Thursday, May 9, 2013

वाकई "सेकुलरिज्म" बड़ी खतरनाक बीमारी है

संसद से वन्देमातरम का विरोध करके वाक्-आऊट करने वाले दोनों मुल्ले सांसदों के खिलाफ मीडिया तो कुछ कहेगा नहीं (क्योंकि ऐसे विषयों पर बात करने में उसे घबराहट भी होती है, और "मम्मी" का आदेश भी नहीं है)... 

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लेकिन सवाल यह है कि दिल्ली में बैठे "पंजा छाप भाजपाई नेता" इस मुद्दे पर अभी तक क्या बोले हैं??? क्या उन दोनों सांसदों के खिलाफ को प्रस्ताव लाए हैं? या संसद में लाने का कोई विचार है? क्या दोनों सांसदों के निवास पर कोई तगड़ा प्रदर्शन किया है? आखिर क्या किए हैं??

अभी तो ये लोग पार्टी को गिराते-गिराते 115 पर लाए हैं... सिर्फ गुजरात-मप्र-छग ही हाथ में बचा है.... और कितना नीचे ले जाएंगे पता नहीं...

वाकई "सेकुलरिज्म" बड़ी खतरनाक बीमारी है, सीधे ले डूबती है...
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