को उतराखंड
मे
हेलीकाप्टर उतारने इसलिए नहीं दिया गया,
क्योकि वो एक
सेकुलर नेता नहीं है॥
इस उल्लू के पट्ठे को कोई बताए,
की मोदी जी उतराखंड मे पीड़ित
हिन्दू श्रद्धालुओ के सेवा के लिए गए थे॥ न की हज
गए
मुल्लों से मिलने।।
इसे कहते है कॉंग्रेस की गंदी राजनीति। अब यह
सेकुलर
का मुद्दा कहा से आ गया

सेक्युलर की परिभाषा

बहुत से मित्र सेक्युलर की परिभाषा पूछ रहे हैं ...
हमने जवाब दिया कि सेक्युलर वो संकर जाति का जीव होता है ,जिसमे उसके राशन कार्ड में लिखे हुए बाप के नाम को छोड़कर पुरे मोहल्ले वालों का DNA होता है ,
सही हैं न मित्रो ????


पप्पू ने निगले 8 और जवान

इस बीच खबर आ रही है की राहुलG की अपने
पायलट के साथ हाथापाई हो गई है..
बात ये थी की राहुल के उत्तराखंड उतरते
ही लोग "राहुल मुर्दाबाद, राहुल मुर्दाबाद"
के नारे लगाने लगे, और राहुल अपने पायलट से ये
कहते हुए उलझ पड़े की साले उत्तराखंड जाना था,
'मुरादाबाद' क्यूँ ले आये ।।











एक डायन ने कश्मीर जाने से पहले 8 जवानों की बली ले ली

और अब स्पेन से बॉडी मसाज का लुफ्त ले के लोटे मनहूस पप्पू ने निगले 8 और जवान .

 राहत कार्य में लगा एयरफोर्स का हेलीकाप्टर MI-17 क्रैश 5 अफसर समेत 8 लोगों की मौत !

शर्मनाक ! शर्मनाक ! शर्मनाक !
खबर आयी है की जो राहत समग्री के ट्रक काँग्रेस झंडो से सजा कर दिल्ली के काँग्रेस मुखालय से राहुल गंदगी और उसकी माँ सोनिया गंदगी ने उत्तराखंड भेजे थे खाली थे और उनमे कोई सामान था ही नहीं, कुछ ट्रकों में कुछ सामान था और बाकी ट्रक दिल्ली बार्डर तक जा कर वंही से वापिस आ गए थे, बाकी में आधे/चोथाई से भी कम सामान था, और वो भी बेकार का सामान था, उसमे भी काँग्रेस वर्करों ने बन्दर-बाँट कर के अपना "काँग्रेसी चरित्र" दिखाते हुए खूब घपला किया, ये है काँग्रेस की असलियत, काँग्रेस ने पहले देश को तो लूट ही लिया है, अब वो बेसहारा, बाढ़, तूफान, प्राक्रतिक आपदा, से तबाह उत्तराखंड के लोगों को भी लूटने की अपनी बईमानी पर आ गयी है !!
अगर अभी भी लोग काँग्रेस को वोट देते हैं तो उनके भाग्य में येही लिखा है तो उनका कुछ नहीं हो सकता !!

Monday, June 24, 2013

प्रधानमंत्री राहत कोष

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी की घोषणा का असली सच
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प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी ने उत्तरांचल में मदद के लिए
एक हजार करोड़ रुपयों "प्रधानमंत्री राहत कोष " से देने की घोषणा की है ,, पहले जानिये "प्रधानमंत्री राहत कोष " होता क्या है ,,,,इस कोष को नेहरु ने बनाया था 1948 में ,,इस में सरकार की तरफ से कोई पैसा जमा नहीं किया जाता ,बल्कि विभिन्न संस्थाए और आम जनता जो दान करती है इस कोष के लिए ,उस से जो पैसा एकत्र होता है वही प्रधानमन्त्री उपयोग करते है ,,

"प्रधानमंत्री राहत कोष " में जमा कराया गया धन पूर्णत : कर मुक्त होता है ,, और सूचना के अधिकार के तहत भी इस में दान दातो के बारे में कोई जानकारी नहीं दी जाती ,,,

सरकार इस कोष में अपनी तरफ से एक भी पैसा जमा नहीं कराती ....इस समय "प्रधानमंत्री राहत कोष " में करीब 17 हजार करोड़ रुपये जमा है ... तो कहने का मतलब है की अभी जो मनमोहन जी ने एक हजार करोड़ रूपये देने की घोषणा की वो आम जनता के दान का ही पैसा है ना की सरकार ने अपनी तरफ से कोई अलग से राशि आम जनता को मुहैया करवाई है मदद के लिए.

आपदा के समय सेकुलरों-वामपंथियों ने

कौन कहता है कि आपदा के समय सेकुलरों-वामपंथियों ने कोई काम नहीं किया???
निम्नलिखित काम उन्होंने बड़ी शिद्दत से किए हैं...

१) मोदी कहाँ हैं... मोदी कहाँ हैं... की गुहार लगाई...
२) मोदी ने सिर्फ २ करोड़ रूपए दिए... कहते हुए चालीस पोस्ट डाली...
३) बाबा रामदेव और पतंजलि योगपीठ पर सवाल उठाए...
४) संघ के कार्यकर्ता कहाँ-कहाँ सेवा कर रहे हैं... उसकी लिंक्स और फोटो मांगीं...
५) "भोंदू" की विदेश यात्रा का बचाव किया और सेना की तारीफ़ करने में कंजूसी बरती..

और अंत में....

६) कोई निकम्मा सेकुलर-वामपंथी ऐसा भी रहा होगा, जिसे ये सब काम नहीं आए होंगे... उसने देश पर एक मेहरबानी यह की, कि उसने चार-पाँच दिन फेसबुक से ही दूरी बना ली... "हिन्दू आतंकियों" के सेवा कार्यों के बारे में ढेर सारी पोस्ट्स कौन पढ़े...

Sunday, June 23, 2013

बद्रीनाथ और गौरीकुंड में शवों का सडना शुरू

बद्रीनाथ और गौरीकुंड में शवों का सडना शुरू , बारिश और तेज धुप के चलते शवों का तेजी से सडना शुरू हो गया हैं , जिससे महामारी फैलने का खतरा और बढ़ गया है !!!

अति ज्वर के कारणवश आज मैं चाहते हुए भी आपदा स्थल की और नही जा सका , जबकि मेरे उद्योगपति मित्र श्री शरद कपूर , श्री विनोद जोशी जी और जेवर बुलन्दशहर से आए श्री पंकज शर्मा जी लगातार वहाँ सम्पर्क बनाए हुए हैं जिनसे तजा जानकारी आज यह मिली कि आज खराब मौसम के चलते सेना ने हेलीकॉप्टरों की बजाए श्रध्दालुओं को सड़क से निकालने का जोखिम उठाया !!!

सारा वातावरण दुर्गंध के कारण बहुत ही भयावह हो गया हैं !!! इस नीच कांग्रेसियों को कीड़े पड़े सालो को , जब मोदी जी कल सत्ताईस हेलीकाप्टर दे रहे थे , तब इन्हें अपनी खाला खतरे में दिखाई दे रही थी ??? यदि समय रहते ये नीच राजनीति छोडकर तब मोदी जी की सहायता को एक मानवीय कदम सोचकर ले लेते तो आज परिणाम कुछ और होते !!!

साथियों मौसम फिर से क्रूर चेहरा अपनाने के मूड में हैं , दुआ कीजिये बारिश ना हो , यदि ऐसा हो गया , तो रहिये तैयार और बुरी खबर सुनने को !!! दूसरी तरफ कांग्रेस सरकार ने दिल्ली से भेजे गए तीन ट्रक वापस भेजते हुए कहा कि सिर्फ चेक या नकद राशि द्वारा ही सहायता की जा सकती हैं !!! कोई मुझे बताईये कि आपदा में फंसे हुए लोग क्या नोट खायेंगे या इनकी खाला और अब्बू ने वहाँ अभी भी दुकाने खोल रखी हैं ????????

अब तो मेरा भी एक ही लक्ष्य हैं - कांग्रेस मुक्त भारत

कांग्रेसियों का बहिष्कार कीजिये , इन्हें राशन मत बेचिये , इनका इलाज मत कीजिये , इनकी गाडियों की हवा निकालिए , कुछ भी करिये मगर अब इन्हें दिखा दीजिए कि तुम्हारी माँ की '' आँख '' !!!

वन्देमातरम

Saturday, June 22, 2013

उत्तराखंड से 2 दिन में 15000 गुजरातियों को निकाल ले गए मोदी

उत्तराखंड से 2 दिन में 15000 गुजरातियों को निकाल ले गए मोदी



नरेंद्र मोदीटाइम्स न्यूज नेटवर्क | Jun 23, 2013, 11.22AM IST
देहरादून।। उत्तराखंड में बरपे कुदरत के कहर के बाद अपनी स्पेशल 'रेस्क्यू टीम' संग देहरादून पहुंचे गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी 'रैंबो' स्टाइल में दो दिन में करीब 15 हजार गुजराती श्रद्धालुओं को वहां से ले गए। उत्तराखंड में इन दो दिनों में मोदी अपनी खास वर्किंग स्टाइल से कांग्रेस की विजय बहुगुणा सरकार और आपदा में लगे प्रदेश के अधिकारियों को चिढ़ा गए।

दिग्विजय ने मोदी का कहा फेकूः उधर, कांग्रेस ने मोदी पर यह कहते हुए निशाना साधा है कि उन्हें मोदी का मॉडल सिर्फ गुजरातियों के लिए काम करता है। उन्हें सिर्फ गुजरातियों की ही फिक्र थी, जबकि कई प्रदेशों के लोग मदद की गुहार लगा रहे हैं। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ट्वीट किया, 'मोदी जवानों और प्रशासन द्वारा बचाकर लाए गए लोगों का क्रेडिट ले रहे हैं। फेकू फिर काम पर लग गया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड को 10 करोड़ की मदद दी है और फिर से केदारनाथ को बनाने की पेशकश भी सबसे पहले की थी।'

पूरी टीम लेकर आए मोदीः मोदी शुक्रवार रात अचानक देहरादून पहुंचे थे। मोदी अपने साथ अपनी एक पूरी रेस्क्यू टीम लेकर आए थे। इसमें 5 आईएएस , 1 आईपीएस, 1 आईएफएस और दो गुजरात प्रशासनिक सेवा के आला अधिकारी थे। इसके अलावा दो डीएसपी और 5 पुलिस इंस्पेक्टर भी उनकी टीम का हिस्सा थे। देहरादून पहुंचते ही मोदी ने सबसे पहले जौली ग्रांट एयरपोर्ट पर इंतजार में बैठे 134 गुजराती तीर्थ यात्रियों को अपने चार्टर्ड प्लेन से अहमदाबाद रवाना किया।

इसके बाद वह करीब 1 बजे तक अपने टीम के साथ मीटिंग करते रहे। बाढ़ से प्रभावित गुजरात के यात्रियों को देहरादून तक पहुंचाने के लिए 80 इनोवा लगाई गई थीं। इसके अलावा चार बोइंग का भी इंतजाम था। शनिवार को 25 लग्जरी बसों से कई यात्रियों को दिल्ली रवाना किया गया। यह सबकुछ दिल्ली और देहरादून में तैनात दो सीनियर आईएएस अधिकारियों की देखरेख में हो रहा था। इसके अलावा हरिद्वार में भी एक मेडिकल टीम तैनात की गई थी। बताया जाता है कि टिहरी में लोगों के सड़क जाम करने के कारण एक गुजराती श्रद्धालु की कार वहां फंस गई थी। मोदी की टीम के आईएएस अधिकारी ने तुरंत उसे वहां से निकलवाया।

यही नहीं गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने जब दोपहर प्रदेश सरकार के राहत अभियान में तालमेल की कमी पर नाराजगी जाहिर की, तो शाम को मोदी ने केदारनाथ के मंदिर के पुनर्निमाण इच्छा जाहिर कह बहुगुणा के जले पर नमक छिड़क दिया। मोदी ने बहुगुणा से मुलाकात में कहा कि वह केदारनाथ के मंदिर का आधुनिक तरीके से पुनर्निर्माण का जिम्मा लेने को तैयार हैं। मंदिर को ऐसा बनाया जाएगा कि कोई आपदा उसे हिला नहीं पाएगी।

उधर, उत्तराखंड बीजेपी के नेता मोदी के इस स्टाइल से बेहद प्रभावित हैं। वह उनकी तारीफों के पुल बांध रहे हैं। बीजेपी नेता अनिल बलूनी ने कहा, 'उन्होंने जो कुछ भी कहा वह शानदार था। अगर किसी को यह पसंद नहीं आ रहा है तो क्या किया जा सकता है।'


इशरत जहाँ



मीडिया ने कभी ये नही बताया की इशरत जहाँ के साथ मारा गया एक शक्स जावेद उर्फ़ गणेश पिल्लई कौन था और वो इशरत के सम्पर्क में कैसे आया और गणेश पिलाई ने इस्लाम कुबूल करके उसके साथ निकाह क्यों किया था

असल में इशरत जहाँ केरल में आतंकी ट्रेनिग के लिए गयी थी ...वहा एक हिन्दू लड़का गणेश पिल्लई उनके सम्पर्क में आया ... इशरत के आकाओ ने इशरत को कहा की उसको अपने प्रेमजाल में फंसा लो क्योकि उसे हम आतंकी बना देंगे ..

फिर इशरत ने उसको अपने रूपजाल में फंसाकर उसको इस्लाम कुबूल करवा लिया और दोनों ने केरल में ही निकाह कर लिया था ...

आज भी इशरत जहाँ के माँ बाप और उसके वकील ये जबाब नही दे पाते की यदि उनकी बेटी एक सीधीसाधी घरेलू लडकी थी तो फिर वो चार लडको के साथ आठ दिनों से क्यों गायब रही ?? मनोर टोलप्लाजा से लेकर अहमदाबाद तक के कुल आठ टोलबूथ में इशरत जहा सीसीटीवी में देखी जा सकती है जो चार लडको के साथ अकेली कार में बैठी है ...

इतना ही नही केंद्र की आईबी ने कई ऐसे फोन काल रिकार्ड किये है जिसमे साफ़ साफ़ कहा गया है की मुंबई ने इशरत अपने साथियों के साथ गांधीनगर आकर नरेद्र मोदी की हत्या करने आएगी ...

Friday, June 21, 2013

मक्का में काबा और हज यात्रियों की रक्षा नहीं कर सका अल्लाह


मक्का में काबा और हज यात्रियों की रक्षा नहीं कर सका अल्लाह 

Why Allah could not save Muslim Hajj pilgrims and Kaaba from flood water and siege ?

1941 में तूफ़ान बारिश ने मक्का मस्जिद में मौजूद काबा कों पानी में डुबो दिया । काबा पूरी तरह कीचड़ के गंदे पानी से भर गया और मस्जिद में तबाही मच गयी । मुस्लिम मातम मना रहे थे ।

http://www.7cgen.com/index.php?showtopic=24770
http://www.youtube.com/watch?v=ZOSVgeLbM_I

20 नवंबर 1979 कों इस्लामी जेहादियों ने मक्का मस्जिद पर हमला कर दिया । जेहादी और सौदी सेना के बिच गोलीबारी में सैकड़ो हज यात्री मारे गये और काबा तबाह हो गया ।

http://en.wikipedia.org/wiki/Grand_Mosque_Seizure

स्वामी रामदेव के व्योपार कि पूरी सच्चाई

खुलासा खुलासा खुलासा

जरा पूरा पढो स्वामी रामदेव के व्योपार कि पूरी सच्चाई

इस भीषण आपदा के समय पर भारत के लोगों से
करोड़ों-अरबो रुपए कमाने वाली बहुराष्ट्रीय
कंपनियाँ क्या योगदान दे रही हैं?
>मिनरल वाटर की कंपनियों ने क्या पानी उपलब्ध
कराया अपनी तरफ से?
>बिस्किट बनाने वाली कंपनियों ने क्या बिस्किट भेजे
राहत के लिए?
>शीतल पेय बनाने वाली कंपनियों ने क्या अपने पेय
भेजे राहत के लिए?
>कुरकुरे, लेज, कैडबरी चॉकलेट?? इन्होंने क्या भेजा?
जबकि इनका अच्छा नेटवर्क बना हुआ है उन
क्षेत्रों में!

वहाँ पतंजली को छोड़कर कोई नहीं गया फिर
पतंजली के स्वदेशी उत्पादों का विरोध क्यों?

यदि टिहरी बाँध बन गया तो




यदि टिहरी बाँध बन गया तो (Rajiv Dixit 1995):

हिमालय क्षेत्र में बन रहा टिहरी बाँध शुरू से ही विवादों के घेरे में रहा हैं। योजना आयोग द्वारा 1972 में टिहरी बाँध परियोजना को मंजूरी दी गई। जैसे ही योजना आयोग ने इस परियोजना को मंजूरी दी, टिहरी और आस-पास के इलाके में बाँध का व्यापक विरोध शुरू हो गया। कई शिकायते इस संबंध में केंद्र सरकार तक पहुंची। संसद की ओर से इन शिकायतों की जांच करने के लिए 1977 में पिटीशन कमेटी निर्धारित की गई। 1980 में इस कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमति इंदिरा गाँधी ने बाँध से जुड़े पर्यावरण के मुद्दों की जांच करने के लिए विशेषज्ञों की समिति बनाई। इस समिति ने बाँध के विकल्प के रूप में बहती हुई नदी पर छोटे-छोटे बाँध बनाने की सिफ़ारिश की। पर्यावरण मंत्रालय ने विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट पर गंभीरता पूर्वक विचार करने के बाद अक्टूबर, 1986 में बाँध परियोजना को एकदम छोड़ देने का फैसला किया।

अचानक नवंबर, 1986 में तत्कालीन सोवियत संघ सरकार ने टिहरी बाँध निर्माण में आर्थिक मदद करने की घोषणा की। इसके बाद फिर से बाँध निर्माण कार्य की सरगर्मी बढ़ने लगी। फिर बाँध से जुड़े मुद्दों पर मंत्रालय की ओर से समिति का गठन हुआ। इस समिति ने बाँध स्थल का दौरा करने के बाद फरवरी, 1990 में रिपोर्ट दी कि टिहरी बाँध परियोजना पर्यावरण के संरक्षण की दृष्टि से बिलकुल अनुचित हैं। मार्च, 1990 में एक उच्च स्तरीय समिति ने बांध की सुरक्षा से जुड़े हुए मुद्दों का अध्ययन किया। जुलाई, 1990 में मंत्रालय ने बांध के निर्माण कार्य को शुरू करने से पूर्व सात शर्तों को पूरा करने के लिए कहा। इन सात शर्तों को पूरा करने के लिए समय सीमा निर्धारित की गयी। लेकिन इस समय सीमा के बीत जाने के बावजूद आज तक एक भी शर्त पूरी नहीं की गई। अब बांध का निर्माण कार्य बिना शर्त पूरा किए शुरू कर दिया गया है। बांध का निर्माण कार्य करने वाली एजेंसियो को पर्यावरण मंत्रालय द्वारा कई बार याद दिलाया गया, लेकिन बांध निर्माण से जुड़ी हुई कोई भी शर्त नहीं मनी गयी। अगस्त, 1991 में इसी बात को लोकसभा में चेतावनी के रूप में उठाया गया, जिस पर काफी बहस हुई। कई सांसदो ने बांध क्षेत्र में भूकम्प की संभावनाओं पर चिंता व्यक्त की। अक्टूबर, 1991 में उत्तरकाशी में भूकम्प आया, जिससे जान-माल की काफी हानि हुई। इससे यह भी सिद्ध हुआ कि बांध क्षेत्र में भूकम्प की आशंकाए निरधार नहीं हैं।

टिहरी बांध बनाने से 125 गाँव डूबेंगे और 2 लाख से अधिक लोगो को विस्थापित होना पड़ेगा। बॉटनीकल सर्वे ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार बांध बनने से पेड़-पौधो की 462 प्रजातियाँ लुप्त हो जाएगी। इनमें से 12 प्रजातियाँ अत्यंत दुर्लभ मानी जाती हैं। बांध के बनने से 70 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में 20 हजार हेक्टेयर उपजाऊ भूमि पूरी तरह से डूब जाएगी। 1993 में पर्यावरण मंत्रालय द्वारा प्रधानमंत्री को भेजे गये एक नोट में कहा गया है कि यदि यह बांध टूट जाता हैं तो यह विशाल जलाशय 22 मिनट मे खाली हो जाएगा, 63 मिनट में ऋषिकेश 260 मीटर पानी में डूब जाएगा। अगले बीस मिनट में हरिद्वार 232 मीटर पानी के नीचे होगा। बाढ़ का यह पानी विनाश करते हुए बिजनौर, मेरठ, हापुड़ और बुलंदशहर को 12 घंटो में 8.5 मीटर गहरे पानी में डुबो देगा। करोड़ो लोगों के जान-माल का जो नुकसान होगा, वह बांध की लागत से कई गुना अधिक होगा। दूसरा खतरा यह है कि यह बांध चीन की सीमा से लगभग 100 मील की दूरी पर हैं। चीन के साथ किसी संघर्ष में यदि इस बांध को दुश्मनों द्वारा तोड़ दिया जाए तो भी विनाश का यही दृश्य उपस्थित हो सकता हैं जो भूकम्प के आने पर होगा। जल प्रलय की यह भयावह आशंका रूह को कंपा देती हैं। अगस्त, 1975 में चीन के हिनान प्रांत में इसी तरह का बांध टूटा था जिसके जल प्रलय मे 2 लाख 30 हजार लोगों की मौत हुई।

टिहरी बांध के निर्माण में व्याप्त भ्रष्टाचार आंखे खोल देने वाला हैं। 1986 में भारत के महानियंत्रक लेखा परीक्षक श्री टी.एन. चतुर्वेदी द्वारा दी गई रिपोर्ट में बांध के बेतहाशा बढ़ते हुए खर्चे की ओर सरकार का ध्यान दिलाया गया। 1972 में इस परियोजना की लागत 198 करोड़ थी, लेकिन आज यह बढ़कर 8000 करोड़ रुपये से भी अधिक हो चुकी हैं। इसका मुख्य कारण मुद्रास्फीति नहीं, बल्कि इसमें होने वाला भ्रष्टाचार हैं। क्योंकि 1972 से 1994 तक मुद्रास्फीति की दर उस रफ्तार से कतई नहीं बढ़ी हैं, जिस रफ्तार से बांध की लागत को बढ़ाया गया हैं श्री टी.एन. चतुर्वेदी जी ने स्पष्ट कहा था कि, “यह बांध परियोजना घाटे का सौदा हैं। ”

हिमालय का पर्वतीय क्षेत्र काफी कच्चा हैं। इसलिए गंगा में बहने वाले जल में मिट्टी की मात्रा अधिक होती हैं देश की सभी नदियों से अधिक मिट्टी गंगा जल में रहती हैं। अत: जब गंगा के पानी को जलाशय मे रोका जाएगा तो उसमें गाद भरने की दर देश के किसी भी अन्य बांध में गाद भरने की दर से अधिक होगी। दूसरी ओर, टिहरी में जिस स्थान पर जलाशय बनेगा वहाँ के आस-पास का पहाड़ भी अत्यंत कच्चा हैं। जलाशय में पानी भर जाने पर पहाड़ की मिट्टी कटकर जलाशय में भरेगी। अर्थात गंगा द्वारा गंगोत्री से बहाकर लायी गयी मिट्टी तथा जलाशय के आजू-बाजू के पहाड़ से कटकर आयी मिट्टी दोनों मिलकर साथ-साथ जलाशय को भरेंगे। गाद भरने की दर के अनुमान के मुताबिक टिहरी बांध की अधिकतम उम्र 40 वर्ष ही आँकी गई हैं। अत: 40 वर्षो के अल्प लाभ के लिए करोड़ों लोगों के सिर पर हमेशा मौत की तलवार लटकाए रखना लाखों लोगों को घर-बार छुड़ाकर विस्थापित कर देना एवं भागीरथी और भिलंगना की सुरम्य घाटियो को नष्ट कर देना पूरी तरह आत्मघाती होगा।

टिहरी बांध से होने वाले विनाश में एक महत्वपूर्ण पहलू गंगा का भी हैं। हिन्दू शास्त्रों के अनुसार गंगा के बहते हुए जल में ही श्राद्ध और तर्पण जैसे धार्मिक कार्य हो सकते है लेकिन बांध बन जाने से गंगा का प्रवाह जलाशय में कैद हो जाएगा हिन्दू शास्त्रों के अनुसार गंगा का जल जितनी तेज गति से बहता है उतना ही शुद्ध होता हैं। यही गतिमान जल गंगा में बाहर से डाली गई गंदगी को बहाकर ले जाता हैं। गंगा भारत की पवित्रतम् नदी तो हैं ही, हमारी सभ्यता-संस्कृति की जननी भी हैं। प्रत्येक भारतवासी के मन में गंगा में एक डुबकी लगाने या जीवन के अंतिम क्षणों में गंगा जल की एक बूंद को कंठ से उतारने की ललक रहती हैं। जब भी कोई भारतवासी किसी अन्य नदी में स्नान करता हैं तो सर्वप्रथम वह गंगा का स्मरण करता हैं। यदि वह गंगा से दूर रहता हैं तो मन में सदैव गंगा में स्नान करने की इच्छा रखता हैं। जब वह अपने मंतव्य में सफल हो जाता हैं तो गंगा के परम पवित्र जल में स्नान करने के पश्चात अपने साथ गंगा जल ले जाना नहीं भूलता और घर जाकर उसे सुरक्षित स्थान पर रख देता हैं। जब भी घर में कोई धार्मिक अनुष्ठान हो तो इसी गंगा जल का प्रयोग होता हैं।

राष्ट्र की एकता और अखंडता में गंगा का बहुत महत्वपूर्ण योगदान हैं। शास्त्रों के अनुसार गंगोत्री से गंगा जल ले जाकर गंगा सागर में चढ़ाया जाता हैं और फिर गंगा सागर का बालू लाकर गंगोत्री में डाला जाता हैं। इस पूरी प्रक्रिया में व्यक्ति को गंगोत्री से गंगासागर और फिर गंगासागर से गंगोत्री तक की यात्रा करनी होती हैं। देश के एक सिरे से दूसरे सिरे तक की यह यात्रा ही राष्ट्रीय एकता के उस ताने-बाने को बुनती हैं जिसमें देश की धरोहर बुनी हुई हैं। गंगा हमारे राष्ट्र की जीवनधारा हैं और इसे रोकना राष्ट्र के जीवन को रोकने जैसा हैं। 1914-16 में स्व. पंडित मदन मोहन मालवीय जी ने अंग्रेज़ो द्वारा भीमगौड़ा में बनाए जाने वाले बांध के खिलाफ आंदोलन किया था। इस आंदोलन से पैदा हुए जन आक्रोश के कारण बाँध बनाने का फैसला रद्द कर दिया था। मालवीय जी ने अपनी मृत्यु से पूर्व श्री शिवनाथ काटजू को लिखे पत्र में कहा था कि “गंगा को बचाए रखना।”

लोग तडप तडप कर मर रहे थे और सोनिया गाँधी और मनमोहन सिंह उड़ रहा था

जब एयर कोमोडोर से पूछा गया कि आखिर एयरफ़ोर्स ने इतनी देर से राहत कार्य क्यों शुरू किया ? तो पहले तो एयर कोमोडोर इस पर कोई जबाब देने से कतराते रहे .. फिर उन्होंने कहा की जौलीग्रांट एयरपोर्ट, चमोली एयरस्ट्रिप को वीवीआईपी मूवमेंट के कारण छ घंटे के लिए बंद कर दिया गया था ..साथ ही उत्तराखंड के आसमान पर किसी और विमान के उड़ान पर रोक लगा दी गयी थी क्योकि उस वक्त आसमान में वीवीआईपी उड़ रहे थे ...इसलिए एयरफ़ोर्स राहतकार्य बहुत देर से शुरू कर सकी .. अगर हमे पहले ही उड़ान की अनुमति मिल जाती तो इतने लोग नही मर सकते थे |

क्या आप जानते है की एक तरफ उत्तराखंड में लोग तडप तडप कर मर रहे थे और आसमान में कौन ऐसा चू...या वीवीआईपी उड़ रहा था जिससे राहत कार्य रोक देना पड़ा ???

मित्रो, सोनिया गाँधी और मनमोहन सिंह हिन्दुओ और हेमकुंड में सिक्खों को तडप तडप कर मरते देखने का असीम आनन्द लेना चाहते थे .. एयरफ़ोर्स ने रिक्वेस्ट भी किया था की यदि एयरफिल्ड को उडान के लिए प्रतिबंधित कर दिया जायेगा तो राहत कार्यो में बहुत बड़ी बाधा आएगी .. 

एयरफ़ोर्स के तीन छोटे विमान और सात हेलीकॉप्टरों को पुरे सात घंटो तक ग्राउंड कर दिया गया था क्योकि हिन्दुओ और सिक्खों को मरते देखने का आसिम आनन्द को सोनिया और मनमोहन हाथ से जाने नही देना चाहते थे ..

लेकिन मुझे एक बात समझ में नही आई की एक तरफ जब भयंकर प्रलय आई तो फिर चालीस करोड़ डालर कीमत का बोम्बर्दियर जेट से उडान भरकर आखिर इन दोनों ने क्या उखाड़ लिया ??

Wednesday, June 19, 2013

श्री केदारनाथ में तबाही का करण

श्री केदारनाथ में तबाही का करण

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एक पहाड़ी बुजुर्ग से गहरी और लंबी बात चीत के आधार पर निष्कर्ष ये निकला कि ये प्रत्यक्ष देवी विपदा है.

यहाँ पर देवी विपदा से मेरा वो मतलब नहीं जैसा कि सरकार समझती है या आमतौर पर समझा जाता है.

ये प्रत्यक्ष देवी का प्रकोप है. यो लोग पहाड के निवासी है वो ये बात जानते है कि पहाड के देवी देवता कितने जल्दी रुष्ट होते है.

जिस दिन ये देवी आपदा हुई , मतलब शनिवार की शाम को, उसी दिन शाम को "धारी देवी" के मंदिर को विस्तापित किया गया था. लगभग शाम को ६ बजे और केदारनाथ में जो भरी तबाही हुई वो भी लगभग ८ बजे शुरू हुई.


मौसम विभाग के अनुसार जहा जून के मानसून में 70mm बारिश का अनुमान होता है परन्तु वहा 300mm बारिश हुई. वो भी सिर्फ ३० घंटो में.

माँ धारी देवी बड़ी प्रत्यक्ष शक्ति है उस क्षेत्र की. वो दिन में ३ बार अपना रूप बदलती है. वहां के निवासी ये सब जानते है. किन्तु कांग्रेस सरकार वह पर एक बाँध बना रही है जिससे मंदिर को uplift करने की जरुरत थी. स्थानीय लोग दो गुटो में बाते हुए थे. एक मंदिर को हटाना चाहता था और एक गुट नहीं.


पर सरकार ने मंदिर की मूर्ति को विस्थापित कर ही दिया. जिसका परिणाम आपके सामने है.


मेरा मानना है कि यदि ऐसी स्थिति किसी मस्जिद या माजर को लेकर होती टो सारकार कोई दूसरा रास्ता खोजती. जैसा दिल्ली में सुभाष मेट्रो station के पास किया.




मित्रों हम माँ धारी देवी से क्षमाप्रार्थना करते है कि वो हम सबको क्षमा करे व सरकार को अकल दे.




जय श्री राम




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दूसरा कारन




मित्रो एक बहुत बड़ी खबर, कृपया अवश्य ध्यान दें|
इस दैवीय आपदा के दोषी सी एम ( श्री विजय बहुगुणा ) साहब है ..............!!
जोत्यिसाचार्यो , पडितो , मंदिर के पुजारियों ,पंडो की मानें तो---------------
...
बाबा केदार नाथ जी के कपाट सहस्त्र वर्षो से अक्षय त्रतीय तिथी को खुलते है ..!!
इस बार भी ऐसा ही होना था कपाट खुलने का समय अक्षय त्रतीय 12.45 था ..!!
लेकिन क्या करें सी एम साहब 1 बजे पहुचे ............और कपाट 2 बजे खुले..!!
तब तक देर हो चुकी थी...समय ही नहीं तिथि भी बदल चुकी थी चतुर्थी तिथि..!!
ये शायद ...वर्षो से आ रही परम्परा को बदलाव रुद्ध नाथ को स्वीकार न था ...!!
और परिणाम हम सब के सामने है बहुगुणा जी ......आप आराम फरमाइए ....!!अ

इतिहास मुझे बार बार चेतावनी

 इतिहास मुझे बार बार चेतावनी देता रहा है कि कायर, शक्तिहीन तथा असमर्थ लोगों का जीवन मृत्यु से भी बदतर और निरर्थक होता है, बनावटी धर्म-निर्पेक्षता का नाटक बहुत हो चुका, भारत हिन्दू प्रधान देश है और वही रहैगा, मुझे अपने हिन्दू होने पर गर्व है, भारत मेरा देश है मैं इसे किसी दूसरे को हथियाने नहीं दूँगी”

स्वदेश तथा अपने घर की सफाई के लिये मुझे अकेले ही सक्रिय होना है, कोई दूसरा मेरे उत्थान के लिये परिश्रम नहीं करेगा, हिन्दूवादी सरकार चुनने का अवसर तो मुझे केवल निर्वाचन के समय ही प्राप्त होगा किन्तु कई परिवेश हैं जहाँ मैं बिना सरकारी सहायता और किसी सहयोगी के अकेले ही अपने भविष्य के लिये बहुत कुछ कर सकती हू, मेरे पास समय अधिक नहीं है, मैं कई व्यक्तिगत निर्णय तुरन्त क्रियात्मक कर सकती हूँ, प्रत्येक निर्णय मुझे हिन्दूराष्ट्र की ओर ले जाने वाली सीढी का काम करेगा...

जैसे किः-

- अपने निकटतम हिन्दू संगठन से जुड कर कुछ समय उनके साथ बिताऊँ ताकि मेरा मानसिक, बौधिक और सामाजिक अकेलापन दूर हो जाये, मेरे पास कोई संगठन न्योता देने नहीं आयेगा, मुझे स्वयं ही संगठन में आपने आप जा कर जुडना है...

- अपने देश की राष्ट्रभाषा हिन्दी को सीखूं, अपनाऊँ और फैलाऊँ, जब ऐक सौ करोड लोग इसे मेरे साथ इस्तेमाल करेंगे तो अन्तर्राष्ट्रीय भाषा हिन्दी ही बनेगी. मुझे अपने पत्रों, लिफाफों, नाम प्लेटों में हिन्दी का प्रयोग करना है, मैं अंग्रेजी का इस्तेमाल सीमित और केवल अवश्यकतानुसार ही करुँगी...

- मुझे किसी भी स्वार्थी, भ्रष्ट, दलबदलू, जातिवादी, प्रदेशवादी, अल्पसंखयक प्रचारक और तुष्टिकरण वादी राजनेता को निर्वाचन में अपना वोट नहीं देना है और केवल
हिन्दूवादी नेता को अपना प्रतिनिधि चुनना है...

- मुझे उन फिल्मों, व्यक्तियों और कार्यों का बहिष्कार करना है, जो मेरे ही धन से, कला और वैचारिक स्वतन्त्रता के नाम पर हिन्दू विरोधी गतिविधियाँ करते हैं...

- मुझे जन्मदिन, विवाह तथा अन्य परिवारिक अवसरों को हिन्दू रीति रिवाजों के साथ आडम्बर रहित सादगी से मनाना है और उन्हें विदेशीकरण से मुक्त रखना है...

- जन-जागृति के लिये पत्र पत्रिकाओं तथा अन्य प्रचार स्थलों में लेख लिखूँगी और दूसरे साथियों के विचारों को पढूँगी. हिन्दूओं के साथ अधिक से अधिक मेल-जोल करने के लिये मैं स्वयं अपने निकटतम घरों, पार्को, मन्दिरों तथा अन्य सार्वजनिक स्थलों पर जा कर उन में दैनिक जीवन के सामाजिक तथा राजनैतिक विषयों पर विचार-विमर्श करुँगी...

- मैं अपने देश में किसी भी अवैध रहवासी अथवा घुस पैठिये को किसी प्रकार की नौकरी य़ा किसी प्रकार की सहायता नहीं दूंगी, मैं अवैध मतदाताओं के सम्बन्ध में पुलिस तथा स्थानीय निर्वाचन आयुक्त को सूचित करुँगी ताकि उनके नाम सूची से काटे जा सकें...
१) गुजरात सरकार का आपदा प्रबंधन टीम केदारनाथ के लिए कल ही रवाना हो चुकी है...

२) RSS helpline No. उत्तरांचल दैवी आपदा पीड़ित सहायता समिति भाउराव देवरस कुंज 15, तिलक मार्ग देहरादून उत्तरांचल 0135-2725776...

३) छग के मुख्यमंत्री ने वहाँ के आवासीय आयुक्त के नेतृत्त्व में एक टीम भेजी है जो राज्य के फँसे हुए लोगों को सहायता और भोजन पहुँचाने में जुटी है...

४) शिवराज सिंह ने पाँच करोड़ रूपए की तात्कालिक राहत और स्वयंसेवकों की एक टीम हरिद्वार रवाना की है.

इसके अलावा दिल्ली, मथुरा जैसे शहरों से लोग, उत्तराखंड के RSS एवं विहिप कार्यकताओं के लगातार संपर्क में हैं.

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यह बताना इसलिए जरूरी हो गया था, क्योंकि सुबह से ही कुछ "कव्वे" पूछ रहे थे कि "इतनी भीषण आपदा के समय संघ क्या कर रहा है?" (हालांकि संघ का ट्रैक रिकार्ड इतना जबरदस्त है कि, ना तो उन्हें आपदा प्रबंधन के समय पीले चावल देकर बुलाना पड़ता है, और ना ही "कव्वों" को स्पष्टीकरण देने की जरूरत है).

हो सकता है कि कुछ "नए-नवेले कव्वे" इसमें भी काँग्रेस-भाजपा की मिलीभगत खोज लें...
ईश्वर इन्हें सोचने-समझने की शक्ति प्रदान करें...
हरि ओम.

60 वर्षों पहले बद्रीनाथ केदारनाथ जैंसा था

*60 वर्षों पहले बद्रीनाथ केदारनाथ जैंसा था आज लगभग वैसा ही हो गया हैं ..... !

जो हुआ वह बहुत बुरा हुआ ... लेकिन हमें आज घटी इस घटना से सबक लेना भी जरुरी है , हिमालयी क्षेत्रों में अनावश्यक भारी जनदबाव अनैतिक दोहन व बेतरतीब ढंग से हो रहा विकास भी इस सब के लिए जिम्मेदार है ।

देखिये जरा गौर से 50 से 60 साल पहले के केदारनाथ धाम की यह तस्वीर तब यहाँ सिर्फ गिनती की 8 - 9 झोपड़ियां हुवा करती थी , वह भी घास फूस की , क्या आम और क्या खाश सबके आशियाने यही थे । लेकिन देश स्वतंत्र हुवा महत्वकांक्षाएं भी बढ़ी इस सब के बीच बेतहाशा विकास की दौड़ भी चलने लगी नतीजतन चन्द सालों में ही साधना के इस धाम में विकास रूपी कंक्रीट के जंगल ने एक आधुनिक नगर की शक्ल ले ली थी.....

क्या कहियेगा इसे प्रकृति का प्रकोप या चतुर इंसान को प्रकृति का तमाचा ..... ?


कुछ मुल्ले पूछ रहे है की अगर शिव भगवान् है

आज सुबह से कुछ मुल्ले पूछ रहे है की अगर शिव भगवान् है तो वो गंगा से अपना बचाव् क्यों नहीं कर पा रहे जबकी मूर्ती अटल खडी है और केदारनाथ मंदिर भी अटल खड़ा है लेकिन फिर भी फ़ालतू के सवाल उन्हें करना ही है इसलिए उनके लिए ये विशेष फोटो और सवाल आखिर अल्लाह यहाँ बाड आने से क्यों नहीं रोक पाए..........?

2014 में मोदीजी की जीत होती है तो

2014 में मोदीजी की जीत होती है तो
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ब्रेकिंग न्यूज़ - सीबीआई ने गिरफ्तार किये सभी केंद्रीय मंत्री, दिग्विजय सिह को हवाई अड्डे पर पाकडा गया


ब्रेकिंग न्यूज़- पाक अधिकृत कश्मीर में सेना का ओपरेशन, मारे गए सैंकड़ो आतंकी
ब्रेकिंग न्यूज़ -भारत की सीमा चारो और से सील,,चीन हटा पीछे ..

ब्रेकिंग न्यूज़ -पूरे भारत में अस्त्र शास्त्र बनाने क लिए फैक्ट्री खोली गई.. बड़े पैमाने पर युवाओं की सेना में भरती, रक्षा अनुसन्धान के लिए क़ानून पारित

ब्रेकिंग न्यूज़ - नरेन्द्र मोदी ने काले धन को राष्ट्रीय संपत्ति घोषित किया...भारत को शुरू में 100 लाख करोड़ रूपया मिला वापस

ब्रेकिंग न्यूज़- पेट्रोल 40 रूपए सस्ता हुआ, डीज़ल सरकार खुद बनाएगी, नहीं होगा आयात,,मिलेगा 10 रूपए में

ब्रेकिंग न्यूज़ - भारत में पहली बार ..योग्यता अनुसार रोजगार का अधिकार कानून पारित

ब्रेकिंग न्यूज़ -सब्सिडी समाप्त, गरीबो को मुफ्त ही मिलेगी Gas, मध्यम वर्ग के लिए बनाए जाएंगे बायो gas प्लांट ...

ब्रेकिंग न्यूज़ - विदेशी कंपनियों से वापस लिए गए कोयला भण्डार ... अब बन सकेगी सस्ती बिजली, बाद में दी जाएगी मुफ्त !!

ब्रेकिंग न्यूज़ -बंगलादेशियो को भगाया जाएगा वापस, हिन्दू धर्म पर शोध के लिए कमेटी गठित

ब्रेकिंग न्यूज़ -संस्कृत भारत की राष्ट्र भाषा घोषित, संस्कृत विद्वानों का पेनल गठित, किया जाएगा सरलीकरण !! सभी भारतीय भाषाओ को मिलेगा अन्ग्रेजी से अधिक सम्मान !! ....... !!

मित्रो ये तो एक छोटा सा प्रस्तुती कारन है ...2014 के बाद भारत का इतिहास सदैव के लिए बदल जाएगा !! ऊपर जाएगा या नीचे ..ये भारत की जनता के कर्मो और वोटिंग वाले दिन किये जाने वाली हरकत पर निर्भर

मोदी को घेरने आए थे, खुद की पैंट गीला कर गए मोंटेक

मोदी को घेरने आए थे, खुद की पैंट गीला कर गए मोंटेक

नई दिल्ली। भरसक कोशिश और पूरी तैयारी के बावजूद योजना आयोग की बैठक में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरने की केंद्र सरकार और कांग्रेस की कोशिशें परवान नहीं चढ़ सकीं। भरपूर विकास के बावजूद सामाजिक संकेतकों यानी समाज के पिछड़े, महिला और बच्चों के मामले में यथोचित सुधार न होने के मुद्दे पर मोदी को आयोग के सदस्यों ने घेरा। मोदी ने हर क्षेत्र में उनके सवालों के जवाब अपने अफसरों से दिलाए और आखिर में केंद्र के आंकड़ों को ही तार-तार कर दिया।


योजना आयोग की बैठक में मोदी का स्वागत करते मोंटेक व शुक्ला

गुजरात की वार्षिक योजना के लिए दिल्ली आए मोदी के लिए आयोग ने कुछ ज्यादा ही इंतजाम किए थे। अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों के आने पर मीडिया के योजना आयोग दफ्तर में रुकने पर पाबंदी नहीं होती थी, लेकिन मोदी का दबाव सरकार के सिर इस कदर तारी था कि मीडिया को आयोग के बाहर कर दिया गया। इतना ही नहीं योजना आयोग की बैठक में सदस्यों और संबंधित लोगों के अलावा कांग्रेस के सोशल मीडिया अभियान को देखने वाले एक तेज तर्रार मंत्री के विशेष कार्याधिकारी भी मौजूद थे। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को पप्पू बताने के जवाब में सोशल मीडिया में मोदी को फेंकू ठहराने वाले अभियान के मुख्य कर्ताधर्ता इन हजरत की मौजूदगी भी चर्चा का विषय थी। यह विशेष कार्याधिकारी कांग्रेस की चुनावी तैयारियों के लिए बने वार रूम में भी अहम भूमिका निभा रहे हैं।

दरअसल, हर बार दिल्ली आकर केंद्र पर विकास और नई दृष्टि न होने का आरोप लगाकर नीचा दिखाने वाले मोदी को उनकी ही तरह आंकड़ों के जाल में फंसाने के लिए सरकार की पूरी तैयारी का यह हिस्सा भर था। इस साल शुरुआत में राष्ट्रीय विकास परिषद की बैठक में विभिन्न राज्यों के सामाजिक संकेतकों के जो आंकड़े पेश किए गए थे, उन्हीं के आधार पर मोदी को घेरने की तैयारी थी। इनके मुताबिक गुजरात में विकास के अनुरूप पिछड़े तबके, अनुसूचित जाति व जनजाति, मातृ-शिशु वृद्धि व स्वास्थ्य दर में सुधार नहीं है। इन मोर्चो पर गुजरात देश के कई राज्यों से पिछड़ा नजर आता है। योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया की अध्यक्षता में हुई बैठक में मोदी को इन्हीं मुद्दों पर घेरा गया।

शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य तक हर क्षेत्र में उठाए गए सवालों के जवाब मोदी ने खुद देने के बजाय अपने संबंधित विभाग के अधिकारियों से दिलाए। आखिर में अपना लंबा विजुअल प्रेजेंटेशन देते समय मोदी कांग्रेस की तरफ से की गई पूरी घेरेबंदी को तार-तार कर गए। उन्होंने माना कि विकास के मुताबिक सामाजिक क्षेत्र में काम करने की जरूरत है, लेकिन केंद्र के आंकड़ों की विश्वसनीयता पर ही सवाल उठा गए। उन्होंने कहा कि इसका आकलन करने के लिए कोई एक मुकम्मल स्रोत नहीं है, बल्कि अलग-अलग जगहों से आंकड़े उठाए गए हैं और वे भी बेहद पुराने हैं। इन आंकड़ों के सहारे इस फैसले पर नहीं पहुंचा जा सकता कि गुजरात का प्रदर्शन खराब है और दूसरे का अच्छा। उन्होंने उलटे पूछा कि गुजरात अपने यहां 42 फीसद धन सामाजिक क्षेत्र में खर्च कर रहा है।

मोदी ने पूछा, ‘केंद्र बताए कि वह खुद और अन्य राज्य में कौन कितना बजट सामाजिक योजनाओं पर खर्च कर रहे हैं।’ उन्होंने दावा किया कि 2020 तक गुजरात इस क्षेत्र में भी नंबर वन होगा, चाहे केंद्र कहीं से भी आंकड़े जुटाए। उन्होंने एनसीटीसी का मुद्दा उठाते हुए केंद्र पर राज्यों के ऊपर कानून थोपने का आरोप भी मढ़ा। उन्होंने कहा कि संघीय ढांचे में यह नहीं चल सकता कि हम कानून बनाएंगे और तुमको अमल करना ही होगा।

दलितों की बेटी की ठाठ राष्ट्रपति से बढ़कर

भारतीय राजनीति की सत्ता में एक बार जो काबिज हो गया उसकी संपत्ति और ठाठ कभी नहीं खत्म होता है। इसका मिसाल है उत्‍तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती। राजनीति नाम भले बहन जी हो,  भले ही अब सत्‍ता न हो, लेकिन इनके ठाठ आज भी शाही है। सुरक्षा ऐसी कड़ी कि अपनो को भी मिलने के लिए एप्‍वाइंटमेंट लेना होता है। इनके खाने को आज भी दर्जन भर लोग चेक करते हैं। घर में ही मिनी सचिवालय बना रखा है। सुबह उठने से लेकर रात में सोने तक का शेड्यूल बना है।Mayawati
उत्‍तर प्रदेश में चार बार मुख्यमंत्री रही मायावती की लाइफ स्‍टाइल के बारे में विकीलीक्‍स ने खुलासा किया था कि वह अपनी सुरक्षा में फ़ूड टेस्टर भी रखती हैं और उन्‍होंने एक निजी विमान मुंबई सिर्फ इसलिए भेजा, क्‍योंकि उन्‍हें वहां से सैंडल मंगवाने थे।
बसपा सुप्रीमो मायावती के पास लखनऊ में 13 मॉल एवेन्‍यू, 11 मॉल एवेन्‍यू, कैंट रोड पर एक बंगला है। लेकिन वह 13 मॉल एवेन्‍यू में ही रहती हैं। इस बंगले का काम 2007 में मुख्‍यमंत्री बनने के बाद से ही शुरू हो गया और पांच साल तक चलता रहा। बंगला इस समय पांच एकड़ तक फैल चुका है, जिसकी चहारदीवारी ही 20 फीट ऊंची बनाई गई है। ये चहारदीवारी राजस्‍थान से आए पत्‍थरों से बनी है। वैसे, इस बंगले में पहले ढाई एकड़ ही जमीन थी, लेकिन सरकार बनने के बाद मायावती ने बगल के गन्‍ना कमिश्‍नर कार्यालय के दफ्तर और उसकी बिल्डिंग ध्‍वस्‍त करा दी। दफ्तर शिफ्ट करा दिया गया और उसकी जमीन माया के बंगले में जोड़ दी गई।
स्‍ट्रक्‍चर की बात करें तो मुख्‍य भवन सिंगल स्‍टोरी का है और इसमें आपस में जुड़े हुए 6 कमरे बनाए गए हैं। ये सभी कमरे एक चौड़े गलियारे में खुलते हैं, जहां कई लॉकर लगाए गए हैं। गलियारे में मायावती की अपनी वो तस्‍वीर है, जो 1995 में उनके पहली बार यूपी के मुख्‍यमंत्री बनने के दौरान खींची गई थी। गलियारे के बाहर एक बरामदा है, जिसकी खिड़कियों में बुलेट प्रूफ शीशे लगे हैं। राज्‍य संपत्ति विभाग के अनुसार हर खिड़‍की कीमत करीब 15 लाख रुपये है।
मुख्‍य भवन के पास ही एक दो फ्लोर का गेस्‍ट हाउस बनाया गया है। इसमें 14 कमरे बनाए गए हैं। किसी फाइव स्‍टार होटल के रूम की तरह इन कमरों में गुलाबी इटालियन मार्बल फ्लोरिंग की गई है। यही नहीं, इस बिल्डिंग में एक मीटिंग हॉल, सिक्‍योरिटी रूम, गैराज और ड्राइवरों के कमरे अलग से हैं। शानदार गार्डन, जिसमें करीब 20 फुट की दो मूर्तियां स्‍थापित की गई हैं।
मूर्तिइनमें एक मायावती की है तो दूसरी कांशीराम की मूर्ति है। इनके अलावा यहां संगमरमर के पांच हाथी भी स्‍थापित किए गए हैं। 30 मिलीमीटर ग्रेनाइट स्‍टोन की फर्श, स्‍‍कर्टिंग के अलावा बरामदे में दीवारों पर 1 मीटर ऊंचे इटालियन मॉर्बल क्‍लैडिंग बनाए गए हैं। इसके अलावा टॉयलेट ब्‍लॉक, किचन और पैंट्री में इटालियन मार्बल वर्क के साथ ही छत पर इटालियन मार्बल क्‍लैडिंग लगाया गया है। बंगले के दरवाजे और खिड़कियों के पल्‍ले 40 मिलीमीटर सीपी टीक वुड और चौखट भी टीक वुड की बनाई गई है।
बंगले के एक हिस्‍से में आवासीय काम्‍प्‍लेक्‍स, गेस्‍ट हाउस, सुरक्षा कक्ष और पैंट्री है, जबकि दूसरे हिस्‍से पर खूबसूरत लॉन बनाए गए हैं। बताया जाता है कि केवल लैंड स्‍केपिंग पर ही बीस करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए गए हैं। करीब आठ करोड़ नौ लाख रुपये की कांशीराम और मायावती की 18 फीट ऊंची मूर्ति है। साढ़े आठ करोड़ में मुख्‍य आवासीय भवन बनाया गया है। साढ़े पांच करोड़ से ज्‍यादा में गेस्‍ट हाउस, तीन करोड़ में बाहरी स्‍थल का विकास और साढ़े पांच करोड़ में विद्युतीकरण किया गया है।
पांच साल तक इस पूरे स्‍ट्रक्‍चर को खड़ा करने में मायावती की छोटी से छोटी पसंद का ख्‍याल रखा गया। कई बार उनकी असंतुष्टि को देखते हुए पूरा डिजाइन ही बदल दिया गया। कई बार तोड़फोड़ भी की गई। इसी में मुख्‍य भवन में बना एक ऐसा बाथरूम भी है, जिसके बारे में बताया जाता है कि इसे करीब एक दर्जन बार तोड़ा गया, क्‍योंकि बहनजी को पसंद नहीं आ रहा था। बंगले के लगभग सभी कमरों में दलित महापुरुषों की तस्वीरें लगाई गई हैं। यही नहीं, हर कमरे का नाम भी दिया गया है।
मायावती ने अपनी सुरक्षा व्‍यवस्‍था को हमेशा ही प्राथमिकता दी है, लिहाजा देश के इतिहास में शायद ही कोई ऐसा मुख्‍यमंत्री रहा हो, जिसकी सुरक्षा इस तरह की जाती हो। बंगले में बीस फीट से ज्‍यादा ऊंची बाउंड्री पर कांटों के तार लगाए गए हैं। यही नहीं, चौबीसों घंटे निगरानी के लिए वॉच टॉवर भी बनाए गए हैं। मेन इंट्रेंस से लेकर कई कॉमन जगहों पर सीसीटीवी इंस्‍टॉल किए गए हैं। ये सीसीटीवी सिर्फ आगंतुकों पर नजर रखने के लिए ही नहीं हैं। इनका काम आवास में तैनात कर्मचारियों और पुलिसकर्मियों पर भी नजर रखने के लिए किया जाता है। बंगले में कर्मचारियों और सुरक्षाकर्मियों की पूरी फौज तैनात की गई है।
मायावती को जेड प्‍लस सिक्‍योरिटी मिली हुई है। करीब एक दर्जन जवानों के अलावा बंगले पर पूर्व मुख्‍यमंत्री के तौर पर करीब दो दर्जन सरकारी कर्मचारी हैं। यही नहीं, पार्टी गतिविधियां भी यहीं से चलती हैं। इसलिए संगठन के करीब तीन दर्जन लोग यहां तैनात किए गए हैं। इनमें कुछ बहनजी के बेहद करीबी माने जाते हैं, जो उनकी पार्टी और घर की हर खबर उन तक पहुंचाते हैं। बंगले पर मायावती के लिए फाइव स्टार होटल स्‍तर के कुक तैनात किए गए हैं। ये किसी भी तरह के खाने या नाश्‍ते की मांग मिनटों में पूरी करने में सक्षम हैं। मायावती नॉनवेज नहीं खातीं। इन कुक पर चौबीसों घंटे निगाह रखने के लिए भी कर्मचारी तैनात किए गए हैं। इसके अलावा खाना चेक करने के लिए दो लोग अलग से तैनात हैं।3511_mayawati
बताया जाता है कि आमतौर पर मायावती सुबह सात बजे उठती हैं। इसके बाद अखबार पढ़ने के दौरान करीब नौ बजे तक वह नाश्‍ता कर लेती हैं। वह नाश्‍ते में क्‍या-क्‍या खाएंगीं, खाना क्‍या लेंगी और डिनर में आज क्‍या बनेगा, इसका समय और मेन्‍यू पहले ही तय कर लिया जाता है और सभी स्‍टाफ में बांट दिया जाता है। यही नहीं, संगठन से जुड़ी कोई बैठक है या नहीं, आगंतुक में राजनीतिक लोग हैं या संगठन से जुड़े या व्‍यक्तिगत, इन्‍हें बहनजी से मुलाकात होनी है या नहीं, ये सब तय रहता है। घर में ही बनी लाइब्रेरी में मायावती ज्‍यादा से ज्‍यादा समय गुजारती हैं। यहां वे कई घटनाओं और व्‍यक्तिगत अनुभवों से जुड़े नोट्स खुद लिखती हैं और स्‍टॉफ को सहेजने का आदेश देती हैं।
ऑटोबायोग्राफी लिखने में उन्‍होंने इन्‍हीं नोट्स का इस्‍तेमाल किया। आवास में ही मायावती का अपना सचिवालय भी चलता है। इसमें संगठन से जुड़े तमाम निर्णयों, शिकायतों का निपटारा आदि आदेश जारी किए जाते हैं। बहनजी से मिलने का अधिकार सिर्फ उनके पर्सनल स्‍टाफ को ही है। उसके अलावा चाहे वह पार्टी का ही कितना ही बड़ा नेता हो, बिना अनुमति के मुलाकात नहीं कर सकता। पिछले साल जब प्रणब मुखर्जी राष्‍ट्रपति चुनाव के सिलसिले में लखनऊ आए तो उनका मायावती के बंगले पर भी आगमन हुआ। यहां की भव्‍यता देख उन्‍होंने भी इसकी जमकर तारीफ की।
लखनऊ की ही तरह मायावती का नई दिल्ली के सरदार पटेल मार्ग पर बंगला है, जिसमें करीब-करीब ऐसी ही सुविधाएं दी गई हैं। इस प्राइवेट बंगले में सिक्‍योरिटी की व्‍यवस्‍था के लिए सरकारी खर्च पर फोटो स्‍कैनर, सीसीटीवी, वायरलेस हैंडसेट आदि खरीदे जाने का आरोप लगा। वहीं, अगर मायावती के पैतृक आवास गौतमबुद्धनगर के बादलपुर गांव की बात करें तो यहां से मायावती का नाता तभी टूट गया था, जब वे महज ढाई साल की थीं। मायावती के पिता प्रभुदयाल दिल्ली में तार विभाग में क्लर्क थे। उनका पुश्तैनी मकान गांव में महज 22 गज जमीन पर था। यह एक कमरे का मकान था। बाद में उसे उनके पिता ने किसी बाहरी आदमी को बेच दिया। उसने उस पर दोबारा मकान का निर्माण कराया। लेकिन जैसे ही मायावती मुख्यमंत्री बनीं, उन्होंने उस मकान को वापस ले लिया।
mayawatiमायावती का परिवार अब इसी गांव में 96 बीघे में बने शानदार महल में रहता है। 100 करोड़ से भी ज्‍यादा कीमत के इस महल में दो भव्य मकान और एक बौद्ध मंदिर बनाया गया है। 96 में से 50 बीघा जमीन महल के बाहर हरित पट्टी के लिए छोड़ी गई है। जिस जमीन पर महल और मंदिर का निर्माण किया गया, वह मायावती के पिता प्रभुदयाल के नाम है। बाकी 50 बीघा जमीन के दस्तावेज उनके कुछ खास लोगों के नाम पर हैं। महल में पत्थर राजस्थान, महोबा, अरावली और इटली से मंगवाकर मार्बल लगाए गए हैं। खास बात यह है कि महल के चारों तरफ बहुजन समाज पिकनिक स्पॉट बनाने के लिए बादलपुर, सादोपुर, अच्छैजा और विश्नुली गांवों की 670 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण उत्तर प्रदेश सरकार ने किया था।
महल में करीब 2000 वर्ग मीटर क्षेत्रफल का एक भवन आंगतुकों के लिए ही बनाया गया है। बाकी 24,000 वर्गमीटर में एक भव्य मकान है। महल की सुरक्षा भी किसी किले से कम नहीं है। चौबीसों घंटे हाइटेक सिक्‍योरिटी सिस्टम से इसकी निगरानी रखी जाती है। बाहर तो बाहर, गांव का भी कोई व्‍यक्ति बिना इजाजत के महल में दाखिल नहीं हो सकता। इस महल का पूरा काम मायावती के छोटे भाई आनंद ने करवाया है। मायावती के महल तक पहुंचने के लिए दिल्ली-कानपुर जीटी रोड से सीधे आरसीसी की सड़क बनाई गई है। यह महल के आगे नहर के रास्ते पर जाकर खत्म होती है।
बात अगर संपत्ति की करें तो मायावती जब 13 मई, 2007 को उत्तर प्रदेश की चौथी बार मुख्यमंत्री बनी थीं, तब उनकी संपत्ति 52 करोड़ 27 लाख रूपए थी। 2012 में राज्‍यसभा में पर्चा दाखिल करते समय तक यह बढ़कर 111 करोड़ 64 लाख रुपये हो गई। 2010 में बसपा सुप्रीमो के पास 87 करोड़ रुपये की संपत्ति हो गई थी। उन्‍होंने बताया कि उनके पास 2 लाख, 20 हजार रुपये नकद है, जबकि 14 करोड़, 94 लाख रूपये बैंक में जमा हैं। इसके बावजूद उनके पास अपनी कोई कार या गाड़ी नहीं है, न ही कोई कृषि भूमि है। सुरक्षा को लेकर हमेशा गंभीर रहने वाली मायावती जीवन बीमा में विश्‍वास नहीं रखतीं। शायद इसीलिए उनके पास एक भी बीमा पॉलिसी नहीं है।

अचल संपत्ति की बात करें तो मायावती के पास दिल्ली के कनॉट प्लेस में दो व्यावसायिक संपत्ति है, जिसकी कीमत उन्‍होंने 18 करोड़, 84 लाख रुपये बताई है। यही नहीं, उनके नाम नई दिल्ली के सरदार पटेल मार्ग पर एक बंगला है, जिसकी कीमत 61 करोड़, 86 लाख रूपये है। यही नहीं, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के 9 माल एवेन्यू के बंगले की कीमत 15 करोड़, 68 लाख रुपये हैं। उनके पास 1 किलो, 34 ग्राम सोना और 380 कैरेट हीरे के जवाहरात हैं। सोने और हीरे के आभूषण की कीमत 96 लाख, 53 हजार रुपये है। 

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