Saturday, July 6, 2013

आतंकियों के साथ एक गांव में हथियार खरीदने भी गई थी इशरत

आतंकियों के साथ एक गांव में हथियार खरीदने भी गई थी इशरत


गांव इब्राहिमपुरा, जगनपुरा, फैजाबाद (उत्तर प्रदेश) के रहने वाले वाशी ने मजिस्ट्रेट के सामने धारा 164 के तहत दिए बयान में बताया था कि इशरत जावेद और पाकिस्तानी सलीम उर्फ अमजद अली राणा के साथ हथियार हासिल करने लखनऊ और इब्राहिमपुरा गांव आई थी।

बयान से यह भी कहा गया कि इशरत को कश्मीर में मुठभेड़ के दौरान सलीम के कंधे में लगी चोट के बारे में पता था। जब गांव के एक डॉक्टर ने सलीम का इलाज किया था तब इशरत और जावेद भी वहां मौजूद थे।

हेडली के बयानों का भी हवाला:

इशरत के आतंकी रिकॉर्ड के बारे में आईबी ने अमेरिका में पकड़े गए आतंकी डेविड हेडली के बयानों का भी हवाला दिया है। हेडली ने एफबीआई और एनआईए को बताया था कि पाक आतंकी जकीउर रहमान लखवी ने मुजम्मिल से मिलवाते हुए उसे इशरत जहां के बारे में बताया था। बकौल हेडली, जकी ने हेडली को यह भी बताया था कि इशरत मुजम्मिल द्वारा भर्ती सुसाइड बॉम्बर थी। जो एक हमले के दौरान हिंदुस्तानी पुलिस के हाथों मारी गई। आईबी ने अपने नोट में यह भी कहा है कि गुजरात में 15 जून 2009 को क्राइम ब्रांच के हाथों मुठभेड़ में मारे गए चारों लोगों के बारे में उसे मीडिया से ही जानकारी मिली थी। आईबी ने यह भी कहा है कि नोट में दिए गए इंटेलीजेंस इनपुट के अलावा मारे गए चारों लोगों की राष्ट्रीयता के बारे में भी आईबी के पास कोई रिकॉर्ड नहीं है।

नोट में आईबी ने कहा है कि गुजरात राज्य आईबी को जानकारी मिली थी कि दो पाकिस्तानी आतंकी, जो पंजाबी लहजे में बात करते हैं, नाम बदल-बदलकर गुजरात में घूम रहे हैं। उनके साथ पुणे का एक व्यक्ति कोआर्डिनेट कर रहा है। यह जानकारी एसआईबी के जॉइंट डायरेक्टर ने मौखिक रूप से अहमदाबाद के पुलिस कमिश्नर को दी थी।


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