Tuesday, August 20, 2013

सिद्धु स्टाईल

मेरी नानी बताया करती थी (नानी ने कुछ नहीं बताया सिद्धु स्टाईल है बस) कि एक बार इंदिरा ने अपने मंत्रियो के बारे मेँ फाइलेँ मंगाई थीँ, उन फाईलोँ मेँ एक रिश्वतखोरी का मामला हाथ लगा था प्रति रेलवे वैगन 5000 रुपये की रिश्वत तय हुई थी 10 वैगन की आपूर्ति होनी थी, रिश्वत की कुल राशि 50000 रुपये तय थी जिसमेँ आधे रुपये अग्रिम दिये गये सौदा हो गया मंत्री ने फाईल पर ‘अप्रूव्ड’ लिख दिया जिस पार्टी को रिश्वत देनी थी, उसने सोचा आदेश हो गया है अब 25000 रुपये बचा लेते है, और पैसे देने से इंकार कर दिया. सचिव ने तुरंत मंत्री जी को सूचित किया मंत्री ने फाईल वापस मंगवा ली और ‘अप्रूव्ड’ के आगे ‘Not’ लिख दिया, सौदा रुक गया पार्टी रोती हुई मंत्री महोदय के ऑफिस मेँ पहुँची पैसे दिये सौदा पूरा किया और मंत्री जी ने ‘Not’ मेँ एक "e" लगा कर ‘Note’ कर दिया मतलब फाइल ‘नोट अप्रूव्ड’ की टिप्पणी के साथ पारित हो गयी!

इंदिरा गाँधी ने इस चतुराई के लिये मंत्री जी की तारीफ की और खुद के लिये सबक सीखा.

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