Thursday, February 28, 2013

भारत का हर नागरिक आतंक वादी है


"भारत का हर नागरिक आतंक वादी है"
यदि आप बिदेसी सामान खरीदते है तो !!! आपका पैसा अमेरिका, चाइना, जापान, कोरिया, जर्मन, इटली, और फ़्रांस को जाता है, ये सभी देस पाकिस्तान को पैसे देते है और पाकिस्तान उसी पैसे को अतंकवादियो को देता है आतंकवादी हमारे देस के निर्दोस नागरिको को मारते है जरा सोचिये तो क्या? आप आतंकवादी नहीं हुये
कोई भी बिदेसी सामान खरीदते समय जरुर याद करना मरे हुये छत बिछ्त उन लासो को बिखरे हुये उन मांस के टुकडो को जो अभी हाल ही में आपने हैदराबाद में देखा है, वो आपके भाई बहन मां या बाप ही थे और उनकी इस हालत के लिए आप जिम्मेदार थे
"भारत का हर नागरिक आतंक वादी है"
यदि आप बिदेसी सामान खरीदते है तो !!! आपका पैसा अमेरिका, चाइना, जापान, कोरिया, जर्मन, इटली, और फ़्रांस को जाता है, ये सभी देस पाकिस्तान को पैसे देते है और पाकिस्तान उसी पैसे को अतंकवादियो को देता है आतंकवादी हमारे देस के निर्दोस नागरिको को मारते है जरा सोचिये तो क्या? आप आतंकवादी नहीं हुये
कोई भी बिदेसी सामान खरीदते समय जरुर याद करना मरे हुये छत बिछ्त उन लासो को बिखरे हुये उन मांस के टुकडो को जो अभी हाल ही में आपने हैदराबाद में देखा है, वो आपके भाई बहन मां या बाप ही थे और उनकी इस हालत के लिए आप जिम्मेदार थे

एक आम आदमी है अरविन्द केजरीवाल

एक आम आदमी है अरविन्द केजरीवाल जो जमीन में सोता है, रोड के साइड में खड़े ठेले वालो से समान खरीदता है, फटी हुई कमीज़ पेहेनता है! जरा ये बताइए की जब केजरीवाल ऐसे काम करते
हैं तो अपने साथ केमरामेन ले जाते हैं क्या?

कहते होंगे की मै ऐसा काम करूँ तभी मेरी फोटो लेना- वरना खुद सोचिये की ऐसे समय पर केमरामेन
कहाँ से आया?
केजरीवाल के चेहरे से साफ़ पता चलता है कि केजरीवाल खुद ही ये फोटो खिचवा रहे ह
बस दो ही तस्वीरें बाकी रह गई है जो दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले सोशल साइटों में आ जायेंगी!
एक वोह जिसमे केजरीवाल खेतो में आम आदमी की तरह लोटा लेके हगने के लिए बठेंगे और दूसरा वोह हेंडपंप में वोह तिरंगे कच्छे पहने नहा रहे होंगे!

बाकी सारी तस्वीरें आ चुकी है उनको आम आदमी दिखाने के लिए, बस इन्ही दो तस्वीरों का केजरीवाल समर्थक बेसब्री से इंतज़ार कर रहे है!

Monday, February 25, 2013

पेन ड्राइव भी दुसरे देश से मंगनी पड़ती है


बड़े शर्म की बात है की हम एक
छोटी सी पेन ड्राइव भी दुसरे देश से मंगनी पड़ती है
और इसी चीज़ का फायेदा चीन ने उठाया है
जिससे हमारे देश की सुरक्षा तक खतरे में पड़ गयी है
आपको यकीं नहीं होगा अगर इस समय युद्थ हो गया तो
तो चीन हमे कुछ दिन में ही पंगु कर देगा..
क्योकि जो भी हम रणनीति बनायेगे वो तुरंत ही
चीन में पहुच जाएगी..
इसका कारण है ये छोटी सी पेन ड्राइव..
पेन ड्राइव एक ऐसा छोटा सा उपकरण है जिसमें कोई भी जानकारी रख सकते है तथा इसे किसी भी समय कहीं पर भी ले जाया जा सकता है। प्रतिबंध के बावजूद सुरक्षा बलों में पेन ड्राइव एक प्रमुख खतरे के रूप में सामने आए हैं, क्योंकि तीनों सैन्य सेवाओं में हुई सुरक्षा चूकों के 70 प्रतिशत मामलों में यही उपकरण जिम्मेदार है।
आज कल चीन जो पेन ड्राइव भारत में भेज रहा है उसमे एक चीप लगी आ रही है जो नेट कांनेट कंप्यूटर में लगते ही कंप्यूटर का सारा डाटा भेजने लगती है हमारे सैन्य अधिकारियो के कंप्यूटर में उपस्तिथ देश की सुरक्षा का पूरा डाटा
एक बार कनेक्ट होते ही ये पेन ड्राइव सारा का सारा डाटा दुश्मन के हाथ में भेज सकती है..

सोशल मीडिया पर एक जुट होने से देश में फर्क


भारतीय युवा वर्ग के सोशल मीडिया पर पिछले तीन साल से एक जुट होने से देश में क्या फर्क देखने को मिला है ?
1 - देश में कही भी कोई भी घटना हो जल्द ही इन्टरनेट के जरिये सब को मालूम हो जाती है.
2 - सरकार एवं कार्यपालिका की काली करतूतों का सभी को पता चल रहा है.
3 - देश के खिलाफ साजिश करने वालो को बुरी तरह से नंगा किया जाता है.
4 - कसाब जैसे को फ़ासी युवाओ की एक जुटता से हुई.
5 - ओवैसी जैसे के खिलाफ कार्यवाही युवाओ की वजह से हुई.
6 - अफजल को फ़ासी का एक श्रेय युवाओ को भी जाता है.
7 मोदी जी के खिलाफ गलत धारना रखने वालो की सोच बदली है.
8 बिकाऊ मीडिया का सच सब के सामने आ रहा है.
9 भारतीय इतिहास का सच सब को पता चल रहा है, जिसे सरकार ने अपने अनुसार बदला है.
10. कालेधन, देश और संस्कृति के लिए काम करने वाले बाबा रामदेव औरबालकृष्ण जैसे लोगो के प्रति सरकारी रवैया, भ्रष्टाचार के प्रति जाग्रति पैदा हुई है.
11. आज ज्यादातर युवा देशद्रोही लोगो के, चाहे वो सरकार में हो या उसके बहार, विरुद्ध एक जुट नजर आ रहा है
सभी युवाओं से यही निवेदन है इस सोशल मीडिया से आई क्रान्ति को यही न रुकने दें, इसे जारी रखें जबतक समाज में व्याप्त गंदगी का सफाया न हो जाए..

आखरी समय में इंसान को सच बोलना ही पड़ता है.



आखरी समय में इंसान को सच बोलना ही पड़ता है.......

Paid मीडिया का रोल

क्या मोदी सरकार पिछली यूपीए सरकार की तुलना में मीडिया को अपने वश में ज्यादा कर रही हैं? . यह गलत धारणा पेड मीडिया द्वारा ही फैलाई गयी है ...