Tuesday, March 19, 2013

ईसाइयत कैसे काम कर रही है.

ईसाइयत कैसे काम कर रही है.  लेख बड़ा है पर आराम से जरूर पढ़े तो पता चलेगा कि मुसलमानों से भी ज्यादा खतरनाक है ईसाइयत.


आज मै आपको कुछ युनिवर्सल ट्रुथ बताने जा रहा हूँ ,,,,,,,,,,जैसे आप विज्ञान में पढ़ते होंगे ,,,,,,संत लोगो को इतना ज्ञान होता है की वो बात बात में एक लाइन में ऐसी बाते कर देते हैं की वो पूरी तरह सत्य हो जाती है ,,,,,

पहला ,,,,,ngo जो विदेशी पैसे पर या सरकारी पैसे पर काम करते हैं वो इस लुटेरी सरकार से भी बड़े दुश्मन हैं ,,,,,,,,जिनको मैगसेसे पुरस्कार मिलता है.

दूसरा ,,,,,जन्लोक्पाल एक तानाशाई पाल है जो आज की वर्तमान परिस्थिति को भी पीछे चर देगा और देश को गुलाम बनाएगा,,,,,,फिलिपिन्स गुलाम हो चूका है.

तीसरा ,,,वर्ल्ड बैंक जो भी कर्जा बाटता है सारे देश को वो एक फेड में छपे नोट हैं वो फेड सिटी ऑफ़ लंदन कारपोरेशन के मालिको द्वारा संचालित होती है ,,,,,,,जब मशीन थोक भाव में हवा में डॉलर छापती है तो कर्जा तो कितना भी दिया जा सकता है ,,,,,लोब्बिंग भी उसी पैसे से होती है ,,,भारत और अमेरिकी सरकार भी उनकी इजाजत के बिना नोट नहीं छाप सकते l

चौथा ,,,,,भारत में जो नकली नोट छप कर आ रहे है वो सोची समझी राजनीति से आ रहे हैं ,,,,जहाँ असली नोट छपते हैं वहीँ नकली भी ,,,,,आज से छे महीने पहले rbi को पूरी खेप मिली थी ,,,,पर बाद में पूरा मुद्दा दबा दिया गया ,,,,,पता चल गया था की वो नोट सिटी ऑफ़ लंडन कारपोरेशन के इशारे पर छापी गई है ,,,,उनको hindu मुसल मान से मतलब नहीं ,,,इंसान मरने चाहिए बस ,,,,,,,

पांचवा ,,,,अकेले मोदी जी ये सब सोल्व नहीं कर सकते ,,,,,,,क्यों की वो लोग रास्त्रवादी नेताओं को पहले मरवा देते हैं ,,,,राजीव dixit ,,सद्दाम हुसैन ,,,इंदिरा गाँधी ,,,लाल बहादुर शास्त्री ,,,सुभास चन्द्र बोस ,,,,लाद्दाफी वैनिजुएला का राष्ट्रपति को अभी जल्दी मारा है

कई सारे सद्यन्त्र मिडिया को खरीदना ,,,बिमारी फैलाना ...वाइरस फैलाना ये उनका काम है ,,,,,,आप जान भी नहीं पाएंगे और शिकार हो जाएँगे ,,,पोलियो में केंसर के वारिरा मिलाए गए हैं

उनके इशारे पर uno, वर्ड बेंक ,imf,सीआईए ,फोर्ड ,who,wto सब उनके इशारे पर काम करते हैं ,,,,,अपने देश में भी इनके एजेंट थोक भाव में मिल जाएँगे

समाधान है ,,,,,सत्ता का विकेंद्रीकरण मतलब सत्ता जनता के हाथ में ,,,,मतलब राईट टू रिकॉल ,,जूरी सिस्टम ,,टी सी पी दूसरी भाषा में लिखती हूँ जिससे आपको समझ में आ जाए ,,,,,,,,,,,,,,मोदी को २०१४ में pm बनाओगे तो दो बाते होंगी ,,, या तो तो वो मनमोहन जैसा काम करें या अपनी बात चलाएं ,,,,अपनी बात चलाएंगे तो आपका एक रस्त्रवादी नेता मार दिया जाएगा ,,,,,,,,इंद्रा गाँधी के साथ क्या हुआ था ,,,,,,सस्स्त्री के साथ क्या हुआ था ,,,,

इसीलिए कहती हूँ की मोदी को rtr pm कानून से pm बनाओ ,,,,,,,जब वो देश हित के काम न करें तो उनको भी हटाओ ,,,,,,,,विकेंद्रीकरण इसी को कहते हैं ,,,,,,,और वो यदि रास्त्र हित के काम करें तो उन लोगो से विवाद होगा ,,,,,,मोदी जी के पास भी बहाना होगा उन लोगो से की जनता मुझे हटा देगी मुझे पैसे मत खिलाओ लोब्बिंग के ,,,,आपके पैसे बर्बाद हो जाएँगे ,,,,,,

आप उस त्रिभुज को जरुर समझें




“वसुधैव कुटुम्बकम्” या विश्व सत्ता का ढांचा है ।

अगर कोइ शब्द पिडा दे सकते हैं तो ये दो वामपंथी शब्द “वसुधैव कुटुम्बकम्” आज पूरी मानव जात को पिडा दे रहे हैं । हमारे कथित राष्ट्र निर्माता इस की सच्चाई को जानते थे लेकिन उन्होंने जानबूज कर ही ईस मंत्र को जनता के दिलो-दिमाग में घुसा दिया । आज हम जागरुक है, और हमारे जागरूक होने के बावजूद भी कुछ नेता निच है तो उस जमाने में भोली प्रजा को कैसे कैसे निच नेताओं का सामना करना पडा होगा ये बात ये दो शब्द ही बता देते हैं ।



ईस त्रिकोन में जो जो किखा है उन सब पर अलग अलग लेख लिखे जा सकते हैं । अभी तो उस का खाका समजना है ।

ये इल्ल्युमिनिटी वालों का सपना है । विश्व सत्ता का ढांचा है । विश्व सरकार अभी बनी नही, केवल बॅकसिट ड्राइविन्ग चल रही है । असल में वो सत्ता आकार लेना चाहती है इस लिए ही दुनिया भर की सारी उथल पुथल हम देख रहे हैं । इस पिरामिड में एकदम निचे का भाग है वो आम जनता है, उपर के सारे भाग जनता को कंट्रोल करनेवाले और जनता के बन बैठे मालिक है । सब से उपर ब्रिटन का क्राउन है । दुनिया की सारी संपत्ति का ९५ % हिस्सा केवल ३% आबादी के कबजे में चला गया है । ९७ % आबादी के पास सिर्फ ५% संपत्ती बची है । इस पर भी बूरी नजर है, धन की लालच नही, धन तो बहुत है, लेकिन धन आम जनता के पास नही रहना चाहिए । जनता मुश्किल से ही सही, गुजारा कर लेती है, और आदमी बनी रहती है । लेकिन नयी व्यवस्थामें आदमी तो बिलकुल नही चाहिए, भेड ही चाहिए । भेड सवाल नही करते । एक को हुक्कम दे दिया सब गुलाम की तरह चल पडेंगे । ये ९७% आबादी गधे की तरह मजरूरी करे, इस आबादी का भी पेट भरे और उपर से ३% वालों का पेट भी भरे और ऐयाशी का सामान भी जुटाये ।

विश्व सरकार बनाने में काफी बाधाएं हैं । (१) अलग अलग देश की राष्ट्रवादी प्रजा । (२) अमरिकी जनता- अपनी दबंगता के कारण (३) भारत की हिन्दु प्रजा – घर्म की हाई वेल्यु के कारण (४) जगत की मुस्लिम प्रजा- धर्मांधता के कारण (५) आबादी – ७ अरब की आबादी कंट्रोल कर पाना बस में नही है (६) उत्तर कोरिया जैसे देश- जो शरण में नही आ रहे हैं ।

दबंग प्रजा, हाई मोरालिटी वाली प्रजा, धर्मांध प्रजा आसानिसे गुलाम नही बन सकती इस लिए इन प्रजाओं को तोडने के सारे उपाय आजमाये जा रहे हैं । ये कुछ उपाय के नमूने हैं ।

1. आदमी को परेशान करना । जब कोइ विरोध करे तो पहले तो उसे खरीदने की कोशीश होती है । काम नही बनता तो धमकी, फोन कोल्स, पिछा करना, बदनाम करवाना, जुठे केसमें फंसा देना, आदमी पागल हो जाये उस हद तक परेशान करना । दुनिया के बडे बडे नेताओं का खून हो जाना उस का कारण यही है ।

2. आबादी का नियंत्रण । उन का डिपोप्युलेशन का सुप्रसिध्ध एजन्डा २१ है । ८०-९० % आबादी को मार देना उनका टार्गेट है । जीस में कृत्रिम तरिके से अनाज की शोर्टेज कर के जनता को भूखमरी में जोक देना, कृत्रिम रोग फैलाना और नकली दवाई बेचकर हत्याएं करवाना, जो प्राणी आदमी की हत्या कर सकता है ऐसे हर प्राणी को पर्यावरण के नाम से सुरक्षित करना । अपने गिरोह मानव हक्कवालों द्वारा खूनियों का बचाव करवाना ।

इल्ल्युमिनिटीने कुदरत को भी पेछे छोड दिया है । स्टार वोर्स के HAARP सिस्टम द्वारा भूकंप, सुनामी, बाढ जैसी कुदरती आफतें पैदा कर सकते हैं ।

----डिपोप्युलेशन------

http://bharodiya.jagranjunction.com/2012/11/21/किसे-जीना-है-किसे-मरना-है-ख/

--HAARP and the Depopulation Programme--------

http://www.youtube.com/watch?v=umddUU6viIk

3. कोइ भी तरह का जहर आबादी के एक बडे हिस्से को नूकसान पहुंचा सकता है । ये धनवान रक्षसों पानी और खाद्य पदार्थ को दुषित कर सकते हैं । अमरिका का अभी हालमें ही भांडा फुटा है । पानी सप्लाय में फ्लोरिन मिलाया जाता है । भारत के दो गांव ऐसे है जहां जमीन मे फ्लोराईड है । उस गांव के कुएं का पानी पीने से गांववाले अपाहिज हो चुके हैं ।

----पानी सप्लाय में फ्लोरिन----

http://www.cosmicyou.us/video/fluoridegate-an-american-tragedy-a-david-kennedy-film?xg_source=activity

4. किसी को भी शक के आधारपर गिरफ्तार कर लो । उसे खास बनाये गये केंप्प में डाल दो । अमरिकामें पूलिस राज आ गया है वहां ऐसा होता है । मार्शल लो अब दूर नही ।

5. चारित्र का पतन । आदमी को मोरल लेस, जुठा, विश्वास के काबिल ना रहे, ऐसा बना देना New World Order के लिए ठिक रहता है । आदमी स्वार्थि बन कर अपनी राष्ट्रियता भूल जाता है, अपने ही देश, अपने ही धर्म अपने ही लोगों को कोसने लगता है ।

6. भिन्न मत को लादना, आदमी जीस चीज को मानता नही है उसी विषय पर जबरदस्ती मनाना । यही तुम्हारे लिए ठीक है ऐसा सरकारी कानून का दबाव इसी श्रिणीमें आता है ।

7. जातिय नफरत, इस से जनता में जातिवाद फैला कर संघर्ष पैदा किया जाता है । पूरानी टेक्निक “डिवाईड एन्ड रुल” । एक नया भेदभाव निकला है सुंदरता को लेकर । खूबसुरत और बदसुरत के बीच की खाई खोदी जा रही है ।

इंग्लैंड के एक चर्च ने कहा है कि यदि एक व्यक्ति बदसूरत है तो उसके शादी करने पर बैन लगा देना चाहिए। चर्च के अनुसार शादी के लिए नई पॉलिसी बनाने पर ध्यान देना चाहिए। चर्च के लोगों के अनुसार बदसूरत लोगों का शादी करना पूरी तरह से गलत है।

8. इश्वर से दूर करना ः जगत से धर्म को मिटाना है ईसलिए हर तरह की अडचने खडी करना है । ये लोग, जनता के धार्मिक उत्सवों में बाधा डालते हैं लेकिन उन के अपने शैतानी धर्म को प्रोत्साहन देते हैं । पॅगन की छुट्टिया, विक्का, काला जादु और शैतान की साधनामें कोइ रुकावट नही । जैसे एक कानून बन के तैयार है जीस के अनूसार कोइ मन्दिर जाता है और भगवान से कुछ मांगता है तो अंधश्रध्धा हो जायेगी और दंड या सजा मिलेगी । मेसोनिक लोज के काले कारनामे कभी ना रुकेन्गे और ना कभी जनता के सामने आयेन्गे ।

9. बच्चों के प्रति माबाप या अन्य ओथोरिटी को बेपरवाह कर देना और बच्चों को माबाप या अन्य प्रति विद्रोही बना देना तथा स्त्री-पूरुष के बीच दूरिया बनाना । आने वाले समय में आदमी को कुटुंब प्रथा और शादी प्रथा तुट जाने पर अकेला जीना पडेगा ।

10. शिक्षा को बरबाद करना या गलत शिक्षा देना । इतिहासमें हेराफेरी, सेक्स एज्युकेशन, जुठे आदर्शवाद इन सब बातों से बच्चों के दिल-दिमाग को अपने तरिके से ढाला जाता है, एक खास सोच दिमागमें भरी जाती है ।

----सेक्स एज्युकेशन----
http://bharodiya.jagranjunction.com/2013/02/23/सेक्स-के-पाठ-सोसियल-एन्जि/

11 सेक्स को लेकर हर तरह की नग्नता परोसी जाती है । उनका प्रमुख उद्देश्य है हमारे चारित्र्य, हमारी मोरल वेल्युअ को गीराना, वो चाहते हैं हमें जीसके लिए उकसाया जाता है उसे स्विकार कर के हम वो करने लगे, और कभी उसी प्रवृत्ति को लेकर हमे ब्लेकमेल करे ।

12. ड्रग और शराब ः रासायणो द्वारा समाज का विकास करना । धंधे की बडी आमदनी तो होती ही है साथमें आदमी आर्थिक और मानसिक तौर पर बिलकुल अपाहिज बन जाता है । सरकारी दमन के विरोध में कभी खडा नही हो सकता । एक आदर्ष गुलाम ही बन जाता है, जैसा वो चाहते हैं ।

13. जुआ ः हर तरह का जुआ । आदमी के दिमाग में घुसा दिया जाता है की पैसा ही सबकुछ है, जुआ एक रोजगार ही है, जुए का आनंद और मोटा पैसा । स्टोक मार्केट, कोमोडिटी मार्केट, होटेल या क्लब के जुए को इज्जत दिलवाई गई है, उसमें ग्लेमर भर दिया है जीस से आदमी वो धन्धा करे । हकिकत ये है की आदमी मोटा पैसा कमाने के चक्करमें अपना घर का भी गुमा देते हैं । बडे जुआरी और सट्टेबाज तो वोही लोग होते हैं जो हमे जुआ सिखाते हैं ।

14. अराजकता आदमी को व्यग्र, शान्तिसे बैठने नही देने के इरादे से फैलाई जाती है । अराजकता ऐसी फैलाई जाती है, ऐसी ऐसी घटनाएं प्रयोजित की जाती है की आदमी घुम जाता है, किसी को पता नही क्या करना है, आगे क्या होगा, किस का भरोसा करना किस का नही । दंगे फसाद, बम्ब धमाके, अफवाहें, बयानबाजी सब जानबूज कर किया जाता है । कुछ बातों से जनता का ध्यान हटाना जरूरी होता है और अराजकता के सोल्युशन के बहाने ऐसे कानून पास कर दिये जाते हैं जो नोर्मल संजोगो में जनता विरोध करती । अमरिका का ९/११ वाला किस्सा ले लो । विमान द्वारा अपने टावर खूद तोडे और देश में भय और अराजकता फैलाकर अफघानिस्तान और इराक में सत्ता पलट दी और अपने प्यादे बैठा दिय । सामान्य संजोगों में अमरिकी जनता विरोध करती । भारत में दिल्ली के रेप कांड की आड में स्कूली बच्चों के लिए सेक्स एज्युकेशन का अभ्यासक्रम दाखिल कर दिया । पिछले २-३ सालों से इतनी अराजकता फैलाई गई है की ईस की आड मे बहुत से गुल खील गए हैं । लोकपाल !! भारतिय लोकपाल या अमरिकी लोकपाल ? की तकरार के बीच आधार कार्ड नाम की लगाम भारतिय जनता को लगा दी गई किसी का ध्यान तक नही गया । महिलाओं को पुरुष से अलग करने वाले, आरक्षण से जनता को बांटनेवाले, दंगे के भेदभाव वाले कानून, हिन्दु धर्म को अंधश्रध्धा के कानून से खतम करने वाला कानून ये सब तैयार है, कोइ लागू हो गया कोइ लागू होने की तैयारी में है ।

15. सरकार के कुछ डोक्युमेन्ट अगर जनता के सामने आ जाते हैं तो जनता सावधान हो जाती है, इल्लुमिनिटी को नुकसान पहुंचता है । ऐसे डोक्युमेन्ट को क्लसिफाईड श्रेणी में डाल दिया जाता है । जैसे लाल बहादूर शास्त्री की मृत्यु के डोक्युमेंट छुपा लिये गये हैं । अगर कोइ सरकारी नौकर आत्मा की आवाज सुन के जनता को बताने की कोशीश करेगा तो उसे जुठे आरोप में फसाकर या अन्य रास्ते बदनाम कर के उसका केरियर ही खतम कर दिया जाता है ।

16. पर्यावरण को एक कट्टर धर्मिक स्वरूप दे दिया गया है की पर्यावरण के नाम से जो भी नियम कानून बने जनता निची मुंडी कर के स्विकार लेती है । इस की आड में थोक या रिटेल में कंपनिया करोडों में खेलती है । वाहनों पर लगाया जाता “कार्बन टेक्ष” एक उदाहरण है । पर्यावरण के नाम से ही जंगलों पर सरकारे कुंडली मार के बैठ जाती है उसे आरक्षित कर के । उस जमीन पे बसे आदिवासी को भूख से मरने छोड दिया जाता है । पर्यावरण के हर नियम, हर दलील विज्ञानिकों ने जुठी साबित कर दी है, लेकिन जीसने खून चख ही लिया है वो पिये बीना थोडा छोडता है ?

------“कार्बन टेक्ष” -------

http://bharodiya.jagranjunction.com/2012/11/17/जनता-को-लूटने-का-धंधा-ग्लो/

17. खून, बलात्कार, मारपीट, लूट, हाईजेक, अपहरण तथा वाहन के अकस्मात, आत्महत्या इत्यादी गुनाहों से सामाज डरा हुआ होता है, सिक्युरिटी के नाम पर सरकारें कुछ भी कर लेती है, काम जनता विरोधी हो, आजादी के हक्क दाव पर लगते हो तो भी जनता को पता ही नही चलता है । जनता को लगता है हमारे भले के लिए होता है । ऐसे ही अमरिका में पूलिस राज आ गया, आपातकाल की औपचारिकता ही बाकी है । हार्ड-कोर क्रिमिनल को बचाने की या कम सजा देने की कोशीश होती है जीस से गुनहगारों का मनोबल टुट ना जाये और गुनाह करना छोड ना दे । अमरिकाने अपने ही आदमी हेडली को मुंबई के ताज होटेल के अटेक के सिलसिलेमें मजबूरीमें पकडा था तो उसे सजा भी कम ही दी है । याद रहे, ताज का हमला हिन्दुओं को आतंकी साबित करने के लिए दुष्टों ने मिल-जुल कर किया था । कसाब जिन्दा रह गया तो सबका भांडा फुट ना जाये इस लिए दोष अकेले पाकिस्तान को देना पडा ।

18. आतंकवाद से हमे भयभीत रख्खा जाता है, आतंकवाद असली हो या प्रयोजित । अमरिकामें ९/११ ने अमरिकी संविधान की धज्जिया उडा दी है । कई तरह के आजादी के हक्क पर लगाम लगा दी है । पॅट्रिअट ऍक्ट, बायो चीप, और जल्दी आनेवाले मार्शल लो की तैयारी । तब तक जो पोलिस राजका विरोध करे उसे बिना कोइ केस अलग से केंप में ठुंसते रहते है ।

19. कइ लोगों को, जनरली छोटी उमर वाले को पकड कर, गुप्त तरिके से गुलामी या वैश्या व्यवसाय में धकेला जाता है । उन को रात के वक्त या स्कूल आते जाते या पार्किन की जगह से चुराया जाता है । पावर लोबी की तरफ से मांग रहती है छोटी उमर की नौकरानी या नौकर की । महानुभावों को या विदेशी वीआईपी को शौक होता है किड-अब्युज का । वहां से फिर अंधेरी गलियों में भेज दिया जाता है । कुछ संशोधनकार कहते हैं मेसोनिक लोग शैतान की पूजा करते समय इन बच्चों की बली दे देते है ।

20. जेनोसाईड । सरकार को लगता है इस जाती हमारी गुलाम है तो जीवनदान मिलता है दूसरी जातियों का सफाया कर दिया जाता है । इस से सरकार को फायदा होता है दुश्मन कम हो जाते हैं । मानव जात की प्योरिटी के बहाने भी पूरी जाति का निकंदन किया जाता है । इल्ल्युमिनिटी को गोरे, उंचे, निलीआंखों वाले लेकिन अधार्मिक लोग पसंद है । धार्मिक लोग आसानीसे शरणमें नही आते इस लिए धर्म को छुडाया जा रहा है और धार्मिक भावनाएं भडका कर लोगों को आपस में ही मरवा देते है । कुछ प्रजा लडते हुए मर जायेगी कुछ प्रजा धर्म ही खराब है खून खराबा करवाता है ऐसे सोचकर धर्म से दूर हो जायेगी, और अपने को पेश कर देगी एक गुलाम की हैसियत से । आज की तारिख में उन्हें आबादी ज्यादा लगती है तो आज रेन्डमली तबाही (holocausts) मचा रख्खी है । चाहे कोइ भी मरे बस मरने चाहिए ।

21 देशों में उनकी दी हुई लोन और सरकारी फंड, जीस से नागरिक और देश को असर करता है, उसे हेंडल करने वाले मंत्री या प्रधानमंत्री कौन बनेगा ये निर्णय निर्माता( Illuminati) तय करता है ।

22. रोग: बैक्टीरिया और वायरस फैलाया जा सकता है, या तो युद्ध के समय या शांति के समय, एक अराजकता फैलाने के लिए जीस से सुरक्षा के लिए एक मांग उठे, और सुरक्षा प्रदान करने के बहाने उन को पावर मिल जाये अपने ग्लोबलाईजेशन के एजन्डे को लागू करने । सारे हथकंडे के बावजूद जीत हासिल नही होती है तो आखीर में जैविक युद्ध हो सकता है । जैविक युध्ध के अलावा भी आदमी पर बेकटेरिया का प्रयोग खुफिया तौर पर हो ही रहा है । एचआईवी का निर्माण, एक बार पूरी तरह नाबूद किए हुए रोग का दोबारा आगमन, केन्सरका निर्माण, और अज्ञात बैक्टीरियल और वायरल रोगों की बढ़ती संख्या इन खुफिया प्रयोग (आक्रमण) का परिणाम है । वे पीने के पानी में जहरीले पदार्थ डाल सकते हैं, कैंसर के खतरों को जानते हुए भी सेल फोन पेश किया गया है, और अलग अलग रूप में वे हमारे खिलाफ माइक्रोवेव और अन्य तकनीकों का उपयोग कर रहे है ।

23. कम्प्यूटरीकरण / प्रौद्योगिकी: अभिजात वर्ग हमें नियंत्रित करने के कई वर्गीकृत साधनों का उपयोग करते है, हालांकि कुछ साधन परीक्षण चरणों हैं । Nanochips (नन्हा छोटे रोबोट मनुष्यों में रखा जा सकता है उन्हें नियंत्रित करने के लिए), GTWA (GLOBAL TECHNOLOGY WORLD ALLIANCE जो एक गुप्त समाज है जो अंतरराष्ट्रीय वर्चस्व और अर्थशास्त्र द्वारा अपना प्रभुत्व पाने के लिए उच्च टेक्नोलोजी का विकास कर रहा है । पूरी तरह से NWO की स्थापना के लिए इलेक्ट्रोन बीम जैसी बंदूकें, ब्लूटूथ, Wii और अन्य उच्च तकनीकी उपकरण भी बना रहे हैं । अगर जनता सरकार के विरोधमें सडक पर आती है तो पोलिस का काम नही पडेगा । उन के शरीरमें एक केप्सुल बैठाई हुई होगी जो रेडियो तरंग से बताती रहेगी की ये आदमी कहां है, ये एक आधारकार्ड है जीसका तार आदमी के पूरे बायोडाटा, उसकी प्रोपर्टी, उसके बेन्क अकाउंट, उस की विमा-कम्पनी से जुडे हुए हैं तो आदमी सडक पर जुलुस के समय आता है तो सब ब्लोक हो जायेगा । खाने के भी लाले पड जायेंगे क्यों की केशलेस सोसाईटी हो गयी होगी तो ईस आधारकार्ड की वेलिडिटी के बीना दुकानदार सामान भी नही देगा । ये लोग उन विज्ञानिकों को सपोर्ट नही करते जो सही दवाई या मानवजात के भले के लिए काम करते हो ।

-------आधारकार्ड-------

http://bharodiya.jagranjunction.com/2013/03/07/आधारकार्ड-या-घोडे-की-लगाम/

24. UFOs: चांद पर गये नही और चान्द और मंगल को कबजा करने की बातें दुनिया की जनता को बेवकुफ बनाने के लीए ही है । अपने आप को सुपर पावर सिध्ध करने के लिए दुनिया की जनता में अहोभाव जगाने का तरिका है । उडन तश्तरी और परग्रह से आते ऍलियन की बातें, और ऍलियन हमारे दुश्मन है, अमुक हजार साल पहले इन एलियनों ने ही पृथ्वि को तबाह किया था ऐसा भ्रम, ऐसा डर दिखाकर ये बताना चाहते हैं की एलियन का मुकाबला हम ही कर सकते हैं आप बस हमारे आगे सरेन्डर हो जाओ ।

-----चांद का जुठा सफर ।------

http://www.youtube.com/watch?v=t4tk-3KeYNQ

25. अर्थव्यवस्था: पूरी तरह से दुनिया को काबू करने के लिए आर्थिक क्षेत्र सब से बडा हथियार है, करंसी इस का महत्व का अंग है । पूरी दुनियामें एक ही करंसी, और वो भी सिर्फ बेन्कों के कोंप्युटर के आंकडों में याने केशलेस सोसाईटी निर्मित होगी । समजने वाले समज गये होंगे मनमोहन क्यों बेंकिन्ग पर जोर दे रहे हैं, क्यों सबसिडी की लालच बताकर गरीबों को भी बेंक खाता खोलने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं । मनमोहन चाहते हैं की अंग्रेज सबसे पहले भारत को खालसा करे । हम या आप करंसी छापते हैं तो गुनाह बनता है लेकिन “फेड रिजर्व” जैसी प्राइवेट कंपनी हवामे ही डोलर छापती है और उसे सब को स्विकारना पडता है ईस से बडी गुलामी की निशानी क्या हो सकती है । केनेडी अपने देश अमरिका के बलबूते पर अमरिकन सरकार की करंसी छापना चाहता था । फेड रिजर्व के मालिकोने उसे मार दिया । लिबिया की जनता को कोइ तकलिफ नही थी, लेकिन गद्दाफीने डोलर पर विश्वास न कर के सोने की मांग रख्खी तो उसे हर हथकंडा आजमा कर मार दिया । सोने के आधार के बीना डोलर छाप छाप कर गुलाम देशों के मुह पे मारते हैं, और कहते हैं विकास कर लो, और विकास के नाम पर करंसी की वेल्यु ही डाउन करते जाओ, जनता की जेबें नोटों से भर दो, भले वो नोट सेवा या सामान खरीद ना सके, जनता का जीबनभर का पसीना सरकारी तिजोरी में जरूर जमा कर सकोगे ।

26. नारीवाद और नौकरीपेशा महिलाएं ः कुटुम्ब, पुरष, नारी और बच्चों के बीच असंतोष बढाने के लिए वामपंथी और समाजवादी विचारधारा द्वारा नारीवाद चलाने का फैसला किया है । नारीवादी संस्थाएं, नारी के पक्ष मे जाते कानून, बच्चों को अपने माबाप या टिचरों के प्रभाव से निकालने और उसे निरंकुश बनाने के नियम बनाने की कोशीशें, और भौतिकवाद शादी प्रथा और कुटुंब प्रथा तोड देन्गे । उपर से चारित्र का स्खलन भी हो रहा है तो और भी कारण मिल जायेगा नर नारी को दूर करने के लिए । तूटती हुई कुटुम्ब प्रथा से डर के एक अमरिकी संस्था यहां तक अनुमान लगाने लगी है की आनेवाले समयमें शादी पर पाबंदी लग जायेगी, बिना शादी के बच्चो को सरकार ही टेक-ओवर कर लेगी और चिल्ड्रन होम में अपने हिसाब से पालेगी । उनका मनचाहा नागरिक बनायेगी । माबाप का साया उन पर नही पडने दिया जायेगा । अकेला, असलामत आदमी सबसे अच्छा गुलाम साबित होता है ।

27. संयुक्त राष्ट्र संघ: ये सबसे खतरनाक, दुनियाभर के नागरिकों के लिए हानिकारक है जो हर देश को कमजोर करने के लिए, जनता की खर्च करने की शक्ति को कम करने के लिए, जनता की स्वतंत्रता को खत्म करने के लिए है । एक देश की जनता को दुसरे देश के खातिर भुगतना पडता है, जनता का हर बाबत मे मानो मलात्कार ही किया जाता है । विश्वभावना, भाईचारा, अहिन्सा जैसे नारों से जन समुह को इतना कायर, इतना डरपोक बनाया जाता है की आदमी शरीर से कितना भी मजबूत क्यों ना हो उन के नापाक कार्यक्रमों को रोक नही सकता । याद करो गांधीवाद ।

28. हथियार की जब्ती: NWO के लोग खूद डरपोक है । अगर तिसरा विश्वयुध्ध करना पडा तो खूद के मरने के भय से अमरिका और युरोप में अंडर ग्राउन्ड फाईवस्टार बंकर बना रख्खे है और जनता के लिए पांच पांच आदमी समा जाए ऐसे कोफिनो के स्टोक से मैदान भर दिये हैं । नागरिकों से घर में बंदुक रखने के अधिकार को छीनने के लिए अमरिका के स्कूल और कोलेजों में शूट आउट करवाया जाता है जीस से एक हवा बने की नागरिक के पास बंदुक ही नही होनी चाहिए । वो लोग सब्जी काटने का चाकु और किसानों से लाठी तक नही छीन लेंगे तब तक देशों का हवाला नही लेनेवाले हैं ।

------ग्राउन्ड फाईवस्टार बंकर-----

http://www.youtube.com/watch?v=RcNmcw76H0w

29. ये सिक्रिट सोसाईटी कभी मानेगी नही की उसका अस्तित्व है लेकिन अपने नेटवर्किंग बल और भूमिगत आपरेशन के द्वारा हमारे राष्ट्र के धार्मिक, शैक्षिक और कॉर्पोरेट सिस्टम पर नियंत्रण कर के एक वैश्विक सरकार की स्थापना के उनके अपने इरादे सब एकजुट हो कर पूरे करते हैं । सत्ता और प्रशासन के पिछे उनका ही धन और मसल पावर होता है । और वे समाचार पत्रों, रेडियो, और टीवी का इस्तेमाल बहुत ही तालमेल से करते हैं, दिया हुआ कोइ मुद्दा एक दूसरे के संदेश से पास कर देते हैं । वाद विवाद उन की खासियत है, राष्ट्रवाद की कोइ बात या मुद्दा वादविवाद से उडा देते है । सिम्बोलिजम का उपयोग भी अच्छी तरह करना जानते हैं, खेल, मिडिया और मनोरंजन के सारे माध्यम द्वारा इल्ल्युमिनिटी के सिम्बोल प्रसारित किए जाते हैं ।

30. माइन्ड कंट्रोल: सरकार और उनके समकक्ष, परियोजनाओं का जुठा प्रचार (मीडिया द्वारा) और इस की लगातार बमबारी, जनता को खूश करने के जुठे वादे करने में माहिर होते हैं । जीन बातों से जनता नाराज हो ऐसी बातों के मुद्दों पर अपने दूसरे प्यादे को खडा किया जाता है और उसे उभार ने के लिए पूरे मिडिया का जोर लगा दिया जाता है । जनता उस नेता का पागलपन की हद तक भरोसा कर लेती है लेकिन आखीर में पस्ताना ही पडता है । पिछले दौर के जवाहर और गांधीजी और आज के दौर के अन्ना का उदाहरण है । और दूसरी साईड, अगर कोइ संभवित राष्ट्रवादी नेता उभरने की कोशीश करता है तो पूरा जोर लगा दिया जाता है उसे तोडने के लिए । मिडिया द्वारा जनता का ब्रेन्वोश कर के गद्दाफी और सद्दाम हुसेन का अस्तित्व ही मिटा डाला, नरेन्द्र मोदी के विरुध्ध जनता को १२ साल से भडकाया जा रहा है ।

वीडियो गेम और कार्टून फिल्म द्वारा बच्चों को टारगेट किया जाता है, रॉक संगीत, हिंसा और सेक्स से भरी फिल्मों से बडों को टर्गेट किया जाता है । यहां तक कि समाचार पत्र भी अश्लीलता परोसने लगे हैं । धर्म से जुदा करने वाले नास्तिक तो इस सोसायटी के एजेंट की तरह काम करता हर जगह मिल जाएगा ।

31. मीडिया : टेलीविजन, रेडियो, संगीत, थिएटर और प्रिंट-मिडिया लगभग सभी इल्ल्युमिनिटी की मालिकी या उस के अनुयायी फ्रीमेसोन लोग के कबजे में चले गये हैं । हमे क्या सुनना है, क्या पढना है, क्या दिखाना क्या छुपाना उनके हाथ है ।

32. भ्रष्ट सरकार: सीआईए क्या करती है ? ड्रग्ज और हथियार की स्मगलिन्ग, राज नेताओं की खरीदारी, टेबल नीचे डिलिन्ग, दुष्प्रचार, झूठ और विकृतियां, ब्लैकमेल, लगातार धोखे विश्व सरकार बनाने के लिए ये सब किया जाता है । दुष्प्रचार हमें भ्रमित करने का एक प्रमुख साधन है, जो वे झूठी मीडिया रिपोर्टों द्वारा फैलाते हैं, इंटरनेट पर वे कई जगह लेख लिखवाते हैं, और ऐसे ही अफवाहें फैलाते हैं ।

33. खूद तो नाटों की सेना मजबूत करते हैं, हर तरह के हथियार रखते हैं बनाते हैं, दुसरे देश ऐसा करते हैं तो धमकी दी जाती है । दुसरे देशों की सेना को कमजोर करने का हर उपाय आजमाते हैं ।

34. घुसपैठ: मंदिर, मस्जिद या चर्च, स्कूलों, निगमों, छोटे व्यवसायों, संगठनों, और बाकी सब कुछ पर आक्रमण करने के लिए इल्ल्युमिनिटीवाले अपने आदमी घुसा देते हैं, वो अंदर रह कर उन सब का हिस्सा बन कर विश्व सरकार की विचारधारा और दर्शन का प्रत्यारोपण करते हैं और उन सब की घोर खोदते हैं ।

35. क्षेत्रीय सरकार: पॉवर्स नियंत्रण हासिल करने के लिए और अपने वैश्विक नियम को लागू करने के लिए सबसे प्रभावी साधन है क्षेत्रीय सरकार का माध्यम । जहां वे जीन मामलों को नियंत्रित करना चाह्ते हो तो उस तरह के दस्तावेजों के माध्यम से महापौरों और नगर निगम के प्रबंधकों के लिए जनादेश दिलवा देते है । ये काम बिकाउ जज या वकिल के जरिये करवाया जाता है ।

36. नकली या काल्पनिक संकट: बिलकुल असली लगे ऐसे संकट हमारे सामने कहे जाते हैं । जुठा संकट हमे बताए जाते हैं, हमे डरा दिया जाता है और पिछले दरवाजे से अपना काम निकाल लेते हैं । नोर्मल संजोग में हम विरोध करते । उदाहरण में ग्लोबल वार्मिंग का डर दिखाकर “कार्बन टेक्स” से जनता की जेब काट ली, दोपहीये वाहनो को भी पदुषण सर्टिफिकेट लेना पडता है । ऊर्जा संकट, पेट्रोल मे होते घाटे का रोना रो कर आये दिन दाम बढा लिये जाते हैं ।

लेख लंबा हो गया है । एक आखरी बात ।

इल्लुमिनिटी का विरोध करने किल्ल्युमिनिटी वाले मैदानमें आ गये हैं । ये लोग विश्वभरमें फैले हुए हैं, अपने अपने देश को वापस ब्रिटन के ताज के निचे नही आने देना चाहते हैं, अपने धर्म और संस्कार नही छोडना चाहते हैं । उन की मददमें एक हेकर ग्रूप सामने आ गया है जो कोम्प्युटर के मास्टर्स है और उन जालिमों की कंपनियों, उनकी बेंकों के नेटवर्क को खराब कर देते हैं ।

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