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आपतक ब्यूरो, नई दिल्ली: इंडियन पॉलिटिक्स में वह हो गया है, जिसकी उम्मीद किसी को नहीं थी- नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी का अलायंस। कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों ने हमें बताया है कि गुजरात के चीफ मिनिस्टर और कांग्रेस के वाइस प्रेजिडेंट के बीच अगले जनरल इलेक्शन को लेकर एक डील हुई है, जिसकी जानकारी सीक्रेट रखी जाएगी। मोदी के एक करीबी ने भी नाम न छापने की शर्त पर इस खबर की पुष्टि की है।
ReplyDeleteअभी हाल में मोदी और राहुल एक बड़े कारोबारी के फार्महाउस पर मिले। यह कारोबारी गुजरात में काफी बड़ा निवेशक है और कांग्रेस से नजदीकी के लिए जाना जाता है। इस मुलाकात के वक्त वहां कुछ ही लोग मौजूद थे। बताते हैं कि मोदी और राहुल के बीच अलग से भी काफी देर तक बातचीत हुई। इस दौरान माहौल दोस्ताना था। दोनों नेताओं ने बड़े अदब से एक-दूसरे का स्वागत किया और विदा होते वक्त हाथ भी मिलाया।
बताया जाता है कि इस मुलाकात में एक राजनीतिक डील पर रजामंदी बनी है। यह रजामंदी मुख्य रूप से 6 बातों को लेकर है। एक, जल्द ही लोकसभा भंग करके चुनाव का ऐलान कर दिया जाएगा। दो, चुनाव के दौरान कांग्रेस और मोदी एक-दूसरे के खिलाफ कोई सख्त स्टैंड नहीं लेंगे। तीन, नतीजे आने के बाद कांग्रेस सरकार बनाने का दावा नहीं करेगी। चार, मोदी को पीएम बनाए जाने के लिए वह अपने असर का इस्तेमाल करेगी। पांच, सत्ता में आने के बाद मोदी राहुल को अपना कद बढ़ाने का मौका देंगे और उनसे इस तरह बर्ताव करेंगे जैसे वे भावी पीएम हों। छह, सरकार में युवा नेताओं को ही जगह दी जाएगी।
इस डील में मोदी और राहुल दोनों का फायदा है। मोदी को खतरा है कि बीजेपी में दूसरे नेता अपनी दावेदारी आगे बढ़ा सकते हैं। इसलिए अगर जल्दी चुनाव होंगे, विरोधी खेमे को मोर्चाबंदी का मौका नहीं मिलेगा। राहुल भी यह समझ रहे हैं मौजूदा हालात में यूपीए के लिए सरकार बनाना मुश्किल होगा। जिस रफ्तार से करप्शन के स्कैंडल सामने आ रहे हैं, उसे देखते हुए देरी घातक हो सकती है। उस पर अगर हमलावर मोदी पीएम बन गए तो बहुत मुश्किल हो जाएगी।
कांग्रेस से दोस्ती रखने वाले मोदी पीएम बनें और इस दौरान राहुल को अपोजिशन लीडर के तौर पर इमेज कमाने का मौका मिले, यह दोनों के लिए विन-विन सिचुएशन है।
कैसे मुमकिन हुई डील
मोदी और राहुल के बीच रेपो के पीछे एक पर्सनल वजह भी बताई जाती है। मोदी सिंगल हैं और राहुल भी। बताते हैं कि राहुल मोदी की इस बात से काफी प्रभावित हैं और हाल में खुद भी शादी को लेकर अनिच्छा जता चुके हैं। मुमकिन है कि अकेले में उनके बीच इस मसले पर बातचीत हुई हो और राहुल ने अकेले जिंदगी गुजारते हुए जनता की सेवा के गुर सीखे हों। मोदी भी एक युवा नेता के ऐसे ऊंचे विचारों की तारीफ किए बिना नहीं रह सके होंगे।
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