उत्तर प्रदेश मे कुंडा के मुस्लिम डीएसपी के मरने के बाद से कई हिन्दू पुलिस अधिकारी और सिपाही मारे गए लेकिन क्या किसी भी हिन्दू विधवा ने उस मुस्लिम डीएसपी की बेवा के माफिक माँग रखी की मुझे ये चाहिए या वो चाहिए
क्यूंकी कोई भी विधवा ऐसा नहीं करेगी..........ऐसा शायद सिर्फ मुस्लिमों मे ही संभव है की शौहर के मरते ही मांगे चालू जैसे सरकारी नौकरी मरने के बाद सरकार से दहेज लेने के लिए ही करते हैं मुस्लिम.
इंस्पेक्टर आर पी द्विवेदी .... तुम्हारी हत्या पर न यूपी का कोई मंत्री शर्मिंदा होगा और न ही तुम्हारे अंतिम संस्कार में मुख्यमंत्री तो दूर कोई मंत्री भी नही आयेगा ..और न ही तुम्हारी विधवा को एक करोड़ मिलेंगे ..और न ही तुम्हारे परिवार के पांच सदस्यों को सरकारी नौकरी मिलेगी .... क्योकि तुमने बहुत बड़ा गुनाह किया है ...
तुम्हारा गुनाह ये है की तुम हिन्दू थे ....
वरना कुछ महीने पहले ही कुंडा के डीएसपी की हत्या पर आजम खान भी शर्मिंदा थे ... अखिलेश सिंह उनके घर जाकर उनके परिवार से मिले .... राहुल गाँधी भी क्यों पीछे रहते क्योकि मामला एक मुस्लिम के मरने का था इसलिए राहुल गाँधी भी आँखों में ग्लिसरीन लगाकर घडियाली आंसू बहाने गये थे .... उस मुस्लिम पुलिस वाले की वेवा पर हर तरफ से जैसे पैसो की बरसात हो ... हर रोज उसकी नयी नयी फरमाईश आ रही थी .. क्योकि उसे मालूम था की भारत में एक मुस्लिम होने के क्या मायने है ... वोट बैंक के प्यासे भारत के हुक्मरान किसी भी हद तक गीर सकते है ...
वही इलाहबाद में बारा थाने के इंस्पेक्टर आरपी द्विवेदी जिन्हें बदमाशो का पीछा करने पर बदमाशो ने गोलियों से भुन दिया ... उसके घर शोक मनाने अखिलेश तो दूर यूपी का कोई भी मंत्री नही गया ...
और न ही उनके शोकाकुल परिवार के लिए भारी भरकम मुवावजे और सरकारी नौकरी की घोषणा की गयी
देखते है नमाजवादी पार्टी वाले कितने लोगों को नौकरी और कितने लाख घर वालों को देते है ?
क्या सीबीआई जाँच होगी ??
http://khabar.ibnlive.in.com/news/101259/3/20
No comments:
Post a Comment