१) यदि अभी भी "मनरेगा" की जरूरत पड़ रही है....
२) यदि अभी भी "खाद्य सुरक्षा" की जरूरत पड़ रही है...
३) यदि अभी भी "कैश ट्रांसफर" की जरूरत पड़ रही है...
इसका मतलब - १) आर्थिक नीतियाँ फेल हैं... (रोजगार नहीं पैदा किए)
इसका मतलब २) खेती, अनाज वितरण और गरीबी में फेल हैं... (गरीब बनाकर रखा)
इसका मतलब - ३) भ्रष्टाचार रोकने में बुरी तरह फेल हुए हैं... (हर स्तर पर कमीशनखोरी को बढ़ाया)...
तो स्वाभाविक है कि ६५ साल में आपने या तो "घास खोदी" है, या फिर "लूटा" है....
इन ६५ साल में से ५५ साल तो एक ही पार्टी (Sorry एक ही परिवार) ने "राज" किया..
================
भगवान के लिए "भारत निर्माण" का नमक मत मलो हमारे ज़ख्मों पर...
२) यदि अभी भी "खाद्य सुरक्षा" की जरूरत पड़ रही है...
३) यदि अभी भी "कैश ट्रांसफर" की जरूरत पड़ रही है...
इसका मतलब - १) आर्थिक नीतियाँ फेल हैं... (रोजगार नहीं पैदा किए)
इसका मतलब २) खेती, अनाज वितरण और गरीबी में फेल हैं... (गरीब बनाकर रखा)
इसका मतलब - ३) भ्रष्टाचार रोकने में बुरी तरह फेल हुए हैं... (हर स्तर पर कमीशनखोरी को बढ़ाया)...
तो स्वाभाविक है कि ६५ साल में आपने या तो "घास खोदी" है, या फिर "लूटा" है....
इन ६५ साल में से ५५ साल तो एक ही पार्टी (Sorry एक ही परिवार) ने "राज" किया..
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भगवान के लिए "भारत निर्माण" का नमक मत मलो हमारे ज़ख्मों पर...
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