Saturday, April 12, 2014

ब्रिटिश सैनिकों को गीता का उद्बोधन

पिछले 15 मार्च 2014 को हिन्दू समाज के लिए गौरव करने का दिन था

15 मार्च 2014 को ब्रिटिश सेना के सैनिकों को हिन्दू संत और आचार्य ध्रुव छत्रालिया जी ने गीता का उद्बोधन दिया

ये पूरा व्याख्यान साढ़े तीन घंटों तक चला ... संत ध्रुव जी ने इस पूरे व्याख्यान के बीच कहीं भी रुके नहीं । इस सत्संग के बीच ब्रिटिश आर्मी के 7 रेजीमेंट के जवान शामिल हुए

इस सत्संग मे उन्होने ब्रिटिश सेना को स्वधर्म और दायित्वों को बताया साथ ही साथ इस सत्संग के बीच श्री कृष्ण के अलावा आचार्य ध्रुव जी ने गणपती के बारे मे भी सैनिकों को बताया । आचार्य जी ने हिन्दू होने के कई लक्षण भी सैनिकों को बताए , इसके साथ ही साथ ध्यान , प्राणायाम की कई मुद्राएँ भी सैनिकों को सिखाई गईं जिससे वो अपने मानसिक तनाव को कम कर सकें

आचार्य ध्रुव जी ने बताया की गीता सिर्फ एक धार्मिक ग्रंथ ही नहीं है बल्कि ये पूरे विश्व के लिए श्री कृष्ण द्वारा दिया गया मैनेजमेंट का सबसे बड़ा उपहार है

इस सत्संग के बाद उनसे ब्रिटिश सेना के जवानों ने कुछ सवाल भी पूछे जिनका उन्होने पूरे तथ्यों के साथ उत्तर दिया ।

जहां एक ओर भारतीय सैनिक मानसिक तनाव मे आकर आत्महत्या और अपने दूसरे साथियों की हत्या कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर ब्रिटिश आर्मी हिन्दू ग्रन्थों से मानसिक तनाव दूर करने के तरीके सीख रही है !
अब ये मत कह देना की भारतीय सैनिकों को भी गीता के पाठ सिखाए जाने चाहिए ... अगर आपने ने ऐसी मांग कर दी तो इस सेकुलर देश मे आप सांप्रदायिक घोषित कर दिये जाएंगे .............

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