Monday, November 11, 2013

भारत बहुत ही गरीब देश है

1. हमारे देश के बारे में यह प्रचारित किया गया है कि भारत बहुत ही गरीब देश है।
2. दुनियां भर के विदेशी आक्रमण क्या हमारी गुदडी चुराने के लिए हुए थे।
3. चंगेज खान ४ करोड लोगों की हत्या करके क्या अपने घोडों पर ईंट और पत्थर लाद कर ले गया था?
4. सोमनाथ मंदिर को बार बार सोने से कौन भर देता था यदि हमारे पुरखे गरीब थे?
5. श्रम करने वाला कभी गरीब हो ही नहीं सकता है। हमारे किसान औसत १४ घंटे काम करते हैं। वे गरीब क्यों हैं?
6. आज हमारे देश से विदेशी कंपनियां आधिकारिक रूप से २,३२,००० करोड का शुद्घ मुनाफा अपने देश लेकर जा रही हैं।
7. बाकी सभी तरह का फर्जी हिसाब, उनका आयातित कच्चे माल का भुगतान, चोरी आदि जोडा जाय तो यह रकम २५,००,००० करोड सलाना बैठती है।
8. क्या कोई गरीब देश इतना टर्न ओवर पैदा करवा सकता है?
9. हमारे देश में दवाओं का सालाना कारोबार १०,००,००० करोड का है, क्या यह गरीब देश की निशानी है?
10. हमारे देश में सालाना ६,००,००० करोड का जहर का व्यापार विदेशी कंपनियां कर रही है। क्या यह गरीबी की निशानी है?
11. हमारे देश में १०,००० लाख करोड का खनिज पाया जाता है और इसका दोहन भी विदेशी कंपनियां बहुत ही सस्ते भाव पर कर रही हैं।
12. तो क्या हम गरीब हैं?
13. जब हम रॉकेट और सैटेलाइट बना कर चांद पर पहुंच सकते हैं तो नोट छापने का कागज़ और स्याही विदेशी कंपनियों से क्यों लिया जाता है जो हमारी पीठ में छुरा घोंपकर उसी डिजाइन में थोडा सा न दिखने वाला परिवर्तन करके खरबों रुपये का नकली नोट छापकर विदेशी खुफिया तंत्रों को बेचकर हमें कंगाल बना रही हैं?
14. यदि हम गरीब होते तो क्या अंग्रेज यहां खाक छानने आये थे।
15. राबर्ट क्लाइव ९०० पानी के जहाज भरकर सोना चांदी हीरे सिर्फ कोलकाता से कैसे ले गया था?

मुगलों से लेकर अंग्रेजों तक सबने हमें लूटा और हमें समाप्त करने की कोशिश भी करी गयी, हमारे स्वाभिमान और आत्मविश्वास पर कुठाराघात भी किया गया, हमें यह सिखाया एवं विश्वास दिलाया गया कि हम कुछ नहीं कर सकते, परन्तु इस देश के लोगों का पुरुषार्थ ऐसा कि इतना लुटने के बाद,इतने षड्यंत्रों के बाद भी हम जिन्दा हैं, हाँ यह अवश्य है कि आज हम संपन्न राष्ट्र नहीं हैं, परन्तु याद रखिये जितना शोषण इस राष्ट्र का हुआ है अगर उसका 10% भी किसी और देश का हुआ होता तो वह देश शताब्दियों पहले विश्व के मानचित्र से गायब हो जाता, हम आज भी अस्तित्व में हैं यह अपने आप में गर्व का विषय है।
जिस दिन इस राष्ट्र के लोगों का स्वाभिमान पुनः जागृत हो गया विश्वास मानिये उस दिन इस राष्ट्र को अपना पुराना गौरव प्राप्त करने में तनिक भी विलम्ब न होगा, अतः गुलामी की मानसिकता से बाहर आयें, अपने राष्ट्र पर, अपने पूर्वजों पर गर्व करें, अपने पुरुषार्थ पर विश्वास करें और अपना और अपने राष्ट्र का पुनर्निर्माण करें।

No comments:

Post a Comment

Paid मीडिया का रोल

क्या मोदी सरकार पिछली यूपीए सरकार की तुलना में मीडिया को अपने वश में ज्यादा कर रही हैं? . यह गलत धारणा पेड मीडिया द्वारा ही फैलाई गयी है ...