चले ब्राह्मण तब धरती धधकती हे....
बोले ब्राह्मण तो आग बरसती हे....
टकराने की हिम्मत रखो तो ब्राह्मण का सामना करो,
पीठ पीछे बोलके हमारा समय ख़राब मत करो...
खड़ा हो जहा ब्राह्मण वहा ज्ञान की लहर चलती हे,
अरे इस ब्राह्मण से तो अच्छे अच्छो की आवाज बंद होती हे,
परशुराम की संतान हे फरसा साथ में रखो,
शंकराचार्य के ज्ञान को अपने दिमाग में रखो....
ब्राह्मण की सेना का निर्माण करो,
अपने हक अपने अस्तित्व की रक्षा का प्रण आभास करो..
बढ़ाते जाओ हाथ कोई तो ब्राह्मण थामेगा,
आज नहीं तो कल वो भी साथ हो जायेगा...
चलते चलो ब्राह्मण एकता की राह पे,
साथ भाई को जोड़ते चलो,
एक होंगे तो ज्वाला हे हम.
ज्वाला की गर्मी आग हे ह्हुम....
जय जय परशुराम कहते बढ़ो,
अपने अन्दर के डर को मिटाते चलो,
ज्ञान की प्राप्ति बढ़ाते चलो,,,
आदि गुरु की जय जय कर करते रहो....
जम्मू से केरल तक फेले ब्रह्मिनो को एक होना होगा,
अपने हितो की रक्षा के लिए परशुराम भी बनना होगा,
बातो से नहीं बनेगी एकता जमीनी तयारी करनी होगी,
ब्राह्मण साम्राज्य की सेना अस्तित्व में लानी होगी....
परशुराम प्रकट उत्सव 12 मई को आयेगा,
एकता की नयी शुरआत की क्रान्ति कहलायेगा,
अपने अपने शहर के ब्रह्मिनो से जुड़ते चलो,
12 मई को शक्ति प्रदर्शन कर बढ़ते रहो....
आज जरुरत या मज़बूरी समझो,
एकता की मांग को जरुरी समझो....
1 घंटा भी अपने समाज को दो,
नए समाज का निर्माण में योगदान दो.....
हर हर महादेव,
जय जय परशुराम,
ब्राह्मण एकता विजयते
सर्व सनातन जयते...
बोले ब्राह्मण तो आग बरसती हे....
टकराने की हिम्मत रखो तो ब्राह्मण का सामना करो,
पीठ पीछे बोलके हमारा समय ख़राब मत करो...
खड़ा हो जहा ब्राह्मण वहा ज्ञान की लहर चलती हे,
अरे इस ब्राह्मण से तो अच्छे अच्छो की आवाज बंद होती हे,
परशुराम की संतान हे फरसा साथ में रखो,
शंकराचार्य के ज्ञान को अपने दिमाग में रखो....
ब्राह्मण की सेना का निर्माण करो,
अपने हक अपने अस्तित्व की रक्षा का प्रण आभास करो..
बढ़ाते जाओ हाथ कोई तो ब्राह्मण थामेगा,
आज नहीं तो कल वो भी साथ हो जायेगा...
चलते चलो ब्राह्मण एकता की राह पे,
साथ भाई को जोड़ते चलो,
एक होंगे तो ज्वाला हे हम.
ज्वाला की गर्मी आग हे ह्हुम....
जय जय परशुराम कहते बढ़ो,
अपने अन्दर के डर को मिटाते चलो,
ज्ञान की प्राप्ति बढ़ाते चलो,,,
आदि गुरु की जय जय कर करते रहो....
जम्मू से केरल तक फेले ब्रह्मिनो को एक होना होगा,
अपने हितो की रक्षा के लिए परशुराम भी बनना होगा,
बातो से नहीं बनेगी एकता जमीनी तयारी करनी होगी,
ब्राह्मण साम्राज्य की सेना अस्तित्व में लानी होगी....
परशुराम प्रकट उत्सव 12 मई को आयेगा,
एकता की नयी शुरआत की क्रान्ति कहलायेगा,
अपने अपने शहर के ब्रह्मिनो से जुड़ते चलो,
12 मई को शक्ति प्रदर्शन कर बढ़ते रहो....
आज जरुरत या मज़बूरी समझो,
एकता की मांग को जरुरी समझो....
1 घंटा भी अपने समाज को दो,
नए समाज का निर्माण में योगदान दो.....
हर हर महादेव,
जय जय परशुराम,
ब्राह्मण एकता विजयते
सर्व सनातन जयते...
बहुत अच्छा
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