जब गोमती पार्क में बुद्ध की प्रतिमा पर चढ़कर कुछ "शांतिदूत" उत्पात मचा रहे थे, तब भी अम्बेडकरवादी बौद्ध चुपचाप बैठे रहे... बोधगया में भी "मूलनिवासी" (Sorry) इंडियन मुजाहिदीन ने धमाके कर दिए, फिलहाल अम्बेडकरवाद कहीं दुबका हुआ बैठा है...
और अब यह खबर आई है मुम्बई और इसके आसपास के उपनगरों में मिशनरी संस्थाएं चुन-चुनकर बौद्ध धर्मावलंबियों और दलितों को ईसाई बनाने में लगी हुई हैं... इधर भी कथित दलित समर्थकों में कोई हलचल नहीं है...
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लगता है इनकी सारी ऊर्जा सिर्फ ब्राह्मणों को गाली देने में ही खर्च हो जाती है...
और अब यह खबर आई है मुम्बई और इसके आसपास के उपनगरों में मिशनरी संस्थाएं चुन-चुनकर बौद्ध धर्मावलंबियों और दलितों को ईसाई बनाने में लगी हुई हैं... इधर भी कथित दलित समर्थकों में कोई हलचल नहीं है...
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लगता है इनकी सारी ऊर्जा सिर्फ ब्राह्मणों को गाली देने में ही खर्च हो जाती है...
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