Tuesday, October 15, 2013

हमीद अंसारी व गौहर खान

हाल की दो महत्वपूर्ण घटनाओ को देश ने जरूर देखा होगा ------

( 1 ) उपराष्ट्रपति हमीद अंसारी ने अपने धर्म के महत्व को समझते हुए दशहरा उत्सव के दौरान आरती उतारने से मना कर दिया क्योकि इस्लाम मे ये करना " मना " है ।

( 2 ) टी॰वी॰ सीरियल बिग बॉस की एक प्रतियोगी गौहर खान ने दुर्गा पुजा करने से मना कर दिया और वो दूर खड़ी रहकर देखती रही , जबकि ये एक कार्य था जिसे करना सभी प्रतियोगी के लिए जरूरी था लेकिन गौहर खान ने इस कार्य को करने से साफ मना कर दिया क्योकि इस्लाम मे ये करना " मना " है ।

मित्रो इन दोनों ( हमीद अंसारी व गौहर खान ) को मेरा साधुवाद क्योकि दोनों ने किसी कीमत पर भी अपने धर्म से समझौता नहीं किया , चाहे इसके लिए कितनी बड़ी कीमत भी क्यो न चुकनी पड़े ।
ये घटना उन तथाकथित " सेकुलर " हिन्दुओ के मुह पर जोरदार तमाचा है जो कहते फिरते है की कभी " टोपी " भी पहननी पड़ती है तो कभी " तिलक " भी लगाना पड़ता है , इस घटना मे मीडिया का मौन रहना सबसे ज्यादा अचरज का विषय है क्योकि सबसे ज्यादा हाय तौबा यही मीडिया वाले मचाते रहे है जब नरेंद्र मोदी जी ने मुल्ला टोपी पहनने से इनकार कर दिया था ।

उदाहरण लेना है तो मुस्लिम समुदाय के लोगो से सीखो जो अपने धर्म के लिए बड़ी से बड़ी कीमत चुकाने को तैयार रहते है , पर अपने सिद्धांतों से कभी समझौता नहीं कर सकते ।

वही हमारे हिन्दू लोग " कायरता " का दूसरा रूप " सेकुलर " होने का झूठा दिखावा करने से बाज नहीं आते ।

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