क्या अब भी कहोगे की हम आज़ाद है??
राष्ट्रपति की नियुक्ति हो या प्रधानमंत्री की, सेना प्रमुख की हो या केंद्रीय सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) की या फिर किसी भी मंत्रालय में शीर्ष पदों पर किसी मंत्री की
इसका फैसला सिर्फ और सिर्फ सोनिया गाँधी ही करती है.....
सोनिया तो विदेशी है उससे ये आशा करना की वो भारत का भला करेगी ये मूर्खतापूर्ण होगा..... पर क्या कांग्रेस में शीर्ष पदों पर विराजमान तथाकथित भारतीय, देश के हित के बारे में सोचते है. जवाब है कतई नहीं.........क्युकी वो भी अंग्रेजो की औलादे है --------- काले अंग्रेज !!
इन काले अंग्रेजो का बस एक ही काम है सोनिया के तलवे चाटना, जब तलवे चाटने से फुर्सत मिले तब विदेशी हितों की रक्षा करना, विदेशी कम्पनियो को आमंत्रित करना और उनको हर संभव सहयोग और संरक्षण देना, नियम कानून को अनदेखा कर विदेशी बैंको को भारत में अपनी दुकान खोलने की अनुमति देना, भारत को विश्व का कचरा घर बनाना, भारतीय सम्पदाओ का अवैध खनन कर उन्हें विदेशी कंपनियों को औने-पौने दाम में बेचना............ देश की बाग डोर आज भी विदेशी हांथो में है !!
पर सवाल ये खड़ा होता है की आखिर वो ऐसा करते क्यूँ है ?? क्या उन्हें डर नहीं ??
जवाब है ...... क्योंकि उन्हें मालूम है कि..... ये मुर्दों का देश है...... कोई कुछ नहीं बोलेगा..... बहुसंख्यक हिन्दु भेड़ और बकरी के झुण्ड है ...... उन्हें मारो, पीटो और जो मन चाहे करो !!
अपने देश के हितो की रक्षा के लिए लड़ना, शत्रुओं का प्रतिकार करना तो दूर, अपने हित के लिए भी लड़ने का साहस नहीं....
अपने विरुद्ध जब भी कभी कोई बात सुनते है तो शुतुरमुर्ग की तरह जमीन अपना सर गाड देते है !!
राष्ट्रपति पद के इस छुपा-छाई खेल में अंतत: भारत में हिन्दूऔ को खत्म करने का खेल सोनिया द्वारा अभी खत्म नहीं हुआ. अभी तो पटकथा लिखी जा रही है "भोदू" को प्रधानमंत्री बनाने की ...... एक विदेशी (इटली) नागरिक को भारत का प्रधानमंत्री बनाने की......
आजाद,भगत सिंह, राजगूरू,सूखदेव व अन्य देशभक्तों आप हमें माफ कीजियेगा… हम लोग गुलाम थे और गुलाम ही रहेंगे.......
http://www.facebook.com/ notes/ right-to-recall-against-cor ruption/ 01561-कोर्ट-नाटक-और-जनहित-य ाचिका-फिक्सिंग-पार्ट-1/ 496034020415604?refid=12
राष्ट्रपति की नियुक्ति हो या प्रधानमंत्री की, सेना प्रमुख की हो या केंद्रीय सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) की या फिर किसी भी मंत्रालय में शीर्ष पदों पर किसी मंत्री की
इसका फैसला सिर्फ और सिर्फ सोनिया गाँधी ही करती है.....
सोनिया तो विदेशी है उससे ये आशा करना की वो भारत का भला करेगी ये मूर्खतापूर्ण होगा..... पर क्या कांग्रेस में शीर्ष पदों पर विराजमान तथाकथित भारतीय, देश के हित के बारे में सोचते है. जवाब है कतई नहीं.........क्युकी वो भी अंग्रेजो की औलादे है --------- काले अंग्रेज !!
इन काले अंग्रेजो का बस एक ही काम है सोनिया के तलवे चाटना, जब तलवे चाटने से फुर्सत मिले तब विदेशी हितों की रक्षा करना, विदेशी कम्पनियो को आमंत्रित करना और उनको हर संभव सहयोग और संरक्षण देना, नियम कानून को अनदेखा कर विदेशी बैंको को भारत में अपनी दुकान खोलने की अनुमति देना, भारत को विश्व का कचरा घर बनाना, भारतीय सम्पदाओ का अवैध खनन कर उन्हें विदेशी कंपनियों को औने-पौने दाम में बेचना............ देश की बाग डोर आज भी विदेशी हांथो में है !!
पर सवाल ये खड़ा होता है की आखिर वो ऐसा करते क्यूँ है ?? क्या उन्हें डर नहीं ??
जवाब है ...... क्योंकि उन्हें मालूम है कि..... ये मुर्दों का देश है...... कोई कुछ नहीं बोलेगा..... बहुसंख्यक हिन्दु भेड़ और बकरी के झुण्ड है ...... उन्हें मारो, पीटो और जो मन चाहे करो !!
अपने देश के हितो की रक्षा के लिए लड़ना, शत्रुओं का प्रतिकार करना तो दूर, अपने हित के लिए भी लड़ने का साहस नहीं....
अपने विरुद्ध जब भी कभी कोई बात सुनते है तो शुतुरमुर्ग की तरह जमीन अपना सर गाड देते है !!
राष्ट्रपति पद के इस छुपा-छाई खेल में अंतत: भारत में हिन्दूऔ को खत्म करने का खेल सोनिया द्वारा अभी खत्म नहीं हुआ. अभी तो पटकथा लिखी जा रही है "भोदू" को प्रधानमंत्री बनाने की ...... एक विदेशी (इटली) नागरिक को भारत का प्रधानमंत्री बनाने की......
आजाद,भगत सिंह, राजगूरू,सूखदेव व अन्य देशभक्तों आप हमें माफ कीजियेगा… हम लोग गुलाम थे और गुलाम ही रहेंगे.......
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