किसी दार्शनिक ने कहा कि एक झूठ को सौ बार बोलो तो वह सत्य हो जाता है। वैसे ही एक झूठ यह है कि मजहब या धर्म के कारण दंगे होते हैं। मोहम्मद गजनी क्या कोई संत फकीर था ? उसका उददेश्य भारत की संपत्ति लूटना और राज करना था। शासन और संपत्ति के लालच में ही तमाम आक्रमणकारी आये। इतने बडे देश में वह बिना अपनी लाॅबी तैयार किये कैसे शासन कर सकते थे? इसलिये तलवार उठाई और धर्मांतरण कराया। अंग्रेजों का भी यही हाल रहा शिक्षा पद्धति फैलाने से लेकर मेघालय, असम, अरुणांचल, नागालैंड में ईसायत का प्रचार प्रसार प्रभु यीशु के साक्षात्कार के लिये नहीं किया। कभी घनघोर नास्तिक रहे बैरिस्टर जिन्ना को लगा कि मजहब का नाम लेने से उनके वेस्टेज इंटरेस्ट की पूर्ती हो सकती है तो वह कटटर मुसलमान बन गये। जो खुदा को मानना तो दूर प्रचंड नास्तिक थे। मजहब या धर्म के जो ठेकेदार थे उनके कारण दंगे होते रहे। प्रथम विश्व युद्ध के बाद अफगानिस्तान में भी एक कालखंड ऐसा आया जब लोगों को एहसास हुआ कि हम आर्यन हैं। इस राष्ट्रीयता का विरोध करने वाले कुछ सियासी और मजहब के ठेकेदार सामने आ गये और दंगे हुए। ईरान में अयातुल्ला खोमानी को पदच्युत कर दिया गया क्यों ? क्यों कि ईरान में जब यही राष्ट्रीयता जगी तो उन्होंने अपने Pre Islamic Heroes के बारे में सोचना शुरु किया जो साेहराब, रुस्तम, जमशेद, बहराम थे जो ईश्लाम से पहले के ईरान के महापुरुष थे। इसका भी विरोध मजहब की आड में सियासत के ठेकेदारों ने किया। इजिप्ट में भी यही हुआ और तुर्की में मुस्तफा कमाल पाशा आये और उन्होंने कहा कि हम ईश्लाम को मानते हैं, अल्लाह को मानते हैं, मस्जिद को मानते हैं, पैगंबर साहब को मानते हैं लेकिन हमारी राष्ट्रीयता की मांग है कि तुर्की पर अरेबिक संस्कृति का हमला नहीं मानेगें। उन्होंने कुरान को अरबी से तुर्की भाषा में अनुवाद कराया और ईश्लाम का तुर्की के अनुसार परिवर्तन किया। इस परिवर्तन को स्वीकार करने वाले युवा तुर्क और मजहबी कटटरपंथियों के बीच दंगे हुए। इसमें मजहब का दोष नहीं सिर्फ राजनैतिक स्वार्थ के कारण ही रक्तपात हुआ।
बीजेपी के समर्थक है और आलोचक भी | सरकार के प्रत्येक निर्णय पर हम अपने विचार रखने का प्रयास करेंगे |
ईश्वर हमारी सत्य बोलने में मदद करे |
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
Paid मीडिया का रोल
क्या मोदी सरकार पिछली यूपीए सरकार की तुलना में मीडिया को अपने वश में ज्यादा कर रही हैं? . यह गलत धारणा पेड मीडिया द्वारा ही फैलाई गयी है ...
-
भारत की वकालत करने वाले इसे पुरातन संस्कृति से जोड़कर देखते हैं। भारत के नाम का भी महत्व इस तरह बताया जाता है कि यह महान राजा भरत के नाम पर...
-
Please read : - http://en.wikipedia.org/wiki/Macaulayism 1858 में अंग्रेजोँ द्वारा Indian Education Act बनाया गया | इसकी ड्राफ्टिंग लोर्ड ...
-
दोस्तों आज पूरा एक वर्ष हो गया जब ''ना''पाकिस्तानी हमारे शेर हेमराज सिंह का सर काट ले गए थे...! उस समय तुष्टिकरण की राजनी...
No comments:
Post a Comment