Wednesday, May 15, 2013

FDI को सुप्रीमकोर्ट ने मंजूरी दे दी है


मित्रो FDI को सुप्रीमकोर्ट ने मंजूरी दे दी है लेकिन इस हार को भी हम जीत में तब्दील कर सकते है आप सुप्रीमकोर्ट की टिप्पणी पर ध्यान दीजिये सुप्रीमकोर्ट ने कहा है की उपभोक्ता राजा है तो आप विचार कीजिये उपभोक्ता को अपनी पसंद के अनुसार वस्तु को चयन करने का अधिकार मिला हुवा है (उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 ) जिसका वर्तमान वैवस्था में हनन हो रहा है अब आप पूछेंगे कैसे? आप स्वदेशी को मानने वाले है आप बाजार में जाते है तो क्या आप को भारत सरकार ने ये वैवस्था दी है की क्या वस्तु स्वदेशी है और क्या विदेशी है आप का जवाब आएगा नहीं ! तो ये संविधान द्वारा प्रदान नागरिक को मौलिक अधिकार अर्थार्त सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणीके अनुशार उपभोक्ता राजा है के मौलिक अधिकारों का वर्तमान वैवस्था में हनन हो रहा है !उपभोक्ता को ये पता होना ही चाहिए की क्या स्वदेशी है !
मेड इन इंडिया तो अमेरिका यूरोप इत्यादि बाहर LUX,LIFEBOY,COLGATE ,जैसी विदेशी कंपनी और पूर्णतया स्वदेशी कंपनियो पर भी लिखा होता है !
प विचार कीजिये उपभोक्ता जब स्वदेशी उत्पाद लेना चाहता है तो क्या भारत सरकार ने स्वदेशी वस्तु को चयन करने की कोइ वैवस्था भारतीय उपभोक्ता को दे रखी है !
अब आप भी सुप्रीम कोर्ट से पत्र के द्वारा एक सवाल जरूर पूछ सकते है जब आप हमें राजा बताते हो तो राजा ये जानना चाहता है की क्या स्वदेशी है और क्या विदेशी ?

आप एक स्वदेशी प्रतिक चिन्ह की मांग कर सकते है !

...........राजीव भाई का नारा है स्वदेशी धर्म हमारा है हम स्वदेशी प्रतिक चिन्ह लेकर रहेंगे .............

वन्देमातरम
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अमर शहीद राजीव भाई के सपनो का स्वदेशी भारत के निर्माण में एक छोटा प्रयाश ......

मित्रो FDI को सुप्रीमकोर्ट ने मंजूरी दे दी है लेकिन इस हार को भी हम जीत में तब्दील कर सकते है आप सुप्रीमकोर्ट की टिप्पणी पर ध्यान दीजिये सुप्रीमकोर्ट ने कहा है की उपभोक्ता राजा है तो आप विचार कीजिये उपभोक्ता को अपनी पसंद के अनुसार वस्तु को चयन करने का अधिकार मिला हुवा है (उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 ) जिसका वर्तमान वैवस्था में हनन हो रहा है अब आप पूछेंगे कैसे? आप स्वदेशी को मानने वाले है आप बाजार में जाते है तो क्या आप को भारत सरकार ने ये वैवस्था दी है की क्या वस्तु स्वदेशी है और क्या विदेशी है आप का जवाब आएगा नहीं ! तो ये संविधान द्वारा प्रदान नागरिक को मौलिक अधिकार अर्थार्त सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणीके अनुशार उपभोक्ता राजा है के मौलिक अधिकारों का वर्तमान वैवस्था में हनन हो रहा है !उपभोक्ता को ये पता होना ही चाहिए की क्या स्वदेशी है !
मेड इन इंडिया तो अमेरिका यूरोप इत्यादि बाहर LUX,LIFEBOY,COLGATE ,जैसी विदेशी कंपनी और पूर्णतया स्वदेशी कंपनियो पर भी लिखा होता है !
आप विचार कीजिये उपभोक्ता जब स्वदेशी उत्पाद लेना चाहता है तो क्या भारत सरकार ने स्वदेशी वस्तु को चयन करने की कोइ वैवस्था भारतीय उपभोक्ता को दे रखी है !
अब आप भी सुप्रीम कोर्ट से पत्र के द्वारा एक सवाल जरूर पूछ सकते है जब आप हमें राजा बताते हो तो राजा ये जानना चाहता है की क्या स्वदेशी है और क्या विदेशी ?

आप एक स्वदेशी प्रतिक चिन्ह की मांग कर सकते है !

...........राजीव भाई का नारा है स्वदेशी धर्म हमारा है हम स्वदेशी प्रतिक चिन्ह लेकर रहेंगे .............

वन्देमातरम
स्वदेशी रक्षक ..सुरेन्द्र यादव .....

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