"पापाजी आप दादा बन गये हो "
बड़े बेटे ने अस्पताल से फ़ोन पर शुभ समाचार दिया तो उनकी प्रसन्नता का ठिकाना ना रहा |
खुशी के मारे सारा घर सिर पर उठा लिया |
100 का नोट छोटे बेटे को देते हुए बोले :-
"छोटे झटपट लड्डू तो ले आ"
100 का नोट लेकर छोटे फुर्ती से स्कूटर की तरफ दोड पड़ा , वह किक लगानेवाला था की पापा तुरंत बाहर आते हुए बोले -
"थोड़ा रुक जा छोटे पहले अस्पताल से तेरी माँ का फ़ोन आ जाने दे की लड़का हुआ हे या लड़की |
कहीं लड़की हुई होगी तो ........????????? "
------------------------------ -----------------------------
माँ चाहिए,
बहन चाहिए,
पत्नी चाहिए ,
लेकिन बेटी नहीं चाहिए
कैसी गंदी सोच के है ये आज के 21 वी सदी के लोग भी
बेटा हुआ तो आवारागर्दी भी कर सकता है
माँ बाप का अपमान भी कर सकता है
पत्नी के आपने पर घर छोड़ के दूर भी जा सकता है
फिर ये कैसे अपने मन मे ही मान लेते है कि बेटा हुआ तो
कोई डोक्टर इंजीनीर या भारत का प्रधानमंत्री ही बनेगा ।
बेटी हुई तो जीवन भर प्यार करेगी अपने माँ बाप को
दो परिवारों की इज्जत को ढोएगी अपने कंधो पर और
अपने अरमानो का गला घोंट कर भी उस इज्जत को बढ़ाएगी ।
प्रसव का मृत्यु-तुल्य दर्द सह कर किसी के वंश को बढ़ाएगी
पहले माँ-बाप के अंकुश मे जिएगी
फिर भाइयो के, फिर पति के और अंत मे पुत्रो के
अंकुच मे जिएगी ।
इतना त्याग करने वाली और शृष्टि के निर्माण की दूसरी धुरी होने पर
भी स्त्री का ये अपमान क्यो इस देश मे ?
माँ भगवती की हर नवरात्रों मे पुजा करने वालों बेटी उसी भाग्यशाली के घर मे
पैदा होती है जिस घर मे माँ भगवती खुद आना चाहती है ।
हरी ॐ
बड़े बेटे ने अस्पताल से फ़ोन पर शुभ समाचार दिया तो उनकी प्रसन्नता का ठिकाना ना रहा |
खुशी के मारे सारा घर सिर पर उठा लिया |
100 का नोट छोटे बेटे को देते हुए बोले :-
"छोटे झटपट लड्डू तो ले आ"
100 का नोट लेकर छोटे फुर्ती से स्कूटर की तरफ दोड पड़ा , वह किक लगानेवाला था की पापा तुरंत बाहर आते हुए बोले -
"थोड़ा रुक जा छोटे पहले अस्पताल से तेरी माँ का फ़ोन आ जाने दे की लड़का हुआ हे या लड़की |
कहीं लड़की हुई होगी तो ........????????? "
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माँ चाहिए,
बहन चाहिए,
पत्नी चाहिए ,
लेकिन बेटी नहीं चाहिए
कैसी गंदी सोच के है ये आज के 21 वी सदी के लोग भी
बेटा हुआ तो आवारागर्दी भी कर सकता है
माँ बाप का अपमान भी कर सकता है
पत्नी के आपने पर घर छोड़ के दूर भी जा सकता है
फिर ये कैसे अपने मन मे ही मान लेते है कि बेटा हुआ तो
कोई डोक्टर इंजीनीर या भारत का प्रधानमंत्री ही बनेगा ।
बेटी हुई तो जीवन भर प्यार करेगी अपने माँ बाप को
दो परिवारों की इज्जत को ढोएगी अपने कंधो पर और
अपने अरमानो का गला घोंट कर भी उस इज्जत को बढ़ाएगी ।
प्रसव का मृत्यु-तुल्य दर्द सह कर किसी के वंश को बढ़ाएगी
पहले माँ-बाप के अंकुश मे जिएगी
फिर भाइयो के, फिर पति के और अंत मे पुत्रो के
अंकुच मे जिएगी ।
इतना त्याग करने वाली और शृष्टि के निर्माण की दूसरी धुरी होने पर
भी स्त्री का ये अपमान क्यो इस देश मे ?
माँ भगवती की हर नवरात्रों मे पुजा करने वालों बेटी उसी भाग्यशाली के घर मे
पैदा होती है जिस घर मे माँ भगवती खुद आना चाहती है ।
हरी ॐ
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