इंटरनेट पर अतिवादी हिंदुओं के वर्चस्व की कितनी अहमियत है? इसे तय करने का एक पैरामीटर यह हो सकता है कि ये लोग किसी छवि या ख्याल को कितना पुष्ट कर सकते हैं. पिछले 40 दिनों से इंडिया टुडे ग्रुप के तमाम चैनलों और वेबसाइट पर चल रहे ई-चुनाव में इनका वर्चस्व साफ नजर आता है.
हमने देश में पहली बार एक ई-चुनाव करवाया. इसमें 5.5 लाख से ज्यादा लोगों ने वोट दिया. यानी देश का सबसे बड़ा सैंपल साइज. फर्जी वोटिंग न हो, इसके लिए एक खास तरीका अपनाया गया.

वोटिंग के इच्छुक लोगों को उनके फोन नंबर पर एक कोड भेजा गया. इससे यह तय हो गया कि एक फोन नंबर से एक ही वोट दिया जा सके. इन वोटरों में से तीन लाख से भी ज्यादा ने बीजेपी को अपनी पसंदीदा पार्टी के तौर पर अलग अलग राज्यों में चुना.
देश के सबसे बड़े और दिल्ली फतह के लिए सबसे अहम उत्तर प्रदेश की बात करें, तो जमीनी हकीकत ये है कि यहां सपा-बीएसपी-बीजेपी और कांग्रेस के बीच चतुष्कोणीय मुकाबला है. मगर ई-चुनाव के नतीजे देखें, तो 87.1 फीसदी लोग यहां कमल के फूल वाला बटन दबाने को तैयार हैं.
यहां तक दक्षिण के कई राज्यों जहां बीजेपी को वोट करने का विकल्प ही नहीं था, वहां लोगों ने बड़ी संख्या में 'नेगेटिव वोटिंग' की.
आप कह सकते हैं कि वोटर क्या करेगा, ये वर्चुअल दुनिया के ऐसे पोल सर्वे नहीं बता सकते. काफी हद तक सच है. लेकिन इतना तो तय है कि इंटरनेट पर मौजूद भारतीय वोटर भगवा रंग में रंगा हुआ है.
और भी... http://aajtak.intoday.in/story/bjp-sweeps-cyber-vote-1-746299.html
हमने देश में पहली बार एक ई-चुनाव करवाया. इसमें 5.5 लाख से ज्यादा लोगों ने वोट दिया. यानी देश का सबसे बड़ा सैंपल साइज. फर्जी वोटिंग न हो, इसके लिए एक खास तरीका अपनाया गया.

वोटिंग के इच्छुक लोगों को उनके फोन नंबर पर एक कोड भेजा गया. इससे यह तय हो गया कि एक फोन नंबर से एक ही वोट दिया जा सके. इन वोटरों में से तीन लाख से भी ज्यादा ने बीजेपी को अपनी पसंदीदा पार्टी के तौर पर अलग अलग राज्यों में चुना.
देश के सबसे बड़े और दिल्ली फतह के लिए सबसे अहम उत्तर प्रदेश की बात करें, तो जमीनी हकीकत ये है कि यहां सपा-बीएसपी-बीजेपी और कांग्रेस के बीच चतुष्कोणीय मुकाबला है. मगर ई-चुनाव के नतीजे देखें, तो 87.1 फीसदी लोग यहां कमल के फूल वाला बटन दबाने को तैयार हैं.
यहां तक दक्षिण के कई राज्यों जहां बीजेपी को वोट करने का विकल्प ही नहीं था, वहां लोगों ने बड़ी संख्या में 'नेगेटिव वोटिंग' की.
आप कह सकते हैं कि वोटर क्या करेगा, ये वर्चुअल दुनिया के ऐसे पोल सर्वे नहीं बता सकते. काफी हद तक सच है. लेकिन इतना तो तय है कि इंटरनेट पर मौजूद भारतीय वोटर भगवा रंग में रंगा हुआ है.
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