भारतीय राजनीति की सत्ता में एक बार जो काबिज हो गया उसकी संपत्ति और
ठाठ कभी नहीं खत्म होता है। इसका मिसाल है उत्तर प्रदेश की पूर्व
मुख्यमंत्री मायावती। राजनीति नाम भले बहन जी हो, भले ही अब सत्ता न हो,
लेकिन इनके ठाठ आज भी शाही है। सुरक्षा ऐसी कड़ी कि अपनो को भी मिलने के लिए
एप्वाइंटमेंट लेना होता है। इनके खाने को आज भी दर्जन भर लोग चेक करते
हैं। घर में ही मिनी सचिवालय बना रखा है। सुबह उठने से लेकर रात में सोने
तक का शेड्यूल बना है।
उत्तर प्रदेश में चार बार मुख्यमंत्री रही मायावती की लाइफ स्टाइल के बारे में विकीलीक्स ने खुलासा किया था कि वह अपनी सुरक्षा में फ़ूड टेस्टर भी रखती हैं और उन्होंने एक निजी विमान मुंबई सिर्फ इसलिए भेजा, क्योंकि उन्हें वहां से सैंडल मंगवाने थे।
बसपा सुप्रीमो मायावती के पास लखनऊ में 13 मॉल एवेन्यू, 11 मॉल एवेन्यू, कैंट रोड पर एक बंगला है। लेकिन वह 13 मॉल एवेन्यू में ही रहती हैं। इस बंगले का काम 2007 में मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही शुरू हो गया और पांच साल तक चलता रहा। बंगला इस समय पांच एकड़ तक फैल चुका है, जिसकी चहारदीवारी ही 20 फीट ऊंची बनाई गई है। ये चहारदीवारी राजस्थान से आए पत्थरों से बनी है। वैसे, इस बंगले में पहले ढाई एकड़ ही जमीन थी, लेकिन सरकार बनने के बाद मायावती ने बगल के गन्ना कमिश्नर कार्यालय के दफ्तर और उसकी बिल्डिंग ध्वस्त करा दी। दफ्तर शिफ्ट करा दिया गया और उसकी जमीन माया के बंगले में जोड़ दी गई।
स्ट्रक्चर की बात करें तो मुख्य भवन सिंगल स्टोरी का है और इसमें आपस में जुड़े हुए 6 कमरे बनाए गए हैं। ये सभी कमरे एक चौड़े गलियारे में खुलते हैं, जहां कई लॉकर लगाए गए हैं। गलियारे में मायावती की अपनी वो तस्वीर है, जो 1995 में उनके पहली बार यूपी के मुख्यमंत्री बनने के दौरान खींची गई थी। गलियारे के बाहर एक बरामदा है, जिसकी खिड़कियों में बुलेट प्रूफ शीशे लगे हैं। राज्य संपत्ति विभाग के अनुसार हर खिड़की कीमत करीब 15 लाख रुपये है।
मुख्य भवन के पास ही एक दो फ्लोर का गेस्ट हाउस बनाया गया है। इसमें 14 कमरे बनाए गए हैं। किसी फाइव स्टार होटल के रूम की तरह इन कमरों में गुलाबी इटालियन मार्बल फ्लोरिंग की गई है। यही नहीं, इस बिल्डिंग में एक मीटिंग हॉल, सिक्योरिटी रूम, गैराज और ड्राइवरों के कमरे अलग से हैं। शानदार गार्डन, जिसमें करीब 20 फुट की दो मूर्तियां स्थापित की गई हैं।
इनमें एक मायावती की है तो दूसरी कांशीराम की मूर्ति है। इनके अलावा यहां संगमरमर के पांच हाथी भी स्थापित किए गए हैं। 30 मिलीमीटर ग्रेनाइट स्टोन की फर्श, स्कर्टिंग के अलावा बरामदे में दीवारों पर 1 मीटर ऊंचे इटालियन मॉर्बल क्लैडिंग बनाए गए हैं। इसके अलावा टॉयलेट ब्लॉक, किचन और पैंट्री में इटालियन मार्बल वर्क के साथ ही छत पर इटालियन मार्बल क्लैडिंग लगाया गया है। बंगले के दरवाजे और खिड़कियों के पल्ले 40 मिलीमीटर सीपी टीक वुड और चौखट भी टीक वुड की बनाई गई है।
बंगले के एक हिस्से में आवासीय काम्प्लेक्स, गेस्ट हाउस, सुरक्षा कक्ष और पैंट्री है, जबकि दूसरे हिस्से पर खूबसूरत लॉन बनाए गए हैं। बताया जाता है कि केवल लैंड स्केपिंग पर ही बीस करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए गए हैं। करीब आठ करोड़ नौ लाख रुपये की कांशीराम और मायावती की 18 फीट ऊंची मूर्ति है। साढ़े आठ करोड़ में मुख्य आवासीय भवन बनाया गया है। साढ़े पांच करोड़ से ज्यादा में गेस्ट हाउस, तीन करोड़ में बाहरी स्थल का विकास और साढ़े पांच करोड़ में विद्युतीकरण किया गया है।
पांच साल तक इस पूरे स्ट्रक्चर को खड़ा करने में मायावती की छोटी से छोटी पसंद का ख्याल रखा गया। कई बार उनकी असंतुष्टि को देखते हुए पूरा डिजाइन ही बदल दिया गया। कई बार तोड़फोड़ भी की गई। इसी में मुख्य भवन में बना एक ऐसा बाथरूम भी है, जिसके बारे में बताया जाता है कि इसे करीब एक दर्जन बार तोड़ा गया, क्योंकि बहनजी को पसंद नहीं आ रहा था। बंगले के लगभग सभी कमरों में दलित महापुरुषों की तस्वीरें लगाई गई हैं। यही नहीं, हर कमरे का नाम भी दिया गया है।
मायावती ने अपनी सुरक्षा व्यवस्था को हमेशा ही प्राथमिकता दी है, लिहाजा देश के इतिहास में शायद ही कोई ऐसा मुख्यमंत्री रहा हो, जिसकी सुरक्षा इस तरह की जाती हो। बंगले में बीस फीट से ज्यादा ऊंची बाउंड्री पर कांटों के तार लगाए गए हैं। यही नहीं, चौबीसों घंटे निगरानी के लिए वॉच टॉवर भी बनाए गए हैं। मेन इंट्रेंस से लेकर कई कॉमन जगहों पर सीसीटीवी इंस्टॉल किए गए हैं। ये सीसीटीवी सिर्फ आगंतुकों पर नजर रखने के लिए ही नहीं हैं। इनका काम आवास में तैनात कर्मचारियों और पुलिसकर्मियों पर भी नजर रखने के लिए किया जाता है। बंगले में कर्मचारियों और सुरक्षाकर्मियों की पूरी फौज तैनात की गई है।
मायावती को जेड प्लस सिक्योरिटी मिली हुई है। करीब एक दर्जन जवानों के अलावा बंगले पर पूर्व मुख्यमंत्री के तौर पर करीब दो दर्जन सरकारी कर्मचारी हैं। यही नहीं, पार्टी गतिविधियां भी यहीं से चलती हैं। इसलिए संगठन के करीब तीन दर्जन लोग यहां तैनात किए गए हैं। इनमें कुछ बहनजी के बेहद करीबी माने जाते हैं, जो उनकी पार्टी और घर की हर खबर उन तक पहुंचाते हैं। बंगले पर मायावती के लिए फाइव स्टार होटल स्तर के कुक तैनात किए गए हैं। ये किसी भी तरह के खाने या नाश्ते की मांग मिनटों में पूरी करने में सक्षम हैं। मायावती नॉनवेज नहीं खातीं। इन कुक पर चौबीसों घंटे निगाह रखने के लिए भी कर्मचारी तैनात किए गए हैं। इसके अलावा खाना चेक करने के लिए दो लोग अलग से तैनात हैं।
बताया जाता है कि आमतौर पर मायावती सुबह सात बजे उठती हैं। इसके बाद अखबार पढ़ने के दौरान करीब नौ बजे तक वह नाश्ता कर लेती हैं। वह नाश्ते में क्या-क्या खाएंगीं, खाना क्या लेंगी और डिनर में आज क्या बनेगा, इसका समय और मेन्यू पहले ही तय कर लिया जाता है और सभी स्टाफ में बांट दिया जाता है। यही नहीं, संगठन से जुड़ी कोई बैठक है या नहीं, आगंतुक में राजनीतिक लोग हैं या संगठन से जुड़े या व्यक्तिगत, इन्हें बहनजी से मुलाकात होनी है या नहीं, ये सब तय रहता है। घर में ही बनी लाइब्रेरी में मायावती ज्यादा से ज्यादा समय गुजारती हैं। यहां वे कई घटनाओं और व्यक्तिगत अनुभवों से जुड़े नोट्स खुद लिखती हैं और स्टॉफ को सहेजने का आदेश देती हैं।
ऑटोबायोग्राफी लिखने में उन्होंने इन्हीं नोट्स का इस्तेमाल किया। आवास में ही मायावती का अपना सचिवालय भी चलता है। इसमें संगठन से जुड़े तमाम निर्णयों, शिकायतों का निपटारा आदि आदेश जारी किए जाते हैं। बहनजी से मिलने का अधिकार सिर्फ उनके पर्सनल स्टाफ को ही है। उसके अलावा चाहे वह पार्टी का ही कितना ही बड़ा नेता हो, बिना अनुमति के मुलाकात नहीं कर सकता। पिछले साल जब प्रणब मुखर्जी राष्ट्रपति चुनाव के सिलसिले में लखनऊ आए तो उनका मायावती के बंगले पर भी आगमन हुआ। यहां की भव्यता देख उन्होंने भी इसकी जमकर तारीफ की।
लखनऊ की ही तरह मायावती का नई दिल्ली के सरदार पटेल मार्ग पर बंगला है, जिसमें करीब-करीब ऐसी ही सुविधाएं दी गई हैं। इस प्राइवेट बंगले में सिक्योरिटी की व्यवस्था के लिए सरकारी खर्च पर फोटो स्कैनर, सीसीटीवी, वायरलेस हैंडसेट आदि खरीदे जाने का आरोप लगा। वहीं, अगर मायावती के पैतृक आवास गौतमबुद्धनगर के बादलपुर गांव की बात करें तो यहां से मायावती का नाता तभी टूट गया था, जब वे महज ढाई साल की थीं। मायावती के पिता प्रभुदयाल दिल्ली में तार विभाग में क्लर्क थे। उनका पुश्तैनी मकान गांव में महज 22 गज जमीन पर था। यह एक कमरे का मकान था। बाद में उसे उनके पिता ने किसी बाहरी आदमी को बेच दिया। उसने उस पर दोबारा मकान का निर्माण कराया। लेकिन जैसे ही मायावती मुख्यमंत्री बनीं, उन्होंने उस मकान को वापस ले लिया।
मायावती का परिवार अब इसी गांव में 96 बीघे में बने शानदार महल में रहता है। 100 करोड़ से भी ज्यादा कीमत के इस महल में दो भव्य मकान और एक बौद्ध मंदिर बनाया गया है। 96 में से 50 बीघा जमीन महल के बाहर हरित पट्टी के लिए छोड़ी गई है। जिस जमीन पर महल और मंदिर का निर्माण किया गया, वह मायावती के पिता प्रभुदयाल के नाम है। बाकी 50 बीघा जमीन के दस्तावेज उनके कुछ खास लोगों के नाम पर हैं। महल में पत्थर राजस्थान, महोबा, अरावली और इटली से मंगवाकर मार्बल लगाए गए हैं। खास बात यह है कि महल के चारों तरफ बहुजन समाज पिकनिक स्पॉट बनाने के लिए बादलपुर, सादोपुर, अच्छैजा और विश्नुली गांवों की 670 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण उत्तर प्रदेश सरकार ने किया था।
महल में करीब 2000 वर्ग मीटर क्षेत्रफल का एक भवन आंगतुकों के लिए ही बनाया गया है। बाकी 24,000 वर्गमीटर में एक भव्य मकान है। महल की सुरक्षा भी किसी किले से कम नहीं है। चौबीसों घंटे हाइटेक सिक्योरिटी सिस्टम से इसकी निगरानी रखी जाती है। बाहर तो बाहर, गांव का भी कोई व्यक्ति बिना इजाजत के महल में दाखिल नहीं हो सकता। इस महल का पूरा काम मायावती के छोटे भाई आनंद ने करवाया है। मायावती के महल तक पहुंचने के लिए दिल्ली-कानपुर जीटी रोड से सीधे आरसीसी की सड़क बनाई गई है। यह महल के आगे नहर के रास्ते पर जाकर खत्म होती है।
बात अगर संपत्ति की करें तो मायावती जब 13 मई, 2007 को उत्तर प्रदेश की चौथी बार मुख्यमंत्री बनी थीं, तब उनकी संपत्ति 52 करोड़ 27 लाख रूपए थी। 2012 में राज्यसभा में पर्चा दाखिल करते समय तक यह बढ़कर 111 करोड़ 64 लाख रुपये हो गई। 2010 में बसपा सुप्रीमो के पास 87 करोड़ रुपये की संपत्ति हो गई थी। उन्होंने बताया कि उनके पास 2 लाख, 20 हजार रुपये नकद है, जबकि 14 करोड़, 94 लाख रूपये बैंक में जमा हैं। इसके बावजूद उनके पास अपनी कोई कार या गाड़ी नहीं है, न ही कोई कृषि भूमि है। सुरक्षा को लेकर हमेशा गंभीर रहने वाली मायावती जीवन बीमा में विश्वास नहीं रखतीं। शायद इसीलिए उनके पास एक भी बीमा पॉलिसी नहीं है।
अचल संपत्ति की बात करें तो मायावती के पास दिल्ली के कनॉट प्लेस में दो व्यावसायिक संपत्ति है, जिसकी कीमत उन्होंने 18 करोड़, 84 लाख रुपये बताई है। यही नहीं, उनके नाम नई दिल्ली के सरदार पटेल मार्ग पर एक बंगला है, जिसकी कीमत 61 करोड़, 86 लाख रूपये है। यही नहीं, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के 9 माल एवेन्यू के बंगले की कीमत 15 करोड़, 68 लाख रुपये हैं। उनके पास 1 किलो, 34 ग्राम सोना और 380 कैरेट हीरे के जवाहरात हैं। सोने और हीरे के आभूषण की कीमत 96 लाख, 53 हजार रुपये है।
उत्तर प्रदेश में चार बार मुख्यमंत्री रही मायावती की लाइफ स्टाइल के बारे में विकीलीक्स ने खुलासा किया था कि वह अपनी सुरक्षा में फ़ूड टेस्टर भी रखती हैं और उन्होंने एक निजी विमान मुंबई सिर्फ इसलिए भेजा, क्योंकि उन्हें वहां से सैंडल मंगवाने थे।
बसपा सुप्रीमो मायावती के पास लखनऊ में 13 मॉल एवेन्यू, 11 मॉल एवेन्यू, कैंट रोड पर एक बंगला है। लेकिन वह 13 मॉल एवेन्यू में ही रहती हैं। इस बंगले का काम 2007 में मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही शुरू हो गया और पांच साल तक चलता रहा। बंगला इस समय पांच एकड़ तक फैल चुका है, जिसकी चहारदीवारी ही 20 फीट ऊंची बनाई गई है। ये चहारदीवारी राजस्थान से आए पत्थरों से बनी है। वैसे, इस बंगले में पहले ढाई एकड़ ही जमीन थी, लेकिन सरकार बनने के बाद मायावती ने बगल के गन्ना कमिश्नर कार्यालय के दफ्तर और उसकी बिल्डिंग ध्वस्त करा दी। दफ्तर शिफ्ट करा दिया गया और उसकी जमीन माया के बंगले में जोड़ दी गई।
स्ट्रक्चर की बात करें तो मुख्य भवन सिंगल स्टोरी का है और इसमें आपस में जुड़े हुए 6 कमरे बनाए गए हैं। ये सभी कमरे एक चौड़े गलियारे में खुलते हैं, जहां कई लॉकर लगाए गए हैं। गलियारे में मायावती की अपनी वो तस्वीर है, जो 1995 में उनके पहली बार यूपी के मुख्यमंत्री बनने के दौरान खींची गई थी। गलियारे के बाहर एक बरामदा है, जिसकी खिड़कियों में बुलेट प्रूफ शीशे लगे हैं। राज्य संपत्ति विभाग के अनुसार हर खिड़की कीमत करीब 15 लाख रुपये है।
मुख्य भवन के पास ही एक दो फ्लोर का गेस्ट हाउस बनाया गया है। इसमें 14 कमरे बनाए गए हैं। किसी फाइव स्टार होटल के रूम की तरह इन कमरों में गुलाबी इटालियन मार्बल फ्लोरिंग की गई है। यही नहीं, इस बिल्डिंग में एक मीटिंग हॉल, सिक्योरिटी रूम, गैराज और ड्राइवरों के कमरे अलग से हैं। शानदार गार्डन, जिसमें करीब 20 फुट की दो मूर्तियां स्थापित की गई हैं।
इनमें एक मायावती की है तो दूसरी कांशीराम की मूर्ति है। इनके अलावा यहां संगमरमर के पांच हाथी भी स्थापित किए गए हैं। 30 मिलीमीटर ग्रेनाइट स्टोन की फर्श, स्कर्टिंग के अलावा बरामदे में दीवारों पर 1 मीटर ऊंचे इटालियन मॉर्बल क्लैडिंग बनाए गए हैं। इसके अलावा टॉयलेट ब्लॉक, किचन और पैंट्री में इटालियन मार्बल वर्क के साथ ही छत पर इटालियन मार्बल क्लैडिंग लगाया गया है। बंगले के दरवाजे और खिड़कियों के पल्ले 40 मिलीमीटर सीपी टीक वुड और चौखट भी टीक वुड की बनाई गई है।
बंगले के एक हिस्से में आवासीय काम्प्लेक्स, गेस्ट हाउस, सुरक्षा कक्ष और पैंट्री है, जबकि दूसरे हिस्से पर खूबसूरत लॉन बनाए गए हैं। बताया जाता है कि केवल लैंड स्केपिंग पर ही बीस करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए गए हैं। करीब आठ करोड़ नौ लाख रुपये की कांशीराम और मायावती की 18 फीट ऊंची मूर्ति है। साढ़े आठ करोड़ में मुख्य आवासीय भवन बनाया गया है। साढ़े पांच करोड़ से ज्यादा में गेस्ट हाउस, तीन करोड़ में बाहरी स्थल का विकास और साढ़े पांच करोड़ में विद्युतीकरण किया गया है।
पांच साल तक इस पूरे स्ट्रक्चर को खड़ा करने में मायावती की छोटी से छोटी पसंद का ख्याल रखा गया। कई बार उनकी असंतुष्टि को देखते हुए पूरा डिजाइन ही बदल दिया गया। कई बार तोड़फोड़ भी की गई। इसी में मुख्य भवन में बना एक ऐसा बाथरूम भी है, जिसके बारे में बताया जाता है कि इसे करीब एक दर्जन बार तोड़ा गया, क्योंकि बहनजी को पसंद नहीं आ रहा था। बंगले के लगभग सभी कमरों में दलित महापुरुषों की तस्वीरें लगाई गई हैं। यही नहीं, हर कमरे का नाम भी दिया गया है।
मायावती ने अपनी सुरक्षा व्यवस्था को हमेशा ही प्राथमिकता दी है, लिहाजा देश के इतिहास में शायद ही कोई ऐसा मुख्यमंत्री रहा हो, जिसकी सुरक्षा इस तरह की जाती हो। बंगले में बीस फीट से ज्यादा ऊंची बाउंड्री पर कांटों के तार लगाए गए हैं। यही नहीं, चौबीसों घंटे निगरानी के लिए वॉच टॉवर भी बनाए गए हैं। मेन इंट्रेंस से लेकर कई कॉमन जगहों पर सीसीटीवी इंस्टॉल किए गए हैं। ये सीसीटीवी सिर्फ आगंतुकों पर नजर रखने के लिए ही नहीं हैं। इनका काम आवास में तैनात कर्मचारियों और पुलिसकर्मियों पर भी नजर रखने के लिए किया जाता है। बंगले में कर्मचारियों और सुरक्षाकर्मियों की पूरी फौज तैनात की गई है।
मायावती को जेड प्लस सिक्योरिटी मिली हुई है। करीब एक दर्जन जवानों के अलावा बंगले पर पूर्व मुख्यमंत्री के तौर पर करीब दो दर्जन सरकारी कर्मचारी हैं। यही नहीं, पार्टी गतिविधियां भी यहीं से चलती हैं। इसलिए संगठन के करीब तीन दर्जन लोग यहां तैनात किए गए हैं। इनमें कुछ बहनजी के बेहद करीबी माने जाते हैं, जो उनकी पार्टी और घर की हर खबर उन तक पहुंचाते हैं। बंगले पर मायावती के लिए फाइव स्टार होटल स्तर के कुक तैनात किए गए हैं। ये किसी भी तरह के खाने या नाश्ते की मांग मिनटों में पूरी करने में सक्षम हैं। मायावती नॉनवेज नहीं खातीं। इन कुक पर चौबीसों घंटे निगाह रखने के लिए भी कर्मचारी तैनात किए गए हैं। इसके अलावा खाना चेक करने के लिए दो लोग अलग से तैनात हैं।
बताया जाता है कि आमतौर पर मायावती सुबह सात बजे उठती हैं। इसके बाद अखबार पढ़ने के दौरान करीब नौ बजे तक वह नाश्ता कर लेती हैं। वह नाश्ते में क्या-क्या खाएंगीं, खाना क्या लेंगी और डिनर में आज क्या बनेगा, इसका समय और मेन्यू पहले ही तय कर लिया जाता है और सभी स्टाफ में बांट दिया जाता है। यही नहीं, संगठन से जुड़ी कोई बैठक है या नहीं, आगंतुक में राजनीतिक लोग हैं या संगठन से जुड़े या व्यक्तिगत, इन्हें बहनजी से मुलाकात होनी है या नहीं, ये सब तय रहता है। घर में ही बनी लाइब्रेरी में मायावती ज्यादा से ज्यादा समय गुजारती हैं। यहां वे कई घटनाओं और व्यक्तिगत अनुभवों से जुड़े नोट्स खुद लिखती हैं और स्टॉफ को सहेजने का आदेश देती हैं।
ऑटोबायोग्राफी लिखने में उन्होंने इन्हीं नोट्स का इस्तेमाल किया। आवास में ही मायावती का अपना सचिवालय भी चलता है। इसमें संगठन से जुड़े तमाम निर्णयों, शिकायतों का निपटारा आदि आदेश जारी किए जाते हैं। बहनजी से मिलने का अधिकार सिर्फ उनके पर्सनल स्टाफ को ही है। उसके अलावा चाहे वह पार्टी का ही कितना ही बड़ा नेता हो, बिना अनुमति के मुलाकात नहीं कर सकता। पिछले साल जब प्रणब मुखर्जी राष्ट्रपति चुनाव के सिलसिले में लखनऊ आए तो उनका मायावती के बंगले पर भी आगमन हुआ। यहां की भव्यता देख उन्होंने भी इसकी जमकर तारीफ की।
लखनऊ की ही तरह मायावती का नई दिल्ली के सरदार पटेल मार्ग पर बंगला है, जिसमें करीब-करीब ऐसी ही सुविधाएं दी गई हैं। इस प्राइवेट बंगले में सिक्योरिटी की व्यवस्था के लिए सरकारी खर्च पर फोटो स्कैनर, सीसीटीवी, वायरलेस हैंडसेट आदि खरीदे जाने का आरोप लगा। वहीं, अगर मायावती के पैतृक आवास गौतमबुद्धनगर के बादलपुर गांव की बात करें तो यहां से मायावती का नाता तभी टूट गया था, जब वे महज ढाई साल की थीं। मायावती के पिता प्रभुदयाल दिल्ली में तार विभाग में क्लर्क थे। उनका पुश्तैनी मकान गांव में महज 22 गज जमीन पर था। यह एक कमरे का मकान था। बाद में उसे उनके पिता ने किसी बाहरी आदमी को बेच दिया। उसने उस पर दोबारा मकान का निर्माण कराया। लेकिन जैसे ही मायावती मुख्यमंत्री बनीं, उन्होंने उस मकान को वापस ले लिया।
मायावती का परिवार अब इसी गांव में 96 बीघे में बने शानदार महल में रहता है। 100 करोड़ से भी ज्यादा कीमत के इस महल में दो भव्य मकान और एक बौद्ध मंदिर बनाया गया है। 96 में से 50 बीघा जमीन महल के बाहर हरित पट्टी के लिए छोड़ी गई है। जिस जमीन पर महल और मंदिर का निर्माण किया गया, वह मायावती के पिता प्रभुदयाल के नाम है। बाकी 50 बीघा जमीन के दस्तावेज उनके कुछ खास लोगों के नाम पर हैं। महल में पत्थर राजस्थान, महोबा, अरावली और इटली से मंगवाकर मार्बल लगाए गए हैं। खास बात यह है कि महल के चारों तरफ बहुजन समाज पिकनिक स्पॉट बनाने के लिए बादलपुर, सादोपुर, अच्छैजा और विश्नुली गांवों की 670 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण उत्तर प्रदेश सरकार ने किया था।
महल में करीब 2000 वर्ग मीटर क्षेत्रफल का एक भवन आंगतुकों के लिए ही बनाया गया है। बाकी 24,000 वर्गमीटर में एक भव्य मकान है। महल की सुरक्षा भी किसी किले से कम नहीं है। चौबीसों घंटे हाइटेक सिक्योरिटी सिस्टम से इसकी निगरानी रखी जाती है। बाहर तो बाहर, गांव का भी कोई व्यक्ति बिना इजाजत के महल में दाखिल नहीं हो सकता। इस महल का पूरा काम मायावती के छोटे भाई आनंद ने करवाया है। मायावती के महल तक पहुंचने के लिए दिल्ली-कानपुर जीटी रोड से सीधे आरसीसी की सड़क बनाई गई है। यह महल के आगे नहर के रास्ते पर जाकर खत्म होती है।
बात अगर संपत्ति की करें तो मायावती जब 13 मई, 2007 को उत्तर प्रदेश की चौथी बार मुख्यमंत्री बनी थीं, तब उनकी संपत्ति 52 करोड़ 27 लाख रूपए थी। 2012 में राज्यसभा में पर्चा दाखिल करते समय तक यह बढ़कर 111 करोड़ 64 लाख रुपये हो गई। 2010 में बसपा सुप्रीमो के पास 87 करोड़ रुपये की संपत्ति हो गई थी। उन्होंने बताया कि उनके पास 2 लाख, 20 हजार रुपये नकद है, जबकि 14 करोड़, 94 लाख रूपये बैंक में जमा हैं। इसके बावजूद उनके पास अपनी कोई कार या गाड़ी नहीं है, न ही कोई कृषि भूमि है। सुरक्षा को लेकर हमेशा गंभीर रहने वाली मायावती जीवन बीमा में विश्वास नहीं रखतीं। शायद इसीलिए उनके पास एक भी बीमा पॉलिसी नहीं है।
अचल संपत्ति की बात करें तो मायावती के पास दिल्ली के कनॉट प्लेस में दो व्यावसायिक संपत्ति है, जिसकी कीमत उन्होंने 18 करोड़, 84 लाख रुपये बताई है। यही नहीं, उनके नाम नई दिल्ली के सरदार पटेल मार्ग पर एक बंगला है, जिसकी कीमत 61 करोड़, 86 लाख रूपये है। यही नहीं, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के 9 माल एवेन्यू के बंगले की कीमत 15 करोड़, 68 लाख रुपये हैं। उनके पास 1 किलो, 34 ग्राम सोना और 380 कैरेट हीरे के जवाहरात हैं। सोने और हीरे के आभूषण की कीमत 96 लाख, 53 हजार रुपये है।
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