किंग जॉर्ज पंचम की खुशामद में एक गीत गाया गया था -
आज ये हमारा राष्ट्रगान है !! हमारी गुलामी का जीता जागता प्रतीक
जन गन मन अधिनायक जय हे -
अर्थ - हे भारत की जनता के नायक ..आपकी जय हो
भारत भाग्य विधाता
अर्थ -आप ही भारत के करता धरता है
पंजाब सिंध गुजरात मराठा द्रविड़ उत्कल बंग
अर्थ - पंजाब, सिंध, गुजरात, महाराष्ट्र, उड़ीसा, बंगाल व समस्त भारतीय पूर्वजो की संताने
विन्ध्य हिमाचल यमुना गंगा
अर्थ - जहाँ विन्द्यांचल तथा हिमालय जैसे पर्वत हैं और यमुना गंगा जैसी नदियाँ हैं
उच्छल जलाधि तरंगा
अर्थ - और जिसकी तरंगे उच्छश्रंखल होकर उठती हैं
तब शुभ नामे जागे
अर्थ - आपका शुभ नाम लेकर ही प्रातः उठते हैं
तब शुभ आशीष मांगे
अर्थ - और आपके आशीर्वाद की याचना करते हैं
जन गण मंगलदायक जय हे
अर्थ - आप हम सभी का मंगल करने वाले हैं , आपकी जय हो
गाहे तब जय गाथा
अर्थ - सभी आपकी ही जय की गाथा गायें
जन गण मंगलदायक जय हे
अर्थ - आप हम सभी का मंगल करने वाले हैं , आपकी जय हो
भारत भाग्य विधाता
अर्थ - आप भारत के भाग्य विधाता हैं
जय हे जय हे जय हे
अर्थ - आपकी जय हो जय जय हो
जय जय जय हो
जय जय जय जय हे -आपकी जय हो जय हो जय हो जय हो !!
जब इसे राष्ट्रगान बनाया गया था ,,,तब रबिन्द्र नाथ जी ने भी खेद प्रकट किया था..और कहा था कि "मै ग्लानी से भर गया हूँ"
आज ये हमारा राष्ट्रगान है !! हमारी गुलामी का जीता जागता प्रतीक
जन गन मन अधिनायक जय हे -
अर्थ - हे भारत की जनता के नायक ..आपकी जय हो
भारत भाग्य विधाता
अर्थ -आप ही भारत के करता धरता है
पंजाब सिंध गुजरात मराठा द्रविड़ उत्कल बंग
अर्थ - पंजाब, सिंध, गुजरात, महाराष्ट्र, उड़ीसा, बंगाल व समस्त भारतीय पूर्वजो की संताने
विन्ध्य हिमाचल यमुना गंगा
अर्थ - जहाँ विन्द्यांचल तथा हिमालय जैसे पर्वत हैं और यमुना गंगा जैसी नदियाँ हैं
उच्छल जलाधि तरंगा
अर्थ - और जिसकी तरंगे उच्छश्रंखल होकर उठती हैं
तब शुभ नामे जागे
अर्थ - आपका शुभ नाम लेकर ही प्रातः उठते हैं
तब शुभ आशीष मांगे
अर्थ - और आपके आशीर्वाद की याचना करते हैं
जन गण मंगलदायक जय हे
अर्थ - आप हम सभी का मंगल करने वाले हैं , आपकी जय हो
गाहे तब जय गाथा
अर्थ - सभी आपकी ही जय की गाथा गायें
जन गण मंगलदायक जय हे
अर्थ - आप हम सभी का मंगल करने वाले हैं , आपकी जय हो
भारत भाग्य विधाता
अर्थ - आप भारत के भाग्य विधाता हैं
जय हे जय हे जय हे
अर्थ - आपकी जय हो जय जय हो
जय जय जय हो
जय जय जय जय हे -आपकी जय हो जय हो जय हो जय हो !!
जब इसे राष्ट्रगान बनाया गया था ,,,तब रबिन्द्र नाथ जी ने भी खेद प्रकट किया था..और कहा था कि "मै ग्लानी से भर गया हूँ"
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