Thursday, December 12, 2013

नेहरू के वंशजों का मुग़ल खानदान से इतना प्रेम क्यों



नेहरू वंश बनाम मुग़ल खानदान ****************************

भारत में दिल्ली की सत्ता पर अधिकांश नेहरू खान दान का ही राज रहा है |

इस वंश या खानदान को काफी लोग मुग़ल खानदान से जोड़कर देखते है | ऐसा कहने का उनके पास अपना तर्क भी है, और वे लोग तर्क का आधार है बताते है नेहरू के सेक्रेटरी एम ओ मथाइ पुस्तक “रेमेनिसेंसेस ऑफ़ नेहरू एज” (जो भारत में प्रतिबंधित है) तथा के एन राव की पुस्तक “द नेहरू डायनेस्टी” |


ये पुस्तके नेहरू के करीबियों ने लिखी है, और इन में नेहरू परिवार के बारे में विस्तार से लिखा गया है | जो भी है पर हमारे पास ऐसा मानने के अलग तर्क है |

(१)-मुग़ल खानदान को भारत के इतिहास में इतना महत्वपूर्ण और विस्तृत रूप से क्यों पढाया जाता है क्यों ? मुग़ल कक्षा ६ से शुरू होकर बीए, एमए और फिर पीसीएस आईएएस की सर्वोच्च परीक्षाओ तक छात्रो और अभ्यर्थियों का पीछा नहीं छोड़ते है | यदि हम ज्यादा पीछे भी न जाएँ तो भी महाराजा परिक्षत से लेकर सम्राट पृथवीराज चौहान तक हमारा गौरवशाली इतिहास रहा है | इस कालखंड में हम सोने की चिड़िया और जगतगुरु रहे | पर पाठ्यक्रमो से सब गायब है |


(२)-८नवम्बर २०१० में भारत दौरे पर आये अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा को क्या हुमायूँ का मकबरा ही मिला था दिखाने के लिए ? दिल्ली में तो पुराना किला जैसी एक से एक हजारो वर्ष पुरानी इमारते है |


(३)- अफगानिस्तान स्थित बाबर की मजार पर बार- बार नेहरू खानदान के लोग क्यों जाते है ? २००४ में राहुल और प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह गए | इंदिरा गाँधी भी अपने कार्यकाल में गई | ये लोग प्रोटोकोल तोड़ कर गए, अफगान सरकार के मना करने पर गए, वह क्षेत्र तालिबानी आतंकवाद ग्रसित है तब भी गए क्यों ?


(४)– विश्व संस्था यूनेस्को ने इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया है की “भारत में एक से बढ़ कर एक गैर मुगलकालीन बेहतरीन ऐतिहासिक स्म्मारक स्थित है | पर न जाने क्यों यहाँ की सरकार मुगलकालीन स्मारकों की ही सिफारिश विश्व धरोहर की सूचि के लिए करती हैं | यहाँ की सरकारों को अपना नजरिया बदलना चाहिए | और गैर मुग़ल स्मारकों को भी सूचि के लिए भेजना चाहिए |


फ़िलहाल भारत की २७ स्मारक विश्व धरोहर सूचि में शामिल है लालकिला इनमे सबसे अंत में शामिल हुआ |” ये विचार एक कार्यक्रम के दौरे पर भारत आयी यूनेस्को की संस्कृति कार्यक्रम विशेषज्ञ मोइचिबा ने कहे | अब प्रश्न ये उठता है की मुग़ल स्मारकों से ही इतना मोह क्यों ?

वो भी ये विश्व संस्था कह रही है | आखिर नेहरू व नेहरू के वंशजों का मुग़ल खानदान से इतना प्रेम क्यों है ? मुगलों का इतिहास, बाबर की मजार, मुग़ल स्मारकों से बेहद लगाव का क्या कारण है ?

No comments:

Post a Comment

Paid मीडिया का रोल

क्या मोदी सरकार पिछली यूपीए सरकार की तुलना में मीडिया को अपने वश में ज्यादा कर रही हैं? . यह गलत धारणा पेड मीडिया द्वारा ही फैलाई गयी है ...