Monday, October 14, 2013

हिन्दुओं धर्मयुद्ध के लिए तैयार रहो।

हिन्दुओं धर्मयुद्ध के लिए तैयार रहो।

बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने संजय लीला भंसाली द्वारा निर्देशित हिन्दी फिल्म ”रामलीला“ के संदर्भ में राष्ट्रवादी शिव सेना के प्रतिवेदन को अस्वीकारते हुए पचास हजार का जुर्माना लगाये जाने से हमारे अंदर एक नई स्फूर्ति पैदा हुई है और पूर्ण विश्वास हो गया है कि अब शासन, प्रशासन के साथ साथ न्याय प्रणाली से भी हिन्दू समाज को लड़ना होगा। हम तो सिर्फ फिल्म के शीर्षक को बदलने की मांग कर रहे हैं जिसके लिए हमने हर स्तर पर इसका विरोध किया है। श्रीराम और रामलीला हमारी धार्मिक आस्थाओं का केन्द्र बिन्दु है और इस फिल्म में जो फूहड़ता परोसी गई है उससे पूरा समाज और हमारे अराध्य देव अपमानित होते हैं।

हिन्दुस्तान का दुर्भाग्य देखिये कि अभी वर्ष 2013 में ही विश्वरूपम फिल्म रिलीज हुई थी जिसमें मुसलमानों को फिल्म के कुछ अंशों में आपत्तियां थी उन अंशों को जब तक हटाया नहीं गया तब तक सरकार व न्याय प्रणाली फिल्म को रिलीज नहीं करवा सकीं। इसके अलावा कुछ वर्ष पूर्व एक फिल्म आयी थी जिस का नाम था ”दी विन्ची कोड“ इस फिल्म पर जब ईसाई समाज ने आपत्ति की तो उनकी इच्छा के अनुसार फिल्म में डिस्क्लेमर दिखाया गया और यह इसलिए हुआ की सर्वोच्च सत्ता में स्थापित एक परिवार की धार्मिक भावना आहत हुई थी। इसके साथ साथ डेनमार्क में भी एक फिल्म बनी थी जिस पर वहां के मुसलिम समुदाय के लोगो को आपत्ति हुई थी और यहां हिन्दुस्तान में भी मुसलमानों ने काफी विरोध किया था तब हमारे देश के प्रधानमंत्री ने मुसलिम समाज की नाराजगी से बचने के लिए यहां हिन्दुस्तान में ऐसे माफी मांगी थी जैसे वे खुद ही इस फिल्म के निर्माता निर्देशक हो।

जबकि यह फिल्म हिन्दुस्तान में रिलीज भी नहीं हुई थी। मगर अब जब हिन्दुओं के अराध्य पर उंगली उठी है तो क्या सरकार न्यायप्रणाली भी हिन्दुओं को ही दबा रही है। जैसा कि इस फैसले में हुआ है।

लेकिन आज हिन्दुओं के नाम से राजनीति करने वाले दल और नेताओं का इस मामले में मौन रहना हिन्दुओं के मनोबल को कमजोर नहीं बनाएगा बल्कि वे और अधिक मजबूती के साथ अपने
धर्म के लिए लड़ेगें जो धर्मयुद्ध होगा। इस धर्मयुद्ध में हमारा साथ दें।

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