आज आम आमी पार्टी के लोग भाजपा पर आरोप लगा रहे हैं की यह विपकछ के रूप में बिलकुल फ़ैल है. तो इसकी जवाबदेही भाजपा के शीर्ष नेताओं की है जो दिल्ली में निष्क्रिय बैठे हैं इन्हें अपने निजी वर्चस्व की चिंता है, संगठन की नहीं यदि संगठन इनके लिए महत्वपूर्ण होता तो अब तक भाजपा का नेतृत्व श्री मोदी के हाथों में दे दिया होता और यदि समय रहते ये नहीं हुआ तो 2014 में फिर से कोई भ्रष्ट सरकार बनेगी !
अडवाणी जी अपने नेतृतव में २ बार बीजेपी को चुनावो में हरा चुके है फिर भी प्रधान मंत्री की कुर्सी को नहीं छोरना चाहते. लगता है की अडवाणी जी के नित्रित्वा में फिर से भाजपा 2014 में चुनाव हारेगी और फिर से सरकार कांग्रेसी की बनेगी.
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अडवाणी जी अपने नेतृतव में २ बार बीजेपी को चुनावो में हरा चुके है फिर भी प्रधान मंत्री की कुर्सी को नहीं छोरना चाहते. लगता है की अडवाणी जी के नित्रित्वा में फिर से भाजपा 2014 में चुनाव हारेगी और फिर से सरकार कांग्रेसी की बनेगी.
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