हकीकत खुद बा खुद बाहर आ जाएगी अगर अंधी भक्ति छोड़ दिया जाए तो
दिग्विजय सिंह - टीम अन्ना राजनीती में आये
सिब्बल- टीम अन्ना राजनीती में आये
केजरीवाल- हमारा राजनीती से कोई सरोकार नही , हम राजनीति में नही आयेगे ,हमको लोकपाल दो
अन्ना- मैं एक समाज सेवी हूँ , राजनीति से मतलब नही , हमको लोकपाल चाहिए , वो चाहिए जो जनता के हित में है
केजरीवाल और अन्ना(आपकी अदालत में) -हमारा कोई राजनैतिक उद्देश्य नही , हम देश के लिए मर जायेगे , बस लोकपाल दो , सिटिजन चार्टर लागू करो
केजरीवाल- बाबा राम देव कोई वी आई पी नही की उनको मंच पे बुलाया जाये
अन्ना - राम देव बहक जाते हैं , अगर आन्दोलन में भाग लेना है तो सामने की सीट पे बैठें जनता के साथ हमारे साथ मंच पे नही
अचानक से अन्ना का एक और बयान-''बाबा के साथ आन्दोलन करूँगा मिलकर अगस्त क्रान्ति आएगी
२५ जुलाई को केजरीवाल शिसोदिया और गोपाल राय अनशन करते हुए - सरकार चाहती है हम राजनीती में आये , हम आयेगे
संजय सिंह - मोदी हत्यारा है
२५ जुलाई के अनशन के दौरान अन्ना - हम राजनीती में आयेगे . उचित विकल्प देगे
बाद में अन्ना - केजरीवाल राजनीती से प्रेरित हैं , मैं उनका साथ छोड़ रहा हूँ .
केजरीवाल- अन्ना अगर चाहते हैं की पार्टी न बने तो नही बनेगी (मगर बन गई)
केजरीवाल-पार्टी - बनाने का फैसला अन्ना का था (फिर एक टोपी आई उसपे लिखा था मैं केजरीवाल हूँ)
अन्ना- इंडिया अगेंस्ट करेप्सन हमारा दिया हुआ नाम है उसे वापस करो
केजरीवाल - २६ नवम्बर को वापस कर देगे ये नाम
फिर
आम आदमी पार्टी बन गई (कांग्रेस का हाथ आम आदमी के साथ चरितार्थ हुआ )
केजरीवाल- हम योग्य लोगों को चुनकर सांसदों को संसद से भागायेगे
केजरीवाल- नरेन्द्र मोदी घोटाले बाज हैं (जिंदल वगैरह नही है ),
अन्ना - हमें विदेशी कम्पनी की जरुरत नही
(केजरीवाल ऍफ़ डी आई पे चुप )
(इतना सन्नाटा क्यों है भाई )
अन्ना- मैं केजरीवाल की पार्टी के सदस्यों का प्रचार करूँगा (ओये तेरी ये क्या )
अब आप लोग बताएं की ये सब क्या है
इसमें से एक भी बयान मैंने खुद नही लिखा है आप सबने देखा है टीवी पे या मंच पे
फैसला कीजिये
क्या चल रहा है
दिग्विजय सिंह - टीम अन्ना राजनीती में आये
सिब्बल- टीम अन्ना राजनीती में आये
केजरीवाल- हमारा राजनीती से कोई सरोकार नही , हम राजनीति में नही आयेगे ,हमको लोकपाल दो
अन्ना- मैं एक समाज सेवी हूँ , राजनीति से मतलब नही , हमको लोकपाल चाहिए , वो चाहिए जो जनता के हित में है
केजरीवाल और अन्ना(आपकी अदालत में) -हमारा कोई राजनैतिक उद्देश्य नही , हम देश के लिए मर जायेगे , बस लोकपाल दो , सिटिजन चार्टर लागू करो
केजरीवाल- बाबा राम देव कोई वी आई पी नही की उनको मंच पे बुलाया जाये
अन्ना - राम देव बहक जाते हैं , अगर आन्दोलन में भाग लेना है तो सामने की सीट पे बैठें जनता के साथ हमारे साथ मंच पे नही
अचानक से अन्ना का एक और बयान-''बाबा के साथ आन्दोलन करूँगा मिलकर अगस्त क्रान्ति आएगी
२५ जुलाई को केजरीवाल शिसोदिया और गोपाल राय अनशन करते हुए - सरकार चाहती है हम राजनीती में आये , हम आयेगे
संजय सिंह - मोदी हत्यारा है
२५ जुलाई के अनशन के दौरान अन्ना - हम राजनीती में आयेगे . उचित विकल्प देगे
बाद में अन्ना - केजरीवाल राजनीती से प्रेरित हैं , मैं उनका साथ छोड़ रहा हूँ .
केजरीवाल- अन्ना अगर चाहते हैं की पार्टी न बने तो नही बनेगी (मगर बन गई)
केजरीवाल-पार्टी - बनाने का फैसला अन्ना का था (फिर एक टोपी आई उसपे लिखा था मैं केजरीवाल हूँ)
अन्ना- इंडिया अगेंस्ट करेप्सन हमारा दिया हुआ नाम है उसे वापस करो
केजरीवाल - २६ नवम्बर को वापस कर देगे ये नाम
फिर
आम आदमी पार्टी बन गई (कांग्रेस का हाथ आम आदमी के साथ चरितार्थ हुआ )
केजरीवाल- हम योग्य लोगों को चुनकर सांसदों को संसद से भागायेगे
केजरीवाल- नरेन्द्र मोदी घोटाले बाज हैं (जिंदल वगैरह नही है ),
अन्ना - हमें विदेशी कम्पनी की जरुरत नही
(केजरीवाल ऍफ़ डी आई पे चुप )
(इतना सन्नाटा क्यों है भाई )
अन्ना- मैं केजरीवाल की पार्टी के सदस्यों का प्रचार करूँगा (ओये तेरी ये क्या )
अब आप लोग बताएं की ये सब क्या है
इसमें से एक भी बयान मैंने खुद नही लिखा है आप सबने देखा है टीवी पे या मंच पे
फैसला कीजिये
क्या चल रहा है
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