'देहाती औरत कह कर नवाज ने पीएम का अपमान किया'
नई दिल्ली।। बीजेपी के पीएम कैंडिडेट और गुजरात के सीएम नरेंद्र मोदी ने रविवार को दिल्ली की रैली में पाकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ पर जमकर निशाना साधा।
मोदी ने कहा कि मुझे एक बात का बड़ा दुख है। मेरे दिल पर चोट लगी है। शनिवार को नवाज शरीफ ने पत्रकारों को बुलाया और कहा कि भारत के पीएम 'देहाती औरत' जैसे हैं। भारत में हम लड़ेंगे। नवाज शरीफ यह आपकी कौन सी औकत है। आप मेरे देश के पीएम को देहाती औरत कहकर संबोधित करते हैं। शरीफ कहते हैं ओबामा के पास मनमोहन सिंह मेरी शिकायत करते हैं। हिंदुस्तान का इससे बड़ा अपमान नहीं हो सकता। मैं उन भारतीय पत्रकारों से पूछना चाहता हूं जो नवाज शरीफ की मिठाई खा रहे थे और वहीं पर वह हमारे पीएम को गालियां दे रहे थे। पत्रकारों को नवाज की मिठाई को ठोकर को मार देनी चाहिए थी। जो भी पत्रकार वहां थे उन्हें जवाब देना चाहिए।
परिवारशाही और लोकशाही के बीच युद्ध
मोदी ने कहा, 'दरअसल नवाज शरीफ को यह हिम्मत इसलिए आई क्योंकि घर पर ही भारतीय पीएम के अध्यादेश को बकवास कह डाला गया। राहुल ने उनकी पगड़ी उछाली है। देश में पीएम का अपमान होगा तो बाहरवाले इज्जत क्यों करेंगे। आज परिवारशाही और लोकशाही के बीच युद्ध छिड़ गया है।
परिवारशाही लोकशाही का गला घोंटने पर उतारू है। लोकशाही को दबोचने के लिए उतारू है। आज देश इस मोड़ पर खड़ा है कि देश संविधान से चलेगा या फिर शहजादे की इच्छा से। शहजादा पीएम की पगड़ी उछाल रहा है। आज पीएम मनमोहन सिंह नवाज से मिलने जा रहे हैं। उनसे भारतीय माओं उम्मीद है कि वह भारत के जवानों के कटे सिर वापस लेकर आएं।'
शासक बनने के सपने नहीं देखता
मोदी ने कहा, 'मैं मन से न कभी शासक था , न शासक हूं और न शासक बनने के सपने देखता हूं। मैं बस सेवक हूं। मैं पहले भी सेवक था, कल भी सेवक रहूंगा।' इस दौरान उन्होंने अपनी कहानी भी सुनाई। उन्होंने कहा, 'अब मैं अपनी बात करना चाहता हूं। भारत के लोकतंत्र की ताकत देखिए, उदारता देखिए कि जो इंसान रेलवे के डिब्बे में चाय बेचकर अपना गुजारा करता था, ऐसे गरीब परिवार के बच्चे को आज आपने यहां बिठा दिया। 2014 में देश को ड्रीम टीम की जरूरत है। यूपीए सरकार के पास कोई विजन नहीं है। इसके कार्यकाल के सारे बजट देख लीजिए, तारीख बदलते हैं, नारे बदलते हैं, लेकिन अंदर का सारा माल वही है।
सरकारों के बोझ से दबी दिल्ली
नरेंद्र मोदी ने केंद्र और शीला सरकार पर जमकर निशाना साधा। मोदी ने कहा कि दिल्ली सरकारों के बोझ के तले दबी हुई है। दिल्ली में कई सरकारें हैं। दिल्ली में मां की सरकार, बेटे की सरकार है, तो नई दिल्ली में भी कई सरकारें हैं। मां की भी सरकार है, बेटे की भी एक सरकार है, गठबंधन की भी सरकार है। दिल्ली की सरकार के पीएम सरदार हैं, लेकिन असरदार नहीं हैं। वाजपेयी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार में सभी दल साथ-साथ थे, लेकिन यूपीए में सभी अपनी-अपनी दिशा में चल रहे हैं। जिससे देश पिछड़ रहा है।
बीजेपी के पास विजय ही विजय
मोदी ने कहा कि दिल्ली एक ऐसा प्रदेश है जहां भारतीय जनता पार्टी के पास विजय ही विजय है। विजय गोयल, विजय मल्होत्रा, विजेंद्र गुप्ता। दिल्ली के इतिहास में इतना बड़ा कार्यक्रम नहीं देखा गया होगा।
वरुण देवता का नमन
मोदी ने दिल्ली में गरजते बादल और बारिश का आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि मैं वरुण देवता का आभार प्रकट करता हूं कि उनकी कृपा से ही चमचमाती धूप से राहत मिली है और मौसम ने ऐसा सुंदर रूप लिया है।
शीला पर निशाना
मोदी ने अपने भाषण में शीला सरकार पर भी जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भारत में कोई सबसे सुखी सीएम हैं तो दिल्ली की सीएम हैं। रिबन काटने के सिवा उनके पास कोई काम नहीं है। न सिंचाई, न मछुआरों कि चिंता है। सड़क पर गड्ढे हैं तो नगर निगम को दोष दे दिया और बाकी के लिए केंद्र को दोषी ठहराया दिया। दिल्ली की सीएम दिल्ली में बच्ची से रेप के बाद दुख जताती हैं। शीला कहती हैं कि वह भी मां हैं, लेकिन मां के नाते सलाह देती हैं कि लड़कियों को जल्दी घर लौट आना चाहिए। उनके पास कोई काम नहीं है। दोष ऊपर दे दो या नीचे दे दो, यही उनका कारोबार है।
कॉमनवेल्थ गेम्स से इज्जत लुटी
मोदी ने कॉमनवेल्थ गेम्स घोटाले के लिए दिल्ली और केंद्र सरकार को जमकर कोसा। उन्होंने कहा कि कॉमनवेल्थ गेम्स की वजह से देश की इज्जत लुटी। चीन ने ओलिंपिक खेलों से अपनी ताकत दिखाई, लेकिन हमने मौका गंवा दिया।
सरकार की 'शराबी' जैसी लत
मोदी ने कहा, 'आए दिन सुप्रीम कोर्ट भारत सरकार को करप्शन के मुद्दों पर कठोर से कठोर शब्दों का इस्तेमाल करता है, लेकिन केंद्र को वैसी ही आदत हो गई है कि जैसे किसी शराबी को शराब पीने की लत लग जाती है। वह बंद नहीं होता।' मोदी ने एक उदाहरण देते हुए कहा कि एक बार एक शराबी सुबह से ही बोतल खोलकर बैठक गया। इत्तेफाक से उस दिन के अखबार में शराब के नुकसान बताए गए थे। बीवी ने जब देखा तो कहा कि इसे पढ़िए। अब बंद कीजिए तो शराबी ने दूसरे दिन क्या किया अखबार ही बंद कर दिया। बीवी ने तो कहा था कि बंद कर दो।
गांधी भक्ति में डूबी सरकार
मोदी ने कहा कि इस सरकार का एक ही मकसद है, गांधी भक्ति करना। गांधी छाप नोटों की भक्ति। इस नई गांधी भक्ति में यूपीए डूबा हुआ है। टनों में नोटों का गोलमाल हो रहा है।
नई दिल्ली।। बीजेपी के पीएम कैंडिडेट और गुजरात के सीएम नरेंद्र मोदी ने रविवार को दिल्ली की रैली में पाकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ पर जमकर निशाना साधा।
मोदी ने कहा कि मुझे एक बात का बड़ा दुख है। मेरे दिल पर चोट लगी है। शनिवार को नवाज शरीफ ने पत्रकारों को बुलाया और कहा कि भारत के पीएम 'देहाती औरत' जैसे हैं। भारत में हम लड़ेंगे। नवाज शरीफ यह आपकी कौन सी औकत है। आप मेरे देश के पीएम को देहाती औरत कहकर संबोधित करते हैं। शरीफ कहते हैं ओबामा के पास मनमोहन सिंह मेरी शिकायत करते हैं। हिंदुस्तान का इससे बड़ा अपमान नहीं हो सकता। मैं उन भारतीय पत्रकारों से पूछना चाहता हूं जो नवाज शरीफ की मिठाई खा रहे थे और वहीं पर वह हमारे पीएम को गालियां दे रहे थे। पत्रकारों को नवाज की मिठाई को ठोकर को मार देनी चाहिए थी। जो भी पत्रकार वहां थे उन्हें जवाब देना चाहिए।
परिवारशाही और लोकशाही के बीच युद्ध
मोदी ने कहा, 'दरअसल नवाज शरीफ को यह हिम्मत इसलिए आई क्योंकि घर पर ही भारतीय पीएम के अध्यादेश को बकवास कह डाला गया। राहुल ने उनकी पगड़ी उछाली है। देश में पीएम का अपमान होगा तो बाहरवाले इज्जत क्यों करेंगे। आज परिवारशाही और लोकशाही के बीच युद्ध छिड़ गया है।
परिवारशाही लोकशाही का गला घोंटने पर उतारू है। लोकशाही को दबोचने के लिए उतारू है। आज देश इस मोड़ पर खड़ा है कि देश संविधान से चलेगा या फिर शहजादे की इच्छा से। शहजादा पीएम की पगड़ी उछाल रहा है। आज पीएम मनमोहन सिंह नवाज से मिलने जा रहे हैं। उनसे भारतीय माओं उम्मीद है कि वह भारत के जवानों के कटे सिर वापस लेकर आएं।'
शासक बनने के सपने नहीं देखता
मोदी ने कहा, 'मैं मन से न कभी शासक था , न शासक हूं और न शासक बनने के सपने देखता हूं। मैं बस सेवक हूं। मैं पहले भी सेवक था, कल भी सेवक रहूंगा।' इस दौरान उन्होंने अपनी कहानी भी सुनाई। उन्होंने कहा, 'अब मैं अपनी बात करना चाहता हूं। भारत के लोकतंत्र की ताकत देखिए, उदारता देखिए कि जो इंसान रेलवे के डिब्बे में चाय बेचकर अपना गुजारा करता था, ऐसे गरीब परिवार के बच्चे को आज आपने यहां बिठा दिया। 2014 में देश को ड्रीम टीम की जरूरत है। यूपीए सरकार के पास कोई विजन नहीं है। इसके कार्यकाल के सारे बजट देख लीजिए, तारीख बदलते हैं, नारे बदलते हैं, लेकिन अंदर का सारा माल वही है।
सरकारों के बोझ से दबी दिल्ली
नरेंद्र मोदी ने केंद्र और शीला सरकार पर जमकर निशाना साधा। मोदी ने कहा कि दिल्ली सरकारों के बोझ के तले दबी हुई है। दिल्ली में कई सरकारें हैं। दिल्ली में मां की सरकार, बेटे की सरकार है, तो नई दिल्ली में भी कई सरकारें हैं। मां की भी सरकार है, बेटे की भी एक सरकार है, गठबंधन की भी सरकार है। दिल्ली की सरकार के पीएम सरदार हैं, लेकिन असरदार नहीं हैं। वाजपेयी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार में सभी दल साथ-साथ थे, लेकिन यूपीए में सभी अपनी-अपनी दिशा में चल रहे हैं। जिससे देश पिछड़ रहा है।
बीजेपी के पास विजय ही विजय
मोदी ने कहा कि दिल्ली एक ऐसा प्रदेश है जहां भारतीय जनता पार्टी के पास विजय ही विजय है। विजय गोयल, विजय मल्होत्रा, विजेंद्र गुप्ता। दिल्ली के इतिहास में इतना बड़ा कार्यक्रम नहीं देखा गया होगा।
वरुण देवता का नमन
मोदी ने दिल्ली में गरजते बादल और बारिश का आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि मैं वरुण देवता का आभार प्रकट करता हूं कि उनकी कृपा से ही चमचमाती धूप से राहत मिली है और मौसम ने ऐसा सुंदर रूप लिया है।
शीला पर निशाना
मोदी ने अपने भाषण में शीला सरकार पर भी जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भारत में कोई सबसे सुखी सीएम हैं तो दिल्ली की सीएम हैं। रिबन काटने के सिवा उनके पास कोई काम नहीं है। न सिंचाई, न मछुआरों कि चिंता है। सड़क पर गड्ढे हैं तो नगर निगम को दोष दे दिया और बाकी के लिए केंद्र को दोषी ठहराया दिया। दिल्ली की सीएम दिल्ली में बच्ची से रेप के बाद दुख जताती हैं। शीला कहती हैं कि वह भी मां हैं, लेकिन मां के नाते सलाह देती हैं कि लड़कियों को जल्दी घर लौट आना चाहिए। उनके पास कोई काम नहीं है। दोष ऊपर दे दो या नीचे दे दो, यही उनका कारोबार है।
कॉमनवेल्थ गेम्स से इज्जत लुटी
मोदी ने कॉमनवेल्थ गेम्स घोटाले के लिए दिल्ली और केंद्र सरकार को जमकर कोसा। उन्होंने कहा कि कॉमनवेल्थ गेम्स की वजह से देश की इज्जत लुटी। चीन ने ओलिंपिक खेलों से अपनी ताकत दिखाई, लेकिन हमने मौका गंवा दिया।
सरकार की 'शराबी' जैसी लत
मोदी ने कहा, 'आए दिन सुप्रीम कोर्ट भारत सरकार को करप्शन के मुद्दों पर कठोर से कठोर शब्दों का इस्तेमाल करता है, लेकिन केंद्र को वैसी ही आदत हो गई है कि जैसे किसी शराबी को शराब पीने की लत लग जाती है। वह बंद नहीं होता।' मोदी ने एक उदाहरण देते हुए कहा कि एक बार एक शराबी सुबह से ही बोतल खोलकर बैठक गया। इत्तेफाक से उस दिन के अखबार में शराब के नुकसान बताए गए थे। बीवी ने जब देखा तो कहा कि इसे पढ़िए। अब बंद कीजिए तो शराबी ने दूसरे दिन क्या किया अखबार ही बंद कर दिया। बीवी ने तो कहा था कि बंद कर दो।
गांधी भक्ति में डूबी सरकार
मोदी ने कहा कि इस सरकार का एक ही मकसद है, गांधी भक्ति करना। गांधी छाप नोटों की भक्ति। इस नई गांधी भक्ति में यूपीए डूबा हुआ है। टनों में नोटों का गोलमाल हो रहा है।
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