Wednesday, July 24, 2013

प्रधानमंत्री कौन? सितारे मोदी के पक्ष में हैं







प्रधानमंत्री कौन? सितारे मोदी के पक्ष में हैं

उपलब्ध जन्म विवरणों के अनुसार श्री नरेन्द्र दामोदर दास मोदी का जन्म दिनांक 17 सितम्बर 1950 की दोपहर 11 बजे वादनगर जिला मेहसाना गुजरात में हुआ। जैसा कि ऊपर दर्शाया गया है, जन्म के समय वृश्चिक लग्न और कर्क का नवांश उदय हो रहा है।


अनुराधा नक्षत्र में पैदा श्री नरेन्द्र मोदी की जन्म राशि वृश्चिक है। इसमें चन्द्रमा और मंगल का योग लग्न भाव में ही स्थित है। इसके उपरान्त बृहस्पति वक्री चौथे भाव में, राहु पंचम भाव में, शुक्र और शनि दशम भाव में बैठे हैं। स्वग्रही बुध सूर्य और केतु का योग एकादश भाव में है। नवांश कुण्डली में यह स्थिति बदल गई है लग्न में कर्क राशि का मंगल आ गया है। शुक्र और राहु दूसरे भाव में हैं। चन्द्र तीसरे, गुरू पंचम, शनि छठे, सूर्य और बुध सप्तम भाव में और केतु अष्टम भाव में है।


महादशा के अनुसार शनि की भोग्य दशा जन्म के समय 11 वर्ष ढाई मास शेष थी जो 30 नवम्बर 1961 को समाप्त हुई । इसके उपरान्त 30 नवम्बर 1978 तक बुध की महादशा, नवम्बर 1985 तक केतु की महादशा, नवम्बर 2005 तक शुक्र की महादशा। इसमें यह विचारणीय है कि शुक्र उनके दशम भाव में शनि के साथ स्थित है अतः 1985 के बाद नरेन्द्र मोदी जी का राजनैतिक कैरियर आरंभ हो गया था। वर्ष 2005 तक वे केन्द्र की संसद के रास्ते गुजरात के मुख्यमंत्री पद पर आसीन हो गए थे। शुक्र और शनि एकसाथ बैठे हैं अतः शुक्र की महादशा के दौरान ही उनके ऊपर गुजरात के साम्प्रदायिक दंगों का आरोप भी लगाया जाता है।


वर्ष 2005 के दिसम्बर के बाद सूर्य की महादशा 30 नवम्बर 2011 तक रही जिसमें उन्होंने अपनी छवि को आलीशान तौर पर सुधार कर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक योग्य और हरदिलअजीज मुख्यमंत्री की छवि का खिताब अर्जित किया। विरोधी चाहे कुछ भी कहें नमूने के तौर पर सारा गुजरात उनके लिए नतमस्तक रहता है। वे उन सब गुजरातियों के भी हैं जो देश-विदेश में रहते हैं । अपने प्रान्त को रिप्रजेन्ट करते हैं। अमेरिका, चीन, जापान, मलेशिया, सिंगापुर, कजाकिस्तान और रूस जैसे देश नरेन्द्र मोदी के कुशल राजनीतिक प्रबन्धन के कायल है और आज गुजरात में कोई भी विदेशी पूंजी लगाने के लिए तैयार रहता है।

वर्ष नवम्बर 2011 से नरेन्द्र मोदी को चन्द्रमा की महादशा आरंभ हुई। 30 सितम्बर 2012 तक चन्द्रमा में चन्द्रमा का ही अन्तर जारी रहा। इस दौरान गुजरात दंगों और अन्य आरोपों का कलंक भी काफी हद तक मोदी के दामन से धुलता रहा। विपक्षी और विरोधी इसे अभी भी एक छुपा हुआ षड्यंत्र समझ रहे हैं लेकिन वक्त की नजाकत कुछ और ही कहती है। विचारणीय है कि नरेन्द्र मोदी के लग्न में जहां चन्द्रमा नीच राशि का है वहीं दशम भाव में शनि भी शत्रु राशि का है। ये दोनों ग्रह दामन में दाग और बेबुनियाद आरोप लगाने में अग्रणी रहते हैं। किसी की कुण्डली में अगर ऐसा योग देखें तो उसके ऊपर सुलझे और अनसुलझे हत्या का आरोप हमेशा लगाया जाता है।

दूसरी ओर मोदी की कुण्डली में अनेक प्रकार के राजयोग यश, ख्याति और लोकप्रियता के योग विद्यमान हैं जैसे कि केदारयोग, गजकेसरी योग, रूचकयोग, मुसलयोग, वरिष्ठयोग, वोशियोग, पर्वतयोग, कालयोग, भेरीयोग शंखयोग, नीचभंगराजयोग, केन्द्र त्रिकोण, राजयोग, चन्द्र मंगल राजयोग, अमरबेल राजयोग तथा अक्षयसाम्राज्य राजयोग आदि आदि। इन सब योगों का कमाल है कि नरेन्द्र मोदी को एक छोटे आदमी से दुनिया का नामी अच्छा आदमी बनने से कोई नहीं रोक पा रहा है।

उनके अपने राज्य में भी इनकी पार्टी के ही बहुत सारे विरोधी हैं जो उनके कुर्ते पर कैंची मार सकते हैं, लेकिन इससे क्या है जब सारे देश में बच्चे-बच्चे के मुंह पर नरेन्द्र मोदी का नाम होगा। क्योंकि नीच चन्द्रमा को मंगल का सपोर्ट मिलने से जो नीच भंगयोग हुआ वैसा ही दशम भाव के शनि को पंचमेश गुरू का सपोर्ट मिलने से उसका भी नीच भंग हो गया है। अब कहां जाएगा विरोधियों और उसके भाड़े के विरोधियों का चटखारा। सब कुछ चन्द्रमा की महादशा और राहु की अन्तरदशा जो कि अक्टूबर 2014 तक जारी है में उसे गुजरात से दिल्ली संसद तक लाकर विजयी भवः कहते हुए भारतीय जनता पार्टी को अब तक की सबसे अधिक लोकप्रिय पार्टी बनायेगा बल्कि नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने में ज्यादा जोड़तोड़ भी नहीं करनी पड़ेगी।

मोदी को प्रधानमंत्री घोषित करने के बाद भाजपा भी 240 से 250 के मध्य तक लोकसभा की सीटें जीत सकती हैं।

http://blogs.navbharattimes.indiatimes.com/aasthaaurchintan/entry/the-stars-are-with-narendra-modi-for-pm

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