दो लोग मारे गए :- कुंडा में जिया-उल-हक और टांडा में रामबाबू गुप्ता...
एक की पत्नी ने राजा भैया पर आरोप लगाया - तत्काल इस्तीफ़ा और मीडिया-सेकुलर गैंग का छातीकूट अभियान शुरू...
दूसरे की पत्नी ने विधायक अजीमुल-हक पर हत्या का आरोप लगाया - कहीं कोई हलचल नहीं...
पहले के यहाँ पाँच घंटे के भीतर मुख्यमंत्री सदल-बल हाजिरी लगाने पहुंचे... दूसरे के यहाँ जाने के बारे में अभी सोचेंगे (जैसा हेमराज के बारे में सोचा था).
पहले वाले को सांत्वना के रूप में सात-आठ नौकरियों का आश्वासन और और एक करोड़ रूपए... दूसरे के यहाँ अभी फूटी कौड़ी भी नहीं...
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लेकिन असली पेंच...और मूलभूत अंतर तो आगे है :- पहले वाले के यहाँ इमाम बुखारी, अखिलेश यादव और गृह राज्यमंत्री पहुंचे, "मीडियाई लोमडों" का झुण्ड तो खैर तीन दिन से वहाँ है ही...
दूसरे वाले के यहाँ भाजपा का एक भी वरिष्ठ केन्द्रीय नेता नहीं पहुंचा... योगी आदित्यनाथ के पहुँचने की आशंका भर से प्रशासन ने उन्हें गाजियाबाद में उतरवा लिया. लेकिन दिल्ली के "पंजा छाप भाजपाई" अभी भी विचार ही कर रहे हैं कि क्या करें...
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एक की पत्नी ने राजा भैया पर आरोप लगाया - तत्काल इस्तीफ़ा और मीडिया-सेकुलर गैंग का छातीकूट अभियान शुरू...
दूसरे की पत्नी ने विधायक अजीमुल-हक पर हत्या का आरोप लगाया - कहीं कोई हलचल नहीं...
पहले के यहाँ पाँच घंटे के भीतर मुख्यमंत्री सदल-बल हाजिरी लगाने पहुंचे... दूसरे के यहाँ जाने के बारे में अभी सोचेंगे (जैसा हेमराज के बारे में सोचा था).
पहले वाले को सांत्वना के रूप में सात-आठ नौकरियों का आश्वासन और और एक करोड़ रूपए... दूसरे के यहाँ अभी फूटी कौड़ी भी नहीं...
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लेकिन असली पेंच...और मूलभूत अंतर तो आगे है :- पहले वाले के यहाँ इमाम बुखारी, अखिलेश यादव और गृह राज्यमंत्री पहुंचे, "मीडियाई लोमडों" का झुण्ड तो खैर तीन दिन से वहाँ है ही...
दूसरे वाले के यहाँ भाजपा का एक भी वरिष्ठ केन्द्रीय नेता नहीं पहुंचा... योगी आदित्यनाथ के पहुँचने की आशंका भर से प्रशासन ने उन्हें गाजियाबाद में उतरवा लिया. लेकिन दिल्ली के "पंजा छाप भाजपाई" अभी भी विचार ही कर रहे हैं कि क्या करें...
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