Saturday, February 23, 2013

मैला ढोनेवालों को मंदिरों में पुजारी


एक बाजू दिखावा है तो दूसरी और सही कदम >>मोदी सरकार मैला ढोनेवालों को बनाएगी पुजारी तो दूसरी और मायावती सरकार: दलितों के लिए करोडो के खर्चे से पार्क और मुर्तिया:



जय हो मोदी राज .. जातिवादी दंश से समाज को मुक्त करके हिन्दुओ को संगठित करने की दिशा में एक सराहनीय कदम ..
अब दलित और मेहतर जाति के लोगो को गुजरात सरकार धार्मिक कर्मकांड और धर्म की शिक्षा दिलाकर राज्य में विभिन्नमंदिरों में पुजारी बनाएगी |
मित्रों, हिंदू समाज अगर कभी कमजोर हुआ है तो सिर्फ जातिवादी सोच रखने वाले लोगो के कारण ही हुआ है लेकिन अब नरेंद्र मोदी समाज की इस विषमताओं को खत्म करने जा रहे है
नरेंद्र मोदी सरकार ने एक परिवर्तनकारी फैसला किया है। राज्‍य सरकार ने सर पर मैला ढोनेवालों को मंदिरों में पुजारी बनाने का निर्णय लिया है। इसके लिए उन्हें हिंदू रीति-रिवाज के तहत विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे वह सभी कर्मकाण्ड विधिवत करा सकें।
सामाजिक न्याय विभाग ने सफाई कामदारों के प्रशिक्षण के लिए 2013-14 के बजट में 22.50 लाख रुपये निर्धारित की है। इन्हें सोला भागवत पीठ और सोमनाथ संस्कृत विद्यापीठ जैसे संस्‍थानों में विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा।
सरकार के इस फैसले का दलित समुदाय ने स्वागत किया है। दलित अधिकार संगठन नवसृजन की मंजुला प्रदीप ने इस फैसले के लिए सरकार की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह एक परिवर्तनकारी कदम है।

http://www.amarujala.com/news/samachar/national/modi-bats-for-dalits-to-solemnize-hindu-weddings/
गुजरात के कुछ इलाकों में जहां दलितों को अभी भी मंदिरों में प्रवेश नहीं दिया जाता वहीं नरेंद्र मोदी सरकार ने एक परिवर्तनकारी फैसला किया है। राज्‍य सरकार ने सर पर मैला ढोनेवालों को मंदिरों में पुजारी बनाने का निर्णय लिया है। इसके लिए उन्हें हिंदू रीति-रिवाज के तहत विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे वह सभी कर्मकाण्ड विधिवत करा सकें।

एक अंग्रेजी समाचार पत्र के अनुसार, सामाजिक न्याय विभाग ने सफाई कामदारों के प्रशिक्षण के लिए 2013-14 के बजट में 22.50 लाख रुपये निर्धारित की है। इन्हें सोला भागवत पीठ और सोमनाथ संस्कृत विद्यापीठ जैसे संस्‍थानों में विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा।

सरकार के इस फैसले का दलित समुदाय ने स्वागत किया है। दलित अधिकार संगठन नवसृजन की मंजुला प्रदीप ने इस फैसले के लिए सरकार की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह एक परिवर्तनकारी कदम है।� �

राज्य सरकार के इस कदम से ऐसा माना जा रहा है कि ओबीसी समुदाय से ताल्लुक रखने वाले मोदी को पूरे देश में दलितों का भी समर्थन प्राप्त होगा। इस फैसले के पीछे यह भी तर्क दिया जा रहा है ‌कि कुछ दिनों पहले मायावती के प्रधानमंत्री बनने की इच्छा जाहिर करने के बाद मोदी ने अपने पीएम पद की उम्मीदवारी की दावेदारी को और पुख्ता करने की दिशा में यह निर्णय लिया है।

आर्यावर्त भरतखण्ड संस्कृति
गौ हत्या के खिलाफ हिन्दुस्तान ( गाय बचाओ भारत बचाओ )
— with Shirish GaddamAmbadas DevasaniRaju GundlaRaju IttamRaju GanjaveNavin Polas,Balkrishna SaggamGanesh Kamble and Sandip Chavan.

No comments:

Post a Comment

Paid मीडिया का रोल

क्या मोदी सरकार पिछली यूपीए सरकार की तुलना में मीडिया को अपने वश में ज्यादा कर रही हैं? . यह गलत धारणा पेड मीडिया द्वारा ही फैलाई गयी है ...