एक इशरत जहाँ पर अब तक अस्सी करोड़ रूपये खर्च हो चुके है और ३०० अधिकारी दिन रात सिर्फ इशरत जहाँ के मामले पर पिछले पांच साल से बीजी है ....
तो फिर मौसम विभाग की चेतावनी को नजरंदाज करने वाले उत्तराखंड के मुख्यमंत्री और केन्द्रीय डिजास्टर मैनेजमेंट के मुखिया प्रधानमंत्री पर मानववध का केस क्यों नही चलना चाहिए ????
अगर कांग्रेस की सीबीआई ये तर्क देती है की चूँकि इशरत जहाँ का एनकाउंटर मोदी के जानकारी में हुआ तो मोदी का नाम भी चार्जशीट में डाला जा सकता है तो फिर मौसम विभाग की लिखित चेतावनी जिसमे कहा गया था की आप चारोधाम यात्रा तुरंत रोक दे और पूरी केदारनाथ घाटी सहित उपरी इलाके को खाली करवा दे क्योकि अतिभारी बारिश और बादल फटने की सम्भावना है ...तो इस चेतावनी को नजरंदाज करके हजारो लोगो की जान लेने पर प्रधानमंत्री और विजय बहुगुणा पर मानववध का केस अबश्य बनता है |
आज कई चैनेलो ने मौसम विभाग के द्वारा उत्तराखंड सरकार और केंद्र सरकार की डिजास्टर मैनेजमेंट अथारिटी जिसके मुखिया खुद प्रधानमंत्री होते है भेजे गये १३ जून और १४ जून और १५ जून की कड़ी चेतावनी पत्र को दिखाया |
फिर भी न तो केंद्र सरकार ने कोई कदम उठाया और न ही राज्य सरकार ने ..उपर से मनीष तिवारी ने कहा की ऐसी चेतावनी तो मौसम विभाग रोज देता है .
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