Friday, May 17, 2013

लिव-इन में रहीं जयललिता

कभी लिव-इन में रहीं जयललिता का टूटा भरोसा! जिंदगी में आए हर मर्द को मानती हैं गलत

तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे. जयललिता ने 16 मई को अपनी सरकार की दूसरी वर्षगांठ मनाई। अगले आम चुनावों के बाद बनने वाली सरकार में जयललिता की भूमिका बेहद अहम हो सकती है। शायद यही वजह है कि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी जयललिता को अपने पाले में करने कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए वे जयललिता के शपथ ग्रहण समारोह में पहुंचे थे और मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में जयललिता के प्रतिनिधि के तौर पर एआईएडीएमके के नेता पहुंचे थे।


लेकिन 1998 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार को एक वोट से गिराने वाली जयललिता पर भरोसा किया जा सकता है? खासकर तब जब उनके नजदीकी रहे लोग उनके बारे में यह राय रखते हैं कि वह किसी पर भरोसा नहीं करती हैं और जरूरत खत्म होने के बाद डंप कर देती हैं।  जयललिता के बारे में यह भी कहा जाता है कि वे अपनी जिंदगी में आए हर पुरुष को गलत मानती रही हैं। इन पुरुषों में उनके पिता से लेकर, उनके मेंटर एमजी रामचंद्रन, उनके प्रेमी शोभन बाबू तक शामिल हैं। जयललिता का मानना है कि इन सभी ने उनके साथ गलत किया।

हर मर्द को गलत मानती रहीं तमिलनाडु की सीएम?



खुद के करीब हर शख्स से जयललिता के मोहभंग को उनकी आत्मकथा से समझा जा सकता है, जो 1978 में तमिल साप्ताहिक अखबार कुमुदम में छपा था। आत्मकथा में जयललिता ने अपने पिता को 'पैसे लुटाने वाला फुर्सत में रहने वाला सज्जन' करार दिया था जो 'कोई भी काम सही ढंग से नहीं कर पाते' थे। अपने राजनीतिक गुरु और करीबी एमजी रामचंद्रन के बारे में जयललिता ने लिखा, 'वे मुझे राजनीति में लेकर नहीं आए। हां, वे मेरे मेंटर जरूर थे। लेकिन मैं उन्हें अपने बराबर मानती थी और उन्हें कभी भी सुपर स्टार नहीं समझा।' स्कूली दिनों में मिले धोखे का भी जयललिता पर बहुत बुरा असर पड़ा था। जयललिता के साथ उनके स्कूल में पढ़ने वाला दोस्त पड़ोस की एक लड़की से प्रेम करता था। इस दोस्त के लिए जयललिता पोस्टमैन का काम करती थीं। जयललिता अपने दोस्त की चिट्ठियां पड़ोस की लड़की के घर दिया करती थीं। लेकिन जब लड़की की मां को इस बारे में पता चला तो जयललिता का दोस्त पलट गया और जयललिता को एक अभिनेत्री की चरित्रहीन बेटी साबित करने की कोशिश की। इस्तेमाल किए जाने के इसी भाव ने जयललिता के दिल-ओ-दिमाग पर बहुत गहरा असर डाला। जयललिता के सोचने के ढंग पर इन कड़वे अनुभवों का असर पड़ा।



एमजीआर ने दिलवाया था पार्टी में सम्मान, लेकिन टूट गया एमजीआर का भरोसा!



जयललिता भले ही इनकार करती रहीं हों, लेकिन एमजीआर ने ही उन्हें राजनीति का ककहरा पढ़ाया था। जानकार बताते हैं कि एमजीआर की वजह से एआईएडीएमके में जयललिता को तुरंत सम्मान मिलने लगा। एमजीआर ने अपनी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को आदेश दिया था कि जयललिता जब भी आएं, खड़े होकर उनका सम्मान किया जाए। मीडिया से दूरी बनाने की भी सलाह एमजीआर ने जयललिता को दी थी। लेकिन 1984 में एमजीआर बीमार पड़े और उनका इलाज अमेरिका में शुरू हुआ। तब जयललिता राज्यसभा सांसद थीं। जयललिता ने मौका ताड़कर तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी और तमिलनाडु के तत्कालीन राज्यपाल एसएल खुराना से मुलाकात की और खुद को मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग की। जयललिता को लगता था कि बीमारी की वजह से एमजीआर अपना काम नहीं कर पाएंगे। लेकिन जयललिता की इस कोशिश से एमजीआर को झटका लगा और उन्होंने संसदीय दल के उपनेता की जिम्मेदारी उनसे छीन ली। इस घटना के बाद एक पत्रिका से बातचीत में जयललिता ने कहा, 'एमजीआर का मेरे जीवन पर बहुत असर रहा है। मैं इससे इनकार नहीं करती। लेकिन अब मैं अपने बलबूते हूं। अब से खुद के लिए सिर्फ मैं ही जिम्मेदार हूं। आज के बाद से ऐसा कोई शख्स नहीं होगा जो मेरी सोच, मेरे काम और मेरे बयान पर असर डाल पाएगा।'

शोभन बाबू के साथ लिव इन रिलेशन में रहती थीं जयललिता?



1970 में जब एमजीआर ने अपनी फिल्म में नई हीरोइन को लिया तो जयललिता ने तेलुगु सिनेमा के स्टार रहे शोभन बाबू से नजदीकी बढ़ाई थी। कहा जाता है कि जयललिता शोभन बाबू के साथ लिव-इन रिलेशन में रहती थीं।



वकील बनना चाहती थीं जयललिता



जयललिता भले ही एक अभिनेत्री की बेटी थीं, लेकिन बचपन में वे करोड़पति वकील बनने का सपना देखा करती थीं। लेकिन जयललिता के सपने के टूटने में ज्यादा देर नहीं लगी। दक्षिण भारतीय फिल्मों की अभिनेत्री संध्या ने अपनी बेटी जयललिता से कहा कि परिवार आर्थिक संकट से गुजर रहा है। ऐसे में उसे अपनी पढ़ाई छोड़कर फिल्मों में काम करना पड़ेगा। इस बारे में जयललिता ने लिखा, 'वह मेरे लिए झटके जैसा था। मैंने अम्मा से कहा कि उन्होंने मुझे मेकअप करने पर सजा दी थी और सिनेमा से दूर रहने को कहा था, लेकिन वही मुझे इसमें धकेलना चाहती हैं।' ऐसे में 16 साल की उम्र में स्टेला मैरिस कॉलेज जाने की बजाय जयललिता ने सीवी श्रीधर की फिल्म 'वेनिरा अदाई' में काम करना शुरू कर दिया।



पटौदी को देखने दूरबीन ले स्टेडियम जाया करती थीं जयललिता



जयललिता सुंदर पुरुषों को देखकर आकर्षित हो जाती थीं। यही वजह है कि जयललिता अपने बचपन में 50-60 के दशकों के हॉलीवुड स्टार रॉक हडसन की तस्वीरें इकट्ठा किया करती थीं। इसके अलावा भारतीय क्रिकेटर नारी कॉनट्रैक्टर और मंसूर अली खान पटौदी भी उन्हें बहुत भाते थे। खुद जयललिता ने अपनी आत्मकथा में लिखा, 'मैं क्रिकेट मैच देखने दूरबीन लेकर जाया करती थी। लेकिन मेरा उद्देश्य सिर्फ और सिर्फ पटौदी को देखना होता था।' जयललिता ने कभी शादी नहीं की। हालांकि, वे मानती हैं कि उन्हें नैतिक रूप से पवित्र और सेक्स से रहित प्रेम कभी समझ में नहीं आया। जयललिता का कहना है कि एक महिला और पुरुष के बीच या तो रोमांटिक रिश्ता होता है या फिर वे सिर्फ दोस्त होते हैं। अकेले रहने वाली जयललिता के भीतर लोगों को लेकर अविश्वास का भाव शुरुआती जिंदगी में ही पनप गया था। खुद जयललिता कहती हैं, 'जिन तजुर्बों से मैं गुजरी हूं, उनसे मैंने सीखा है कि जीवन में सिर्फ खुद पर भरोसा करना चाहिए।'

No comments:

Post a Comment

Paid मीडिया का रोल

क्या मोदी सरकार पिछली यूपीए सरकार की तुलना में मीडिया को अपने वश में ज्यादा कर रही हैं? . यह गलत धारणा पेड मीडिया द्वारा ही फैलाई गयी है ...