होम्योपथी और आयुर्वेद काउंसिल को बंद करना चाहता है नीति आयोग
देश के मेडिकल सिस्टम को बेहतर बनाने की कोशिश के तहत नीति आयोग सेंट्रल काउंसिल ऑफ होम्योपथी (CCH) और सेंट्रल काउंसिल ऑफ इंडियन मेडिसिन (CCIM) को बंद करने की सिफारिश कर सकता है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने ईटी को बताया कि आयोग दो नए बिलों पर काम कर रहा है, जिनमें स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत आने वाली इन दोनों काउंसिलों को बदलने के सुझाव हैं। ये काउंसिल देश में होम्योपथी और आयुर्वेद सहित चिकित्सा की भारतीय पद्धतियों में उच्च शिक्षा पर नियंत्रण करती हैं।
दशकों पुरानी इन काउंसिलों के स्थान पर एक नया संगठन बनाने के सुझाव वाला एक ड्राफ्ट बिल तैयार है, लेकिन इस बारे में अंतिम फैसला नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया की अगुवाई वाला पैनल लेगा। इस पैनल का गठन हेल्थ मिनिस्ट्री के तहत आने वाले आयुष विभाग में बड़े सुधारों का सुझाव देने के लिए किया गया है। पैनल ने पिछले वर्ष मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की ओर से मेडिकल एजुकेशन के खराब रेग्युलेशन की समस्या पर विचार किया था और इसके स्थान पर नैशनल मेडिकल कमीशन बनाने का सुझाव दिया था। इस प्रपोजल को अनुमति के लिए कैबिनेट के पास भेजा जाएगा। इसके बाद इसे संसद में पेश किया जाएगा।
दशकों पुरानी इन काउंसिलों के स्थान पर एक नया संगठन बनाने के सुझाव वाला एक ड्राफ्ट बिल तैयार है, लेकिन इस बारे में अंतिम फैसला नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया की अगुवाई वाला पैनल लेगा। इस पैनल का गठन हेल्थ मिनिस्ट्री के तहत आने वाले आयुष विभाग में बड़े सुधारों का सुझाव देने के लिए किया गया है। पैनल ने पिछले वर्ष मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की ओर से मेडिकल एजुकेशन के खराब रेग्युलेशन की समस्या पर विचार किया था और इसके स्थान पर नैशनल मेडिकल कमीशन बनाने का सुझाव दिया था। इस प्रपोजल को अनुमति के लिए कैबिनेट के पास भेजा जाएगा। इसके बाद इसे संसद में पेश किया जाएगा।
http://navbharattimes.indiatimes.com/india/niti-aayog-wants-axe-on-homoeopathy-ayurveda-bodies/articleshow/57261917.cms
No comments:
Post a Comment