Sunday, March 31, 2013

भाजपा बोर्ड पर दर्द में मीडिया चैनल

भाजपा बोर्ड पर दर्द में मीडिया चैनल: राहुल गाँधी को कांग्रेस का उपाध्यक्ष बनाया गया  तो मीडिया चैनल्स ऐसे खुश हो रहे थे कि जैसे उन्हें  लड्डू मिल गए हों। राहुल की तारीफों के कसीदे पढ़  रहे थे।

 मगर आज भाजपा के संसदीय बोर्ड के गठन पर ये  चैनल अपने अपने अंदाज में मातम मन रहे थे और  मोदी के बोर्ड में शामिल होने पर ऐसे व्याख्यान दे  रहे थे कि जैसे राजनाथ सिंह ने कोई अपराध कर दिया हो।

 जी न्यूज़ बोलता है "टीम राजनाथ की, मुहर मोदी की" और "नितीश के विरोधी भाजपा बोर्ड में" अब क्या ये  चैनल यह चाहता है कि राजनाथ सिंह को भाजपा के  बोर्ड का गठन करने के लिए नितीश कुमार से अनुमति  लेनी चाहिए थी।

और अगर बोर्ड में मोदी समर्थकों  की संख्या ज्यादा है तो चैनल को क्यूँ दर्द हो रहा है।

दूसरी तरफ ए बी पी न्यूज़ तो और घटियापन का परिचय  दे गया। सुबह से चिल्ला रहा है, राजनाथ की टीम में  एनकाउंटर स्पेशलिस्ट ? वो फिर कहता है की अमित  शाह सोहराबुद्दीन के एनकाउंटर का दोषी है पर फिर  भी उसे बोर्ड में लिया गया है। ए बी पी न्यूज़ ने तो आज ही मीडिया ट्रायल करके  अमित शाह को दोषी करार दे दिया।

 कल ये मोदी  पर कार्यक्रम दे रहा था कि मोदी को अमेरिका के  सर्टिफिकेट की क्या जरूरत है। जो चाहते है बोलते हैं ये चैनल और भूल जाते है  कि पब्लिक समझती है कि कांग्रेस के भोंपू बन  कर भोंक रहे हैं ये चैनल वाले।

चैनल को निष्पक्ष  होना ही नहीं चाहिए, उसे निष्पक्ष दिखाई भी देना  चाहिए परन्तु ये हमारे चैनल ना निष्पक्ष हैं और ना  निष्पक्ष दिखते हैं। इन्हें संचालित करने वाली  संस्थाएं गूंगी और बहरी हो चुकी हैं और फेल हो  चुकी हैं। मैं इसकी निंदा करता हूँ क्यूंकि यह  लोकतंत्र के लिए घातक है।

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