Friday, June 7, 2013

मै कट्टर भाजपाई हू

मुझे कोई शक नही कि मै कट्टर भाजपाई हू किन्तु देशहीत के खिलाफ अगर भाजपा ने कोई भी गलत फैसला लिया तो भी मै भाजपा का समर्थन करुगा यह गलत है, मेरे लिये मेरे देश से बड कर पार्टी नही है और यह मै अच्छे से जानता हु कि ईस समय सारे देश को नरेन्द्र मोदी जैसे कट्टर और कठोर प्रशासक की जरुरत है एवम वही एक मात्र विकल्प है जो सही मायनो मे देश की रक्षा कर सकते है,, हो सकता है मेरी बाते उन लोगो को बुरी लगी जो राजनीति मे पैसा कमाने आये है और दिन रात बडे नेताओ की चापलूसी करके पद और पैसे के लालच मे अपना जमीर तक बेच देते है.... चाहे कोई नरेन्द्र मोदी को हिटलर कहे चाहे मौत का सौदागर पर ईस सच्चाई से मुह नही मोडा जा सकता की उन्होने आज अपनी कार्यशैलि से और लगन से गुजरात मे कोन्ग्रेस को लगभग समाप्त कर दिया है उनके दुश्मन अक्सर उन्हे नीचा दिखाने का प्रयास करते है फिर भी उन्होने अपनी लगन एवम ईमानदारी के दम पर गुजरात को देश मे अग्रणी बनाये रखा है आज हर राज्य का मुख्यमन्त्री अपने राज्य को गुजरात बनाना चाहता है..

किन्तु कुछ पदलोलुप नेता उन्हे ईस सब के बाबजूद आगे आने से रोकना चाहते है... यह वो नेता है जिनकी कभी"स्व. प्रमोद महाजन"साब के सामने कोइ औकात नही थी.. किन्तु उनके आकस्मिक निधन से इन्हे राजनैतिक जीवनदान मिल गया.... यह भी एक कटु सत्य है कि भाजपा को स्व.महाजन साब जैसा सन्कटमोचक शायद ही कभी मिल पाये....

यह कौन लोग है जो येदियुरप्पा, गोपीनाथ मुण्डे.वसुन्धरा राजे, बाबुलाल मराण्डी, और नरेन्द्र मोदी जैसे"जननायको"के विरोधी बने हुए है जो पार्टी को अपने निजस्वार्थो की बली चढा देना चाहते है..... अगर"येदियुरप्पा"जी ने कुछ गलत किया भी है तो क्यो यह उन्हे नही समझा पा रहे....

१९९२ के दशक के हिरो"कल्याण सिह"का भी विरोध इन्ही ने करा था उसका हश्र यु.पि. मे भाजपा की दुर्दशा खुद बयान करती है.......

दोस्तो महाभारत होने का कारण ध्रतराष्ट्र का अन्ध पुत्रमोह ही था यानी स्वार्थ
जिन नेताओ का कोई जनाधार नही वो किस चीज के दम पर"जननेताओ"को आन्खे दिखाते
है
भाजपा को अब यह समझना होगा की पुरानी गलतिओ से सबक ले और किसी गलतफहमी या खुशफहमी का शिकार ना बने
सम्पुर्ण भारत की आवाज है नरेन्द्र मोदी उसे सिर्फ गुजरात का समझने की भूल ना करे अन्यथा यह चूक भारी पडेगी.......... .

हमे अब थोपा हुआ प्रधानमन्त्री नही चाहिये जैसे गान्धी ने नेहरु को थोपा था..... अब सिर्फ नरेन्द्र मोदी ही चाहिये हमे प्रधानमन्त्री
१९९९-----१८३..च ाणक्य(स्व.महाजन साब की देन थी)
२००४-----१३८ (नेताओं का अति उत्साह )
२००९----११६ ((महाजन साब की अनुस्पथिति मे लडा उस पर भी फिर आडवानी जी के उपर जुआ खेला")
अगला चुनाव अगर मोदी जी का नाम प्रधानमन्त्री के लिये तो
२०१३-१४-----१९० -२२०
लेकीन अगर फिर कोई जुआ खेला तो
२०१३-१४.....९०- ११०

फैसला आपका
हम तो जनता है जी लेन्गे चाहे जैसे भी......

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