Tuesday, January 21, 2014

The Nehru Returns

देश का दुर्भाग्य ही था कि 1100 व़ी, शताब्दी मे पृथ्वीराज चौहान 17 बार युद्ध जीत के 18 वी बार मोहम्मद गोरी से हार गये।

देश का दुर्भाग्य ही था कि 1500 वी शताब्दी में मेवाड़ के महाराणा सांगा, बाबर को हरा ना सके।

देश का दुर्भाग्य था 1600 वी शताब्दी मे शूरवीर हेमचन्द्र अकबर से जीती हुई लड़ाई धोखे से हार गये।

देश का दुर्भाग्य ही था कि 1600 वी शताब्दी मे कुछ गद्दार लोगो की वजह से महाराणा प्रताप हल्दीघाटी की लड़ाई मे अकबर को हरा ना सके।

देश का दुर्भाग्य ही था कि छत्रपति शिवाजी ओरंगजेब को हरा ना पाए.

देश का दुर्भाग्य था कि 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम मे हम अंग्रेज़ो को नहीं हरा पाए.

देश का दुर्भाग्य था कि सुभाषचन्द्र बोस की अंग्रेज़ो से युद्ध से पहले ही मौत हो गयी।

देश का दुर्भाग्य ही था कि सरदार पटेल की जगह नेहरू को प्रधानमन्त्री बना दिया गया।

देश का दुर्भाग्य ही था कि लाल बहादुर शास्त्री जी को धोखे से मार दिया गया।

और वर्तमान में देश का दुर्भाग्य ही होगा यदि हम इस बार वल्लभभाई पटेल जैसे मजबूत इरादों के वाले नरेन्द्रभाई मोदी को प्रधानमन्त्री ना बन पाए।

(याद रहे- युग दोहरा रहा है, केजरीवाल इस समय नेहरु की भूमिका में है, नेहरु की तरह वो भी कश्मीर को पाकिस्तान को देने के पक्ष में है और मोदी जी वल्लभभाई पटेल की भूमिका में, जो सशक्त एवं समृद्ध दिन्दुस्तान बनाने के लिए संकल्पबद्ध है।)

हे भारत राष्ट्र के बुद्धिशील नागरिकों, आओ इस बार हम नया इतिहास बनाएँ -- दोहराएँ नहीं।।।


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