Tuesday, March 11, 2014

500 पन्नो कि किताब

डाक्टर पागल से- ये क्या है ?
पागल- ये मैने 500 पन्नो कि किताब लिखी है..

डाक्टर- तुमने 500 पन्नो कि किताब मे क्या लिखा ?
पागल - 1st पेज पे लिखा है
एक इमानदार झाडू पे बैठ के गुजरात की तरफ चला, और आखिरी पेज पे लिखा है, वहाँ उसको बीजेपी वालो ने जम के पीटा .. Moral- इमानदारी का जमाना नही रहा ।

डाक्टर- तो कमीने बीच के 498 पन्नो पर क्या लिखा ?
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पागल - खोँ खोँ खोँ खोँ खोँ खोँ खोँ खोँ खोँ खोँ खोँ खोँ खोँ खोँ खोँ खोँ खोँ खोँ खोँ खोँ खोँ खोँ खोँ खोँ खोँ खोँ खोँ खोँ खोँ खोँ खोँ खोँ खोँ खोँ खोँ खोँ खोँ खोँ खोँ खोँ खोँ खोँ खोँ खोँ खोँ खोँ खोँ खोँ खोँ खोँ खोँ खोँ खोँ खोँ खोँ खोँ खोँ खोँ खोँ खोँ खोँ खोँ खोँ खोँ खोँ खोँ खोँ खोँ खोँ खोँ खोँ खोँ

डाक्टर : तेरी ये कहानी पढेगा कौन ?
पागल : आम आदमी पार्टी के सदस्यो को गिफ्ट कर दुंगा , वो मेरे अपने भाई , बहन हैँ जरूर पढेगेँ ।

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