भारतीय सेना को मनमोहन सरकार का करारा झटका ...................!!!
देश की जनता के बाद अब भारतीय सेना पर मनमोहन की भ्रष्ट सरकार का काला साया
डिफेंस मिनिस्ट्री ने आर्म्ड फोर्सेज से फ्यूल कॉस्ट में 20 से 40 फीसदी तक की कमी लाने के लिए कहा है। क्रूड की कीमत में तेज उछाल से सरकार का बजट कैलकुलेशन गड़बड़ा गया है। मिनिस्ट्री के फरमान से सैनिक कमांडर और एनालिस्ट सभी हैरान और देश की रक्षा तैयारियों को लेकर चिंतित हैं।
पायलट के मन में सवाल उठ रहा है कि क्या उन्हें हाफ टैंक के साथ फाइटर प्लेन उड़ाने होंगे। आर्मी दुर्गम इलाकों में सेना और साजोसामान की आवाजाही पर खर्च घटाने के उपाय ढूंढने में लगी है। उसको सोचना पड़ रहा है कि क्या 15000 किलोमीटर के इंटरनैशनल बॉर्डर के किनारे कैंप और बैरक को रोशन करने के लिए डीजल में कटौती करनी होगी।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, डिफेंस मिनिस्ट्री के तहत आने वाले सप्लाई ऐंड ट्रांसपोर्ट डायरेक्टोरेट ने हाल ही में डिफेंस कमांड्स को लेटर लिखा था। इसमें कहा गया है कि आर्म्ड फोर्सेज की जरूरतों के हिसाब से फ्यूल एलोकेशन में इस फिस्कल इयर 20 से 40 फीसदी की कटौती की जाएगी|
सेंटर फॉर एयर पावर स्टडीज के डायरेक्टर जनरल रिटायर्ड एयर कमोडोर जसजीत सिंह फ्यूल सप्लाई में कटौती पर सवाल करते हैं। सिंह कहते हैं, 'प्राइवेट एयरलाइंस अपने रूट को बेहतर तरीके से मैनेज करके फ्यूल बचा सकती हैं। लेकिन कॉम्बैट प्लेन को आधी भरी टंकी के साथ नहीं उड़ाया जा सकता। मुझे नहीं पता कि किस आधार पर फ्यूल कंजम्पशन घटाने का निर्देश दिया गया है। मुझे नहीं पता कि ट्रेनिंग में एटीएफ कैसे बचाया जाएगा।
No comments:
Post a Comment