Saturday, June 1, 2013

अडवाणी को मिली सोनिया से मोदी के खिलाफ सुपारी

अडवाणी को मिली सोनिया से मोदी के खिलाफ सुपारी

अभी कुछ दिन पहले मैंने एक लेख में गलत नहीं कहा था की अडवाणी
को वृधाश्रम में भेज देना चाहिए, इन्हें मालूम हो गया है कि इनके
नाम का कोई खरीददार नहीं है मोदी के सामने तो अब पैंतरा खेल रहे
हैं शिवराज का नाम उछाल कर जिससे मोदी आगे ना आये।
कभी नितीश को उकसा दिया मोदी के खिलाफ बोलने के लिए कभी
पार्टी के बाकि नेताओं को, बस मकसद एक ही है कि मोदी को नीचा
दिखाया जाये पर अडवाणी भूल जाते हैं कि मोदी तो आपसे बहुत ऊपर
हैं, वो दुनिया भर के लोगो से लड़ रहा है, और आप अपनी घटिया
मानसिकता लिए हुए मोदी के दुश्मनों में शामिल हो गए। अरे आप
तो मोदी से अपना मुकाबला कर ही नहीं सकते।
इतने बड़े नेता को लाज नहीं आती जो पार्टी का बेड़ा गर्क करने में
लगे हैं, अरे हिम्मत है तो स्वीकार करो कि सोनिया गाँधी से सांठ गाँठ
किये हुए हो और कांग्रेस को सत्ता में फिर बिठाने की ठान ली है,
अडवाणी जी को कोई फर्क नहीं पड़ता अगर मोदी को प्रोजेक्ट न करने
से भाजपा को वोट नहीं मिलते क्यूंकि इससे अडवाणी का काम
तो आसान हो जायेगा सोनिया की सेवापुर्ती का। आपके रहते हुए
ही सोनिया गाँधी बेफिक्र है सत्ता में लौटने के लिए।
आपका तो लक्ष्य बन गया है मोदी के लिए कि हम तो डूबेंगे सनम
तुमको भी ले डूबेंगे। आप अगर प्रधम मंत्री नहीं बनेगे तो आप मोदी
को भी नहीं बनने देंगे।
अडवाणी जी, अब समय आ गया है कि भाजपा को आप इतिहास
के पन्नो में समेत कर रख देंगे और लोग कहा करेंगे कि कभी एक
पार्टी हुआ करती थी, भाजपा, जो अपने नेताओं की अंतर्कलह और
मह्त्व्कंषाओं के चलते बर्बाद हो गयी।
अडवाणी को मिली सोनिया से मोदी के खिलाफ सुपारी

अभी कुछ दिन पहले मैंने एक लेख में गलत नहीं कहा था की अडवाणी
को वृधाश्रम में भेज देना चाहिए, इन्हें मालूम हो गया है कि इनके
नाम का कोई खरीददार नहीं है मोदी के सामने तो अब पैंतरा खेल रहे
हैं शिवराज का नाम उछाल कर जिससे मोदी आगे ना आये।
कभी नितीश को उकसा दिया मोदी के खिलाफ बोलने के लिए कभी
पार्टी के बाकि नेताओं को, बस मकसद एक ही है कि मोदी को नीचा
दिखाया जाये पर अडवाणी भूल जाते हैं कि मोदी तो आपसे बहुत ऊपर
हैं, वो दुनिया भर के लोगो से लड़ रहा है, और आप अपनी घटिया
मानसिकता लिए हुए मोदी के दुश्मनों में शामिल हो गए। अरे आप
तो मोदी से अपना मुकाबला कर ही नहीं सकते।
इतने बड़े नेता को लाज नहीं आती जो पार्टी का बेड़ा गर्क करने में
लगे हैं, अरे हिम्मत है तो स्वीकार करो कि सोनिया गाँधी से सांठ गाँठ
किये हुए हो और कांग्रेस को सत्ता में फिर बिठाने की ठान ली है,
अडवाणी जी को कोई फर्क नहीं पड़ता अगर मोदी को प्रोजेक्ट न करने
से भाजपा को वोट नहीं मिलते क्यूंकि इससे अडवाणी का काम
तो आसान हो जायेगा सोनिया की सेवापुर्ती का। आपके रहते हुए
ही सोनिया गाँधी बेफिक्र है सत्ता में लौटने के लिए।
आपका तो लक्ष्य बन गया है मोदी के लिए कि हम तो डूबेंगे सनम
तुमको भी ले डूबेंगे। आप अगर प्रधम मंत्री नहीं बनेगे तो आप मोदी
को भी नहीं बनने देंगे।
अडवाणी जी, अब समय आ गया है कि भाजपा को आप इतिहास
के पन्नो में समेत कर रख देंगे और लोग कहा करेंगे कि कभी एक
पार्टी हुआ करती थी, भाजपा, जो अपने नेताओं की अंतर्कलह और
मह्त्व्कंषाओं के चलते बर्बाद हो गयी।

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