दोस्तों आज पूरा एक वर्ष हो गया जब ''ना''पाकिस्तानी हमारे शेर हेमराज सिंह का सर काट ले गए थे...!
उस समय तुष्टिकरण की राजनीति चलते जिया-उल-हक़ की पत्नी प्रवीण को एक करोड़ रुपया और तीन सदस्यों को नौकरी देने वाले और उसी दिन संवेदना प्रकट करने पहुँच गए ''अ''समाजवादी मुख्यमंत्री को शहीद हेमराज के घर जाऊं या ना जाऊं सोचने में पांच दिन लग गए थे..!!!
हेमराज सिंह की अनशन पे बैठी पत्नी से बड़े बड़े वादे किये गए कि इतना पैसा देंगे सारे बच्चों की पढ़ाई का खर्चा उत्तर प्रदेश सरकार उठाएगी लेकिन आज तक उस विधवा औरत को कोई मदद नहीं मिली आज भी वो सारा खर्च खुद उठाने को बेबस है और आज फिर से अनशन पे बैठने की तैय्यारी कर रही है और वहीँ दूसरी और प्रवीण नौकरी और एक करोड़ रुपयों से आनंद की जिंदगी काट रही है .......!!!
जिस देश में शहीद हुए सैनिक और उनके परिवारों की ऐसी दुर्दशा हो और वोटों के लिए किसी पे अनावश्यक धन लुटाया जाए , उस देश में अपने जिगर के टुकड़ों को सेना में भेजने को कौन तैयार होगा...?
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