मध्यप्रदेश संत एवं पुजारी संयुक्त महासंघ मठ-मंदिरों की जमीन को प्रशासन के अधीन करने के सरकार के प्रस्ताव के खिलाफ दो दिन से मुख्यमंत्री निवास के नजदीक धरना दे रहा था। प्रदेश भर से आये सैकड़ों साधु संत इस धरने में शामिल थे।
साधु-संतों का आरोप यह भी है कि मध्यप्रदेश की बीजेपी सरकार मंदिरों के मामले में लगातार हस्तक्षेप कर रही है, उसकी साजिश मंदिरों को प्रशासन के अधीन लाना है।
ये हैं प्रमुख मांगें
मठ-मंदिरों का प्रबंधक कलेक्टर को हटाकर सरकारीकरण रोका जाए।
मठ-मंदिरों के संबंध में सरकार द्वारा लाए जा रहे विधेयक को निरस्त किया जाए।
मंदिरों की भूमि पर किए गए अतिक्रमण हटाए जाएं।
मंदिरों की कृषि भूमि की नीलामी पर स्थाई रूप से रोक लगाई जाए।
गौचर भूमि को मुक्त कराकर गौ शालाओं को दी जाए व गुरू-शिष्य परंपरा का ध्यान रखते हुए मंदिरों में पुजारी व उत्तराधिकारी के नामांतरण की नीति बनाई जाए।
http://navbharattimes.indiatimes.com/state/madhya-pradesh/bhopal/indore/sadhus-withdraw-stir-against-mp-bill-on-cms-assurance/articleshow/57171728.cms
साधु-संतों का आरोप यह भी है कि मध्यप्रदेश की बीजेपी सरकार मंदिरों के मामले में लगातार हस्तक्षेप कर रही है, उसकी साजिश मंदिरों को प्रशासन के अधीन लाना है।
ये हैं प्रमुख मांगें
मठ-मंदिरों का प्रबंधक कलेक्टर को हटाकर सरकारीकरण रोका जाए।
मठ-मंदिरों के संबंध में सरकार द्वारा लाए जा रहे विधेयक को निरस्त किया जाए।
मंदिरों की भूमि पर किए गए अतिक्रमण हटाए जाएं।
मंदिरों की कृषि भूमि की नीलामी पर स्थाई रूप से रोक लगाई जाए।
गौचर भूमि को मुक्त कराकर गौ शालाओं को दी जाए व गुरू-शिष्य परंपरा का ध्यान रखते हुए मंदिरों में पुजारी व उत्तराधिकारी के नामांतरण की नीति बनाई जाए।
http://navbharattimes.indiatimes.com/state/madhya-pradesh/bhopal/indore/sadhus-withdraw-stir-against-mp-bill-on-cms-assurance/articleshow/57171728.cms
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