ऐसा कौन सा कार्य है जो कांग्रेस के समय हमने विरोध नही किया, ज्यादातर मामलों में कांग्रेस ने अपना वह कार्य, योजना, कानून आदि रोक दिये।
लेकिन दूसरी और बीजेपी सत्ता में आई और उसने उन सभी कार्यों कार्य को पूरा तुरन्त किया।
विदेशों से आते है यह सब निर्देश कब क्या करना है...??
और यहां की सत्ताधारी पार्टी को निर्णय लेना होता है।
कांग्रेस भी इन कार्यों को आरंभ करती है पारित करवाने का ड्रामा भी करती है लेकिन विपक्ष का विरोध दिखाकर उसको बाद में लटका देती है।
लेकिन बीजेपी वाले
विदेशी आकाओं को तोहफा कबूल करवा करवा कर सारे काम तीव्र गति से लागू करते हैं ।
जैसे कांग्रेस के समय की भरपाई करने का भी Task मिला हुआ हो।
बीजेपी ने अपनी कार्यशैली से यह प्रमाणित कर दिया है कि सबसे बढ़िया जगह विपक्ष है और जंतर मंतर है, वह वहां पर सबसे बढ़िया काम करती है, जिसका भय दिखाकर कांग्रेस विदेशी आकाओं को चकमा देने में सफल रहती है।
परमाणु डील जिस प्रकार मनमोहन ने अटकाई और मोदी ने शर्तें हटाकर आगे बढ़ाई वह अपमानजनक था।
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बंगलादेशी भूमि अधिग्रहण और नागरिकता
पाकिस्तानी हिन्दू और बंगलादेशी हिन्दू की सुरक्षा को लेकर कांग्रेस गंभीरता दिखाएगी लेकिन बीजेपी दुत्कार कर भगा देती है।
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पाकिस्तान के हिन्दुओ की नागरिकता के संबन्ध में जब हमने याचिका दायर की तब राष्ट्रपति प्रतिभा सिंह को भी पार्टी बनाया गया था तो दिल्ली उच्च न्यायालय में राष्ट्रपति की और से उस समय अटार्नी जनरल ने आकर आश्वासन दिया कि हम पाकिस्तान से आये हिन्दुओ को वापिस जाने को नही कहेंगे, वे जब तक यहां रहना चाहें रह सकते हैं और यदि यह नागरिकता के लिए आवेदन करेंगे तो उस पर विचार किया जाएगा।
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मनरेगा का विरोध यह करते थे।
2014 के बाद मनरेगा से प्रेम हो गया।
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जीएमओ ...
कहाँ एक बीटी बैंगन के लिए भाजपा ने विरोध किया, जंतर मंतर पर भी प्रदर्शन हुए, संसद के दोनों सदनों में भी जबरदस्त विरोध भाजपा द्वारा किया गया।
भाजपा जब आई तो बीजेपी ने एक के बाद एक लगातार कई जीएमओ पास किये, बीजेपी ने स्वदेशी मंच की भी सभी सिफारिशों को ignore किया, स्वयं पीएम मोदी और प्रकाश जावडेकर ने जीएम बीजों से कृषि को बहुत उपयोगी बताया।
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नोटबन्दी कांग्रेस द्वारा भी लागू की जा रही थी 1 मार्च 2014 से प्रस्तावित थी जिसे कांग्रेस ने बाद में रोक लिया गया।
8 नबम्बर 2016 के काले दिन को जो आर्थिक आपातकाल जारी किया गया उससे पूरे देश मे लोग खून के आंसू रोने को मजबूर हुए, कटु सत्य यह रहा कि बड़े मगरमच्छ और धनवान हो गए तथा छोटी मछकियाँ तड़पती ही रह गईं।
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आज के फेसबुकियों में से बहुत कम को याद होगा कि 2009 के चुनाव जे समय भी काला धन को मुख्य विषय बनाया गया था, 2014 में भी वही हुआ... काला धन मुख्य विषय बनाया गया।
2014 में पीएम मोदी के नेतृत्व में जब बीजेपी सत्ता में आती है तो काला धन का नाम लेने वालों को नोटबन्दी की आड़ में दुर्दांत यातनाए दी जाती हैं।
काले धन और नोटबन्दी का सबसे भयावह सत्य यह है कि काला धन जो स्विट्ज़रलैंड, जर्मनी, पोलैंड, हांगकांग, मॉरीशस, गुयाना, एंटीगुआ आदि के देशों के विदेशी बैंकों में पड़े धन से ध्यान भटकाने हेतु नोटबन्दी का भय व्याप्त कर दिया गया लेकिन विदेशी बैको में पड़े काले धन में से एक पाई नही लाई गई।
उल्टा देश के नागरिकों पर ही काला धन होने के आरोप लगा कर सबको अपमानित किया गया।
2018 के जुलाई महीने में ही रिपोर्ट आती है कि जितना काला धन 2014 तक स्विस बैंकों में जमा हुआ था 4 वर्ष में ही उसका 50% और बढ़ गया।
3 सप्ताह के अंदर ही एक और रिपोर्ट आती है जिसमें बताया गया कि जो काला धन जमा हुआ था उसमे से इन्ही 3 सप्ताहों में 80% कम हो गया, जो कि स्वाभाविक है कि दूसरे देशो के बैंकों में जमा किये गए।
सवाल आज भी खड़ा है... कि विदेशी बैंकों से काला धन कितना वापिस आया?
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पीएम मोदी ने एक लाल किले जैसा पंडाल बनवाया सितम्बर 2013 में और मनमोहन सिंह द्वारा आधार कार्ड को लागू करने को खूब गरियाया...
भाजपा सत्ता में आकर उसी आधार कार्ड को लागू करवाने में अपने सभी छिद्रों का जोर लगाने में ही 4 साल लगा दिये।
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कांग्रेस द्वारा जीएसटी लागू करने का विरोध बीजेपी द्वारा बड़े स्तर पर किया गया। सबसे मजबूत तर्क यह दिया गया कि छोटे उद्योग बर्बाद हो जाएंगे।
बीजेपी सत्ता में आकर 28% जीएसटी लागू करती है जिससे उद्योग धंधे चहुं और विकास के नए उदाहरण पेश करते हैं और जीडीपी बढ़कर सबसे उच्च स्तर पर पहुंच जाती है। अर्थव्यवस्था को बदहाल कैसे किया जाता है यह झोला छाप अर्थशास्त्रियों से सीखा जाए जिसकी नीतियों का विरोध स्वयं सुब्रहमणियम स्वामी भी करते रहे समय समय पर।
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पेट्रोल डीजल के विषय पर यह सरकार अपने ही नागरिकों के साथ सदैव विश्वासघात करती रही।
सबसे पहले तो इमोशनल ब्लैकमेल करके सब्सिडी छुड़वा दी गई।
2014 के चुनावों के समय बड़े बड़े होर्डिंग्स लगाये गये, वीडियो बनाये गए, फोटो वायरल किये गए, पेट्रोल डीजल की महंगाई को लेकर ।
2014 के बाद की मोदी सरकार ने, उसके मंत्रियों ने, आईटी सेल ने और गन्धभक्तों ने मिलकर देश की जनता को कुतर्क, उलाहना स्वरूप अपमानित करने का एक कार्यक्रम ही आरम्भ कर दिया।
इंटरनेशनल मार्किट मे लगातार कीमते गिरते रहने के बावजूद मोदी सरकार ने पेट्रोल कीमतों में कोई कमी नही की और देश की जनता को मूर्ख पर मूर्ख बनाते रहे।
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मुसलमानो का विरोध मुख्य हथियार बना मोदी सरकार की स्थापना में।
2009 से 2014 के मध्य कितने आंदोलन हुए दिल्ली समेत अन्यान्य राज्यों में कांग्रेस द्वारा मुस्लिम तुष्टिकरण की नीति को लेकर
सच्चर कमेटी को लागू करने लगी कांग्रेस तो पैट्रियट फोरम के रिटायर्ड आईएस और आईपीएस के समूह ने मिलकर सच्चर कमेटी की सिफारिशों पर रोक लगवाई।
2014 में बीजेपी सरकार आने के उपरांत बीजेपी ने "नई मुस्कान, नई रोशनी, नया सवेरा, नया आगाज़, उस्ताद, शागिर्द" आदि 85 से अधिक योजनाओं को लागू किया मुसलमानो के आर्थिक स्तर को उठाने हेतु।
प्रत्येक वर्ष 65 मुस्लिम आईपीएस बनाने की देशविरोधी अनीति मोदी सरकार द्वारा निर्धारित की गई।
योगी सरकार द्वारा मोदी के खास Testicle जफर सरेशवाला को 700 एकड़ जमीन का आवंटन जारी किया गया उत्तर प्रदेश में उर्दू यूनिवर्सिटी खोलने हेतू।
अल्पसंख्यक आयोग की और से पूरे देश मे 5 मुस्लिम युनुवर्सिटी शुरु करने का एलान किया गया जिसमें मुस्लिम लड़कों को 100%, आरक्षण का प्रावधान किया गया (अर्थात गैर मुस्लिम लड़को हेतु शून्य प्रतिशत आरक्षण, कोई प्रवेश नही) और गैर मुस्लिम लड़कियों हेतु 50% आरक्षण का प्रावधान ... साफ शब्दों में एलान किया गया है कि लव जिहाद करो फुल स्पीड पर।
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एफडीआई - विदेशी निवेश
2014 से पहले बीजेपी और संघ विदेशी निवेश का जमकर विरोध करते थे।
लेकिन 2014 के बाद सत्ता प्रप्ति के बाद हर देश मे जा जाकर विदेशी निवेश हेतु हाथ फैलाये गए।
वालमार्ट, अमेज़न, पेटीएम जैसी कम्पनिया भारतीय छोटे दुकानदारों को निगलने हेतु पूरी तरह तैयार बैठी हैं।
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गौ रक्षा और बीफ निर्यात
2014 आए पूर्व गौरक्षा और बीफ निर्यात पर रैलियों में गला फाड़ फाड़ कर चिल्लाने वाले मोदी जी ने 2014 में सत्ता प्राप्ति के उपरांत ही बड़ा यू-turn लेते हुए बीफ निर्यातकों से चंदा लेकर उनके यांत्रिक कत्लखानों के लिए विदेश से मशीने मंगवाने पर इम्पोर्ट ड्यूटी 40-50%, कम की गई ।
गौरक्षकों को गुंडा कहा गया।
गौसंवर्द्धन के नाम पर देसी गौवों की संकरता बढाने हेतु इजरायल से साण्ड आयात करवाये गए।
बीजेपी ने अपने सभी गौरक्षा विभाग और प्रकोष्ठ बन्द कर दिये।
सेना की 39 गौशालाओं को बंद करवा दिया गया।
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समलेंगिक कानूनों का विरोध 2013, 2014 में जमकर किया गया और आज यही सरकार 2018 में समलैंगिक कानूनों को लागू करवाती है।
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2014 के चुनावों से पूर्व जोर शोर से बंग्लादेशी मुसलमान भगाने की बात की गई।
2014 के बाद ये बंगलादेशी भगाने की बात करते करते रोहिंग्या मुसलमान बसा गए।
उनके आधार कार्ड जारी किए गए।
हिमाचल प्रदेश बीजेपी सरकार एक टेंडर जारी करके निजी कम्पनी द्वारा उनको बड़े स्तर पर रोजगार उपलब्ध करवाती है।
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स्वदेशी राष्ट्रवाद की मुहिम में लगे सभी राष्ट्रवादियों को यह जानकर निराशा हाथ लगी कि मेक इन इंडिया के नाम और भी देश को मूर्ख बनाया गया ।
2014 से लेकर 2018 तक देश का चीनी आयात 30% से अधिक बढ़ चुका है।
चीनी बैंक खुल रहे हैं।
चीज से हथियार ख़रीदके जा रहे हैं।
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1990 में वीपी सिंह की सरकार के वाजपेयी और आडवाणी मिलकर मण्डल कमीशन को लागू करवाते हैं।
1999 से 2004 के मध्य जब वाजपेयी भी रामसेतु तोड़ने वाले हिन्दू विरोधी कानून पारित करने के बाद हिन्दुत्व के विषयों पर कुछ न कर सके तो जाते जाते अल्पसंख्यक आयोग, मुसलमानो को आरक्षण और प्रमोशन में आरक्षण लागू करने के नए झुनझुने बजा गए ।
2018 में बीजेपी एससी/एसटी एक्ट जैसा अमानवीय असंवैधानिक अध्यादेश सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को पलटने हेतु लागू करती है।
हिंदुत्व की रही सही एकता को तोड़ने में भी यह सरकार सफल रही।
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कुल मिलाकर...
हिन्दुत्व के प्रत्येक विषय को नजरअंदाज किया गया ।
कोई 5 कार्य ऐसे नही बता सकता जो भारतीय धर्म, संस्कृति, दर्शन, गुरुकुल, गौशालाओं, गङ्गा और गीता आदि की नीति को लेकर गौरवान्वित करता हो।
बीजेपी ने अपनी कार्यशैली से यह प्रमाणित कर दिया है कि सबसे बढ़िया जगह विपक्ष है और जंतर मंतर है, वह वहां पर सबसे बढ़िया काम करती है, जिसका भय दिखाकर कांग्रेस विदेशी आकाओं को चकमा देने में सफल रहती है।
लेकिन दूसरी और बीजेपी सत्ता में आई और उसने उन सभी कार्यों कार्य को पूरा तुरन्त किया।
विदेशों से आते है यह सब निर्देश कब क्या करना है...??
और यहां की सत्ताधारी पार्टी को निर्णय लेना होता है।
कांग्रेस भी इन कार्यों को आरंभ करती है पारित करवाने का ड्रामा भी करती है लेकिन विपक्ष का विरोध दिखाकर उसको बाद में लटका देती है।
लेकिन बीजेपी वाले
विदेशी आकाओं को तोहफा कबूल करवा करवा कर सारे काम तीव्र गति से लागू करते हैं ।
जैसे कांग्रेस के समय की भरपाई करने का भी Task मिला हुआ हो।
बीजेपी ने अपनी कार्यशैली से यह प्रमाणित कर दिया है कि सबसे बढ़िया जगह विपक्ष है और जंतर मंतर है, वह वहां पर सबसे बढ़िया काम करती है, जिसका भय दिखाकर कांग्रेस विदेशी आकाओं को चकमा देने में सफल रहती है।
परमाणु डील जिस प्रकार मनमोहन ने अटकाई और मोदी ने शर्तें हटाकर आगे बढ़ाई वह अपमानजनक था।
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बंगलादेशी भूमि अधिग्रहण और नागरिकता
पाकिस्तानी हिन्दू और बंगलादेशी हिन्दू की सुरक्षा को लेकर कांग्रेस गंभीरता दिखाएगी लेकिन बीजेपी दुत्कार कर भगा देती है।
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पाकिस्तान के हिन्दुओ की नागरिकता के संबन्ध में जब हमने याचिका दायर की तब राष्ट्रपति प्रतिभा सिंह को भी पार्टी बनाया गया था तो दिल्ली उच्च न्यायालय में राष्ट्रपति की और से उस समय अटार्नी जनरल ने आकर आश्वासन दिया कि हम पाकिस्तान से आये हिन्दुओ को वापिस जाने को नही कहेंगे, वे जब तक यहां रहना चाहें रह सकते हैं और यदि यह नागरिकता के लिए आवेदन करेंगे तो उस पर विचार किया जाएगा।
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मनरेगा का विरोध यह करते थे।
2014 के बाद मनरेगा से प्रेम हो गया।
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जीएमओ ...
कहाँ एक बीटी बैंगन के लिए भाजपा ने विरोध किया, जंतर मंतर पर भी प्रदर्शन हुए, संसद के दोनों सदनों में भी जबरदस्त विरोध भाजपा द्वारा किया गया।
भाजपा जब आई तो बीजेपी ने एक के बाद एक लगातार कई जीएमओ पास किये, बीजेपी ने स्वदेशी मंच की भी सभी सिफारिशों को ignore किया, स्वयं पीएम मोदी और प्रकाश जावडेकर ने जीएम बीजों से कृषि को बहुत उपयोगी बताया।
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नोटबन्दी कांग्रेस द्वारा भी लागू की जा रही थी 1 मार्च 2014 से प्रस्तावित थी जिसे कांग्रेस ने बाद में रोक लिया गया।
8 नबम्बर 2016 के काले दिन को जो आर्थिक आपातकाल जारी किया गया उससे पूरे देश मे लोग खून के आंसू रोने को मजबूर हुए, कटु सत्य यह रहा कि बड़े मगरमच्छ और धनवान हो गए तथा छोटी मछकियाँ तड़पती ही रह गईं।
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आज के फेसबुकियों में से बहुत कम को याद होगा कि 2009 के चुनाव जे समय भी काला धन को मुख्य विषय बनाया गया था, 2014 में भी वही हुआ... काला धन मुख्य विषय बनाया गया।
2014 में पीएम मोदी के नेतृत्व में जब बीजेपी सत्ता में आती है तो काला धन का नाम लेने वालों को नोटबन्दी की आड़ में दुर्दांत यातनाए दी जाती हैं।
काले धन और नोटबन्दी का सबसे भयावह सत्य यह है कि काला धन जो स्विट्ज़रलैंड, जर्मनी, पोलैंड, हांगकांग, मॉरीशस, गुयाना, एंटीगुआ आदि के देशों के विदेशी बैंकों में पड़े धन से ध्यान भटकाने हेतु नोटबन्दी का भय व्याप्त कर दिया गया लेकिन विदेशी बैको में पड़े काले धन में से एक पाई नही लाई गई।
उल्टा देश के नागरिकों पर ही काला धन होने के आरोप लगा कर सबको अपमानित किया गया।
2018 के जुलाई महीने में ही रिपोर्ट आती है कि जितना काला धन 2014 तक स्विस बैंकों में जमा हुआ था 4 वर्ष में ही उसका 50% और बढ़ गया।
3 सप्ताह के अंदर ही एक और रिपोर्ट आती है जिसमें बताया गया कि जो काला धन जमा हुआ था उसमे से इन्ही 3 सप्ताहों में 80% कम हो गया, जो कि स्वाभाविक है कि दूसरे देशो के बैंकों में जमा किये गए।
सवाल आज भी खड़ा है... कि विदेशी बैंकों से काला धन कितना वापिस आया?
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पीएम मोदी ने एक लाल किले जैसा पंडाल बनवाया सितम्बर 2013 में और मनमोहन सिंह द्वारा आधार कार्ड को लागू करने को खूब गरियाया...
भाजपा सत्ता में आकर उसी आधार कार्ड को लागू करवाने में अपने सभी छिद्रों का जोर लगाने में ही 4 साल लगा दिये।
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कांग्रेस द्वारा जीएसटी लागू करने का विरोध बीजेपी द्वारा बड़े स्तर पर किया गया। सबसे मजबूत तर्क यह दिया गया कि छोटे उद्योग बर्बाद हो जाएंगे।
बीजेपी सत्ता में आकर 28% जीएसटी लागू करती है जिससे उद्योग धंधे चहुं और विकास के नए उदाहरण पेश करते हैं और जीडीपी बढ़कर सबसे उच्च स्तर पर पहुंच जाती है। अर्थव्यवस्था को बदहाल कैसे किया जाता है यह झोला छाप अर्थशास्त्रियों से सीखा जाए जिसकी नीतियों का विरोध स्वयं सुब्रहमणियम स्वामी भी करते रहे समय समय पर।
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पेट्रोल डीजल के विषय पर यह सरकार अपने ही नागरिकों के साथ सदैव विश्वासघात करती रही।
सबसे पहले तो इमोशनल ब्लैकमेल करके सब्सिडी छुड़वा दी गई।
2014 के चुनावों के समय बड़े बड़े होर्डिंग्स लगाये गये, वीडियो बनाये गए, फोटो वायरल किये गए, पेट्रोल डीजल की महंगाई को लेकर ।
2014 के बाद की मोदी सरकार ने, उसके मंत्रियों ने, आईटी सेल ने और गन्धभक्तों ने मिलकर देश की जनता को कुतर्क, उलाहना स्वरूप अपमानित करने का एक कार्यक्रम ही आरम्भ कर दिया।
इंटरनेशनल मार्किट मे लगातार कीमते गिरते रहने के बावजूद मोदी सरकार ने पेट्रोल कीमतों में कोई कमी नही की और देश की जनता को मूर्ख पर मूर्ख बनाते रहे।
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मुसलमानो का विरोध मुख्य हथियार बना मोदी सरकार की स्थापना में।
2009 से 2014 के मध्य कितने आंदोलन हुए दिल्ली समेत अन्यान्य राज्यों में कांग्रेस द्वारा मुस्लिम तुष्टिकरण की नीति को लेकर
सच्चर कमेटी को लागू करने लगी कांग्रेस तो पैट्रियट फोरम के रिटायर्ड आईएस और आईपीएस के समूह ने मिलकर सच्चर कमेटी की सिफारिशों पर रोक लगवाई।
2014 में बीजेपी सरकार आने के उपरांत बीजेपी ने "नई मुस्कान, नई रोशनी, नया सवेरा, नया आगाज़, उस्ताद, शागिर्द" आदि 85 से अधिक योजनाओं को लागू किया मुसलमानो के आर्थिक स्तर को उठाने हेतु।
प्रत्येक वर्ष 65 मुस्लिम आईपीएस बनाने की देशविरोधी अनीति मोदी सरकार द्वारा निर्धारित की गई।
योगी सरकार द्वारा मोदी के खास Testicle जफर सरेशवाला को 700 एकड़ जमीन का आवंटन जारी किया गया उत्तर प्रदेश में उर्दू यूनिवर्सिटी खोलने हेतू।
अल्पसंख्यक आयोग की और से पूरे देश मे 5 मुस्लिम युनुवर्सिटी शुरु करने का एलान किया गया जिसमें मुस्लिम लड़कों को 100%, आरक्षण का प्रावधान किया गया (अर्थात गैर मुस्लिम लड़को हेतु शून्य प्रतिशत आरक्षण, कोई प्रवेश नही) और गैर मुस्लिम लड़कियों हेतु 50% आरक्षण का प्रावधान ... साफ शब्दों में एलान किया गया है कि लव जिहाद करो फुल स्पीड पर।
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एफडीआई - विदेशी निवेश
2014 से पहले बीजेपी और संघ विदेशी निवेश का जमकर विरोध करते थे।
लेकिन 2014 के बाद सत्ता प्रप्ति के बाद हर देश मे जा जाकर विदेशी निवेश हेतु हाथ फैलाये गए।
वालमार्ट, अमेज़न, पेटीएम जैसी कम्पनिया भारतीय छोटे दुकानदारों को निगलने हेतु पूरी तरह तैयार बैठी हैं।
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गौ रक्षा और बीफ निर्यात
2014 आए पूर्व गौरक्षा और बीफ निर्यात पर रैलियों में गला फाड़ फाड़ कर चिल्लाने वाले मोदी जी ने 2014 में सत्ता प्राप्ति के उपरांत ही बड़ा यू-turn लेते हुए बीफ निर्यातकों से चंदा लेकर उनके यांत्रिक कत्लखानों के लिए विदेश से मशीने मंगवाने पर इम्पोर्ट ड्यूटी 40-50%, कम की गई ।
गौरक्षकों को गुंडा कहा गया।
गौसंवर्द्धन के नाम पर देसी गौवों की संकरता बढाने हेतु इजरायल से साण्ड आयात करवाये गए।
बीजेपी ने अपने सभी गौरक्षा विभाग और प्रकोष्ठ बन्द कर दिये।
सेना की 39 गौशालाओं को बंद करवा दिया गया।
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समलेंगिक कानूनों का विरोध 2013, 2014 में जमकर किया गया और आज यही सरकार 2018 में समलैंगिक कानूनों को लागू करवाती है।
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2014 के चुनावों से पूर्व जोर शोर से बंग्लादेशी मुसलमान भगाने की बात की गई।
2014 के बाद ये बंगलादेशी भगाने की बात करते करते रोहिंग्या मुसलमान बसा गए।
उनके आधार कार्ड जारी किए गए।
हिमाचल प्रदेश बीजेपी सरकार एक टेंडर जारी करके निजी कम्पनी द्वारा उनको बड़े स्तर पर रोजगार उपलब्ध करवाती है।
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स्वदेशी राष्ट्रवाद की मुहिम में लगे सभी राष्ट्रवादियों को यह जानकर निराशा हाथ लगी कि मेक इन इंडिया के नाम और भी देश को मूर्ख बनाया गया ।
2014 से लेकर 2018 तक देश का चीनी आयात 30% से अधिक बढ़ चुका है।
चीनी बैंक खुल रहे हैं।
चीज से हथियार ख़रीदके जा रहे हैं।
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1990 में वीपी सिंह की सरकार के वाजपेयी और आडवाणी मिलकर मण्डल कमीशन को लागू करवाते हैं।
1999 से 2004 के मध्य जब वाजपेयी भी रामसेतु तोड़ने वाले हिन्दू विरोधी कानून पारित करने के बाद हिन्दुत्व के विषयों पर कुछ न कर सके तो जाते जाते अल्पसंख्यक आयोग, मुसलमानो को आरक्षण और प्रमोशन में आरक्षण लागू करने के नए झुनझुने बजा गए ।
2018 में बीजेपी एससी/एसटी एक्ट जैसा अमानवीय असंवैधानिक अध्यादेश सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को पलटने हेतु लागू करती है।
हिंदुत्व की रही सही एकता को तोड़ने में भी यह सरकार सफल रही।
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कुल मिलाकर...
हिन्दुत्व के प्रत्येक विषय को नजरअंदाज किया गया ।
कोई 5 कार्य ऐसे नही बता सकता जो भारतीय धर्म, संस्कृति, दर्शन, गुरुकुल, गौशालाओं, गङ्गा और गीता आदि की नीति को लेकर गौरवान्वित करता हो।
बीजेपी ने अपनी कार्यशैली से यह प्रमाणित कर दिया है कि सबसे बढ़िया जगह विपक्ष है और जंतर मंतर है, वह वहां पर सबसे बढ़िया काम करती है, जिसका भय दिखाकर कांग्रेस विदेशी आकाओं को चकमा देने में सफल रहती है।
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